पहले बीजेपी नेता से मुलाकात अब बढ़ा दी गई सिक्योरिटी, तेज प्रताप पर बीजेपी क्यों लुटा रही प्यार?

बिहार विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए सभी दल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। भले ही पहले चरण का मतदान हो चुका हो लेकिन दूसरे चरण के लिए सभी दलों के नेताओं ने पूरा दम ख़म लगा दिया है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए सभी दल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। भले ही पहले चरण का मतदान हो चुका हो लेकिन दूसरे चरण के लिए सभी दलों के नेताओं ने पूरा दम ख़म लगा दिया है।

महागठबंधन के बढ़ते कद के बीच ऐसा कुछ हुआ है जिससे सियासी बवाल मच गया है। अटकलों का बाजार गर्म है और कयास लगाई जा रही है कि आखिर ये जो कुछ भी हो रहा है ये क्या भाजपा के इशारों पर हो रहा है या कुछ और है। खैर हम बात कर रहे हैं लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की सिक्योरिटी की। जी हाँ दरअसल तेज प्रताप यादव की केंद्र सरकार ने सिक्योरिटी बढ़ा दी है उन्हें ग्राह मंत्रालय की तरफ से Y+ सिक्योरिटी प्रदान की गई हैजिसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है।

बिहार चुनाव के बीच जनशक्ति जनता दल सुप्रीमो तेज प्रताप यादव को Y+ सिक्योरिटी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुहैया करा दी। गृह मंत्रालय ने उन्हें तत्काल प्रभाव से Y प्लस सिक्योरिटी दी है। लेकिन सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि ये फैसला ऐसे समय में आया है, जब पटना एयरपोर्ट पर उनकी मुलाकात बीजेपी सांसद रवि किशन से शनिवार दोपहर को हुई थी। देर रात तेज प्रताप की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई। एयरपोर्ट पर मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के कानों में कुछ कहा था। हालांकि, ये महज संयोग भी हो सकता है, दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता। रवि किशन और तेज प्रताप की दो मुलाकातों ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी है। क्या ये महज इत्तेफाक है या तेज प्रताप के एनडीए में शामिल होने की कोई बड़ी पटकथा लिखी जा रही है?

बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों की एक विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर तेज प्रताप की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है। रिपोर्ट में उनकी जान को संभावित खतरा बताया गया था। Y+ कैटेगरी की सुरक्षा के तहत, तेज प्रताप को अब 11 आर्म्ड पुलिस कमांडो मिलेंगे, जिनमें 5 स्टैटिक जवान और 6 पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर शामिल होंगे। इस हाई-प्रोफाइल सुरक्षा के बाद बिहार की राजनीति में समीकरण बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं। तेज प्रताप यादव ने पहले कहा था कि वो बेरोजगारी दूर करने वाले किसी भी व्यक्ति या पार्टी के साथ जा सकते हैं। बीजेपी सांसद रवि किशन से उनकी गर्मजोशी भरी मुलाकात और फिर अचानक मिली Y+ सुरक्षा, इन सभी घटनाओं को जोड़कर देखा जा रहा है।

हालांकि तत्काल प्रभाव से बढ़ाई गई सिक्योरिटी को लेकर लोगों का कहना है कि इसमें भी भाजपा की कोई सोची समझी चाल हो सकती है। पटना एयरपोर्ट पर तेज प्रताप यादव और बीजेपी सांसद रवि किशन की मुलाकातें सियासी पंडितों के लिए एक बड़ा संकेत मानी जा रही हैं। दोनों नेता एक ही समय पर एयरपोर्ट पर मौजूद थे और मीडिया के सामने आपस में कानों में बात करते दिखे। रवि किशन ने तेज प्रताप को भगवान शिव का भक्त बताया और कहा कि शंखनाथ भी साथ ही होगा। हालांकि, तेज प्रताप ने इसे महज एक ‘संयोग’ करार दिया। हालांकि तेज प्रताप और रवि किशन भले ही इस मुलाकात को महज इत्तेफाक बता रहे हों लेकिन असल में ये एक सोची समझी सियासी साजिश भी हो सकती है।

खैर जानकारी के आपको बता दें कि तेज प्रताप यादव ने आरजेडी से निकाले जाने के बाद अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ बनाई थी। इसके बाद उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के तहत कई सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और खुद भी राजद की परंपरागत महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। महुआ सीट पर 6 नवंबर को पहले फेज में वोटिंग हो चुकी है, जिसके बाद तेज प्रताप दूसरे फेज में चुनाव लड़ रहे अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में खूब प्रचार कर रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि तेज प्रताप यादव ने के खिलाफ तेजस्वी यादव ने महुआ के राजद प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार किया था, जिसके चलते जवाबी रुख अपनाते हुए तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी की सीट राघोपुर में, जनशक्ति जनता दल के प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार किया था।

तेज प्रताप यादव आरजेडी से निकाले जाने और तेजस्वी यादव के महुआ सीट पर उनके खिलाफ प्रचार करने का बाद अपने ही भाई के खिलाफ ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। हाल ही में एक वीडियो में सामने आया था, जिसमें एयरपोर्ट में तेज प्रताप शॉपिंग कर रहे थे, जबकि तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी के साथ पहुंचे थे। इस दौरान दोनों भाइयों की नजरें तो मिली, लेकिन दोनों ने ही एक दूसरे से मुलाकात नहीं की।

इसके चलते यह कयास भी लगाए जाने लगे कि क्या तेज प्रताप और तेजस्वी में खटास निजी तौर पर भी बढ़ गई है। हालांकि तेज प्रताप से महुआ से लड़ने को लेकर आरजेडी नेत्री राबड़ी देवी ये कह चुकी हैं, कि वो तेज प्रताप की जीत चाहती हैं, जबकि दबें मुंह रोहिणी आचार्य भी तेज प्रताप को जीत का आशीर्वाद देने की बात कह चुकी हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि बिहार के चुनावी घमासान के बीच लगातार दो बार पटना एयरपोर्ट पर जेजेडी चीफ तेज प्रताप यादव और बीजेपी सांसद रवि किशन की मुलाकात हुई। इस दौरान तेज प्रताप ने कहा कि संयोग है इस दौरान दोनों ही एक दूसरे की जमकर तारीफ भी कर चुके हैं।

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि तेज प्रताप ने खुलकर यह कहा है कि वे दोबारा आरजेडी में कभी नहीं जाएंगे। दूसरी ओर जब से तेजस्वी के खिलाफ आक्रामक तेज प्रताप आक्रामक हुए हैं, तब से तेज प्रताप को लेकर एनडीए और खासकर बीजेपी नेताओं का रुख काफी नर्म हो हुआ है। टीवी डिबेट्स से लेकर सोशल मीडिया तक, बीजेपी नेता और प्रवक्ता कई मुद्दों पर तेज प्रताप की तारीफ करते दिखे हैं। और अब तेज प्रताप की सिक्योरिटी बढ़ा दी है ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर मोदी-शाह और भाजपा तेज प्रताप पर इतनी मेहरबान क्यों है। खैर इतना ही नहीं सवाल तो ये भी उठ रहा है कि तेज प्रताप द्वारा हाल ही में बनाई गई पार्टी को कितनी फंडिंग कहाँ से की जा रही है कि VVIP तरीके से गाड़ियों का काफिला निकल रहा है और हेलीकॉटर से भी प्रचार हो रहा है।

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