सोशल मीडिया पर तूफान, रिवाबा जडेजा की इंगेजमेंट फीकी… ये लेडी कौन है?
गुजरात की एक महिला ने सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया है... उस लेडी ने बीजेपी मंत्री को भी पीछे छोड़ दिया है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात की राजनीति और सरकारी नौकरियों की दुनिया में दो महिलाओं के नाम इन दिनों खूब चर्चा में हैं.. एक तरफ हैं क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा.. जो जामनगर उत्तर से भाजपा की विधायक हैं.. और हाल ही में गुजरात सरकार में राज्य मंत्री बनीं.. दूसरी तरफ हैं वनिता बारिया, जो दाहोद जिले में तलाटी कम मंत्री (ग्राम पंचायत सचिव) के पद पर तैनात हैं.. रिवाबा जडेजा जैसे बड़े नाम के बावजूद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वनिता बारिया की पोस्ट्स को ज्यादा लाइक्स, रीपोस्ट और कमेंट्स मिल रहे हैं.. यह तुलना गुजरात के ग्रामीण इलाकों से आने वाली साधारण महिला की ताकत को दिखाती है..
रिवाबा जडेजा का असली नाम रिवाबा रविंद्रसिंह जडेजा है.. वह 1988 में जन्मीं और राजकोट के एक ब्राह्मण परिवार में पली-बढ़ीं.. उनकी शिक्षा एमएस यूनिवर्सिटी, वडोदरा से हुई.. जहां उन्होंने एमएससी की डिग्री ली.. 2016 में रविंद्र जडेजा से शादी के बाद वह सुर्खियों में आईं.. रविंद्र जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर हैं.. जिन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 में 300 से ज्यादा विकेट लिए हैं.. शादी के बाद रिवाबा ने फैमिली बिजनेस संभाला.. लेकिन 2019 में राजनीति में कदम रखा..
भाजपा में शामिल होने के बाद रिवाबा ने जामनगर उत्तर विधानसभा सीट से 2022 के चुनाव लड़ा.. और उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार मंजुला बेन धनजी भाई को 20,000 से ज्यादा वोटों से हराया.. यह उनकी पहली राजनीतिक जीत थी.. चुनाव के दौरान रविंद्र जडेजा ने खुलकर उनका समर्थन किया.. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह रिवाबा का पहला चुनाव है.. वह लोगों की मदद करना चाहती हैं और पीएम मोदी के रास्ते पर चलना चाहती हैं.. रिवाबा की जीत में जडेजा फैमिली की लोकप्रियता का बड़ा हाथ था..
2025 में गुजरात सरकार के पुनर्गठन में रिवाबा को राज्य मंत्री बनाया गया.. वह प्राथमिक, माध्यमिक और वयस्क शिक्षा विभाग संभाल रही हैं.. शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्टूबर 2025 को हुआ.. जहां मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उन्हें पद सौंपा.. यह नियुक्ति गुजरात की राजनीति में महिलाओं के लिए एक मिसाल है.. रिवाबा ने कहा कि मैं शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाना चाहती हूं.. खासकर ग्रामीण लड़कियों के लिए.. उनकी नियुक्ति पर सोशल मीडिया पर खुशी की लहर दौड़ी.. लेकिन कुछ विवाद भी हुए.. कुछ लोगों ने उनके साड़ी पहनने के अंदाज को ‘सनातनी’ बताया.. जबकि वामपंथी समर्थकों ने इसे पारंपरिक बंधन कहा..
रिवाबा की सोशल मीडिया उपस्थिति मजबूत है.. लेकिन सक्रियता कम है.. एक्स पर उनका हैंडल @Rivaba4BJP है.. जहां 1 लाख 44 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.. वह सिर्फ 6 लोगों को फॉलो करती हैं.. ज्यादातर भाजपा लीडर्स है.. उनकी पोस्ट्स मुख्य रूप से राजनीतिक हैं.. जैसे रामचरितमानस की तारीफ या जडेजा की जन्मदिन की शुभकामनाएं.. एक पुरानी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मुस्कुराहट इसलिए है कि जिंदगी से हार न मानने का वादा है.. लेकिन हाल की पोस्ट्स में एंगेजमेंट कम है.. औसतन 20-50 लाइक्स। इंस्टाग्राम पर उनके 30 लाख फॉलोअर्स हैं.. लेकिन वहां भी पोस्ट्स कम हैं.. रिवाबा का फोकस ऑफलाइन काम पर ज्यादा है..
वहीं अब बात वनिता बारिया की.. वह दाहोद जिले के एक छोटे से गांव से हैं.. जो गुजरात के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार है.. दाहोद आदिवासी बहुल इलाका है.. जहां साक्षरता दर 60% से कम है.. वनिता 1990 के दशक में पैदा हुईं.. उनके पिता भी तलाटी थे.. जो ग्राम पंचायत के राजस्व रिकॉर्ड संभालते थे.. वनिता ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए 2013 में तलाटी कम मंत्री की भर्ती परीक्षा पास की.. यह पद गुजरात सरकार का ग्रामीण स्तर का महत्वपूर्ण जॉब है.. जहां तलाटी (लेखपाल) राजस्व, जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन और पंचायत काम संभालते हैं..
वनिता की तैनाती जसपारा गांव में हुई.. वहां वह रोजाना गांववालों की समस्याएं सुलझाती हैं.. जैसे जमीन के दस्तावेज, सरकारी योजनाओं का लाभ.. लेकिन वनिता की असली पहचान सोशल मीडिया से बनी.. जिसका बायो है Government of Gujarat.. आज उनके 72 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.. जबकि वह सिर्फ 52 लोगों को फॉलो करती हैं.. उनकी पोस्ट्स गुजराती में होती हैं.. जो ग्रामीण यूजर्स को सीधे छूती हैं..
वनिता की लोकप्रियता का राज है उनका कंटेंट.. वह प्रेरक विचार शेयर करती हैं.. जैसे मजबूत स्त्री अपनी शक्ति को ताजगी की तरह पहनती है.. वहीं वह अपनी ड्यूटी की तस्वीरें डालती हैं.. जैसे गांव में सर्वे करते हुए या वेस्टर्न ड्रेस में स्माइलिंग.. पंजाबी सूट या साड़ी में फोटोज भी वायरल होती हैं.. वनिता लिखने की शौकीन हैं.. वह मौलिक कविताएं लिखती हैं.. जैसे “ठंडी तारी अनोखी रीत.. भर शियाले बांधी सावन साथे प्रीत.. यह पोस्ट 1 लाख से ज्यादा व्यूज पा चुकी है..
खास बात यह है कि वनिता सरकारी नौकरी के टिप्स देती हैं.. तलाटी परीक्षा की तैयारी करने वालों को गाइड करती हैं.. जैसे “पढ़ाई में रेगुलर रहो, मॉक टेस्ट दो.. 2023 की तलाटी भर्ती में हजारों कैंडिडेट्स ने उनकी सलाह फॉलो की.. एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि Ignore everything with smile।.. इसे 1 लाख 14 हजार व्यूज और 2 हजार लाइक्स मिले.. वनिता की पोस्ट्स रिवाबा से 5-10 गुना ज्यादा एंगेजमेंट पाती हैं.. रिवाबा की एक पोस्ट को 23 लाइक्स मिले.. जबकि वनिता की को 635.
रिवाबा के 1.44 लाख फॉलोअर्स के मुकाबले वनिता के 72 हजार कम हैं.. लेकिन एंगेजमेंट में वनिता आगे हैं.. एक्स एनालिटिक्स के मुताबिक, वनिता की औसत पोस्ट को 10-20 हजार व्यूज मिलते हैं.. जबकि रिवाबा की 2-5 हजार। क्यों? रिवाबा की पोस्ट्स पॉलिटिकल हैं.. जो शहरों के यूजर्स को अट्रैक्ट करती हैं.. वनिता की लोकल और रिलेटेबल हैं.. गुजराती भाषा, ग्रामीण लाइफ, मोटिवेशन.. एक रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में 60% एक्स यूजर्स ग्रामीण हैं.. जो वनिता को फायदा देता है..
Zee News की एक रिपोर्ट में कहा गया कि वनिता बारिया X पर एंगेजमेंट में रिवाबा को पीछे छोड़ रही हैं.. इसी तरह, नवभारत टाइम्स ने लिखा कि कौन हैं ये मंत्री साहिबा जो सोशल मीडिया पर मिनिस्टर रिवाबा को पीछे छोड़ रही हैं.. वनिता की पोस्ट्स पर कमेंट्स जैसे बहुत प्रेरणा मिलती है दीदी या तलाटी बनने का टिप्स थैंक्स भरे पड़े हैं.. रिवाबा की पोस्ट्स पर पॉलिटिकल डिबेट ज्यादा होता है..
वनिता की सफलता ग्रामीण गुजरात की सच्चाई दिखाती है.. दाहोद जैसे इलाके में इंटरनेट पहुंच बढ़ी है.. लेकिन कंटेंट लोकल नहीं मिलता.. वनिता ने यह गैप भरा.. वह अपनी ड्यूटी की चुनौतियां शेयर करती हैं.. जैसे बारिश में गांव घूमना या आदिवासी परिवारों की मदद.. उनकी फैमिली बैकग्राउंड भी प्रेरणा है.. पिता के पदचिन्हों पर चलकर तलाटी बनीं.. जैसे डॉक्टर का बेटा डॉक्टर.. वनिता कहती हैं,.. मैं लिखने का शौक रखती हूं.. सोशल मीडिया से लोगों को मार्गदर्शन देना अच्छा लगता है.. 2023 में तलाटी परीक्षा के दौरान उन्होंने कैंडिडेट्स को मोटिवेट किया.. गुजरात सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, तलाटी पद पर 5 हजार से ज्यादा वैकेंसी थीं.. और वनिता जैसे प्रोफेशनल्स ने युवाओं को प्रेरित किया..
रिवाबा सोशल मीडिया पर कम एक्टिव रहती हैं.. उनका फोकस विधानसभा और मंत्री काम पर है.. 2025 में उन्होंने जामनगर में 100 स्कूलों का दौरा किया.. जहां शिक्षा सुधार पर जोर दिया.. एक इंस्टाग्राम रील में दिखाया गया कि एजुकेशन मिनिस्टर रिवाबा जडेजा का रिमार्केबल जर्नी.. लेकिन एक्स पर उनकी पोस्ट्स साल में 10-15 ही आती हैं.. वह फॉलोअर्स को पॉलिटिकल अपडेट देती हैं.. जैसे मोदी का परिवार 140 करोड़ भारतीय हैं.. यह पोस्ट को 2 हजार से ज्यादा व्यूज मिले..
रिवाबा की ताकत उनकी पर्सनल ब्रांडिंग है.. जडेजा फैमिली की वजह से नेशनल अटेंशन मिलता है.. 2022 चुनाव में ANI ने रिपोर्ट किया कि रविंद्र जडेजा ने कहा.. रिवाबा महिलाओं को प्रेरित करेंगी.. लेकिन वनिता की तरह लोकल कनेक्शन कम है.. यह तुलना दिखाती है कि सोशल मीडिया अब ग्रामीण महिलाओं को प्लेटफॉर्म दे रहा है.. गुजरात में 2 करोड़ से ज्यादा एक्स यूजर्स हैं.. जिनमें 40% महिलाएं.. वनिता जैसी प्रोफाइल्स युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए मोटिवेट कर रही हैं.. 2023 तलाटी भर्ती में 4 लाख कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया.. जिसमें वनिता की सलाह का हाथ था..



