गुजरात में AAP का बढ़ता खतरा, जनाधार घटने से BJP बैकफुट पर
गुजरात की राजनीति में हलचल तेज है... AAP के बढ़ते विस्तार और खिसकते जनाधार ने BJP की चिंता बढ़ा दी है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात को कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गढ़ माना जाता था.. लेकिन आज के समय में राजनीतिक उथल-पुथल का केंद्र बन चुका है.. यहां भारतीय जनता पार्टी का जनाधार धीरे-धीरे कम हो रहा है.. जबकि आम आदमी पार्टी तेजी से अपनी जड़ें जमा रही है.. 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले BJP पर दबाव बढ़ता जा रहा है.. वहीं इस दबाव को कम करने के लिए मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर.. AAP को कमजोर करने की कोशिश कर रही है… साथ ही मोदी को गुजरात में बार-बार जाना पड़ रहा है.. ताकि अपनी पकड़ मजबूत रख सकें..
गुजरात की राजनीति हमेशा से राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण रही है.. .1980 से BJP यहां लगातार सत्ता में है.. और मोदी के मुख्यमंत्री रहते.. यह राज्य विकास का प्रतीक बन गया.. लेकिन 2022 के विधानसभा चुनावों में AAP ने 5 सीटें जीतकर अपनी एंट्री मार्क की.. उसके बाद 2024 के लोकसभा चुनावों में BJP का वोट शेयर गिरा.. और 2025 में हुए उपचुनावों में AAP ने एक सीट पर जीत हासिल की.. वहीं ये बदलाव BJP को चिंतित कर रहे हैं.. AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में कहा कि BJP गुजरात की मिट्टी पर बोझ बन गई है.. यह बयान नवंबर 2025 में दिया गया.. जब केजरीवाल ने BJP पर हमला बोला..
आपको बता दें AAP की गुजरात में शुरुआत 2012 में हुई.. जब पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाया.. लेकिन असली ब्रेकथ्रू 2022 के चुनावों में आया.. जब AAP ने 13% वोट शेयर हासिल किया.. दिल्ली और पंजाब में सफल मॉडल को गुजरात में दोहराने की कोशिश की गई.. जिसमें सस्ती बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल थी.. 2024 के लोकसभा चुनावों में AAP ने BJP के खिलाफ मजबूत लॉबी बनाई.. कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिशें भले ही नाकाम रहीं.. लेकिन AAP ने स्वतंत्र रूप से ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में समर्थन बढ़ाया…
2025 में AAP ने अपनी रणनीति तेज कर दी.. अप्रैल में पार्टी ने दुर्गेश पाठक को गुजरात चुनावों का सह-प्रभारी नियुक्त किया.. पाठक दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष हैं.. उन्होंने गुजरात में संगठन मजबूत करने का काम शुरू किया.. AAP ने दावा किया कि 2027 चुनावों में वे BJP को कड़ी टक्कर देंगे.. केजरीवाल ने कई रैलियां की.. जहां उन्होंने BJP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.. एक रिपोर्ट के मुताबिक AAP के सदस्यों की संख्या 2025 में दोगुनी हो गई.. वहीं यह उदय BJP के लिए खतरा बन गया.. क्योंकि AAP युवाओं और मध्यम वर्ग को आकर्षित कर रही है.. जो पहले BJP का वोट बैंक था..
बता दें कि गुजरात में BJP का वर्चस्व अब चुनौतीपूर्ण हो रहा है.. 2024 के लोकसभा चुनावों में BJP का वोट शेयर 63.11% से गिरकर 61.86% रह गया.. यानी 1.25 प्रतिशत की कमी आई.. यह गिरावट खासकर ग्रामीण इलाकों में देखी गई.. जहां 2019 की तुलना में 40 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में BJP का लीड कम हुआ.. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार हेट-ट्रिक के बावजूद गुजरात BJP की नई चिंता बन गया है.. ग्रामीण असंतोष, बेरोजगारी और महंगाई मुख्य कारण हैं..
2025 में जून के उपचुनावों ने स्थिति और स्पष्ट की.. विसावदर-कड़ी सीटों पर AAP के गोपाल इटालिया ने जीत हासिल की.. यह BJP के लिए झटका था.. क्योंकि विसावदर पर उनका पारंपरिक मजबूत वोट बैंक था.. ओपइंडिया की रिपोर्ट में कहा गया कि कांग्रेस AAP की B टीम बन गई.. जबकि BJP में आंतरिक कलह बढ़ रही है.. कांग्रेस का वोट शेयर भी गिरा.. जो AAP को फायदा पहुंचा रहा है..
बता दें एंटी-इनकंबेंसी का असर साफ दिख रहा है.. अक्टूबर 2025 में BJP ने भूपेंद्र पटेल मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया.. जो 30 साल पुरानी सरकार के खिलाफ असंतोष को कम करने की कोशिश थी.. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक BJP एंटी-इनकंबेंसी.. और AAP के उदय के बीच फंसी हुई है.. सर्वे भी यही बताते हैं.. एक हालिया पोल में 35% गुजराती मतदाताओं ने कहा कि वे विकास के वादों पर BJP से नाराज हैं.. कांग्रेस का भी पतन हो रहा है.. 1961 के बाद पहली बार 2025 में अहमदाबाद में AICC कन्वेंशन हुआ.. लेकिन पार्टी कमजोर दिखी.. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कुछ कांग्रेसी नेता BJP से सांठगांठ कर रहे हैं..
वहीं यह घटता जनाधार 2027 चुनावों के लिए खतरे की घंटी है.. BJP को लगता है कि AAP कांग्रेस के वोट काट रही है.. लेकिन वास्तव में AAP नया वोट बैंक बना रही है.. प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के बेटे हैं.. लेकिन 2014 से दिल्ली आने के बाद भी उनका राज्य से लगाव बना रहा.. 2025 में उनकी यात्राएं रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं.. कम से कम 5 बड़ी यात्राएं की.. बता दें यह संख्या बताती है कि BJP को अपनी जमीन संभालने के लिए मोदी की जरूरत है..
जानकारी के मुताबिक मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद मई में पहली यात्रा की.. और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया.. 20 सितंबर 2025 को भवनगर और लोथल में समुद्री विरासत परियोजनाओं का उद्घाटन किया.. एक रोड शो भी किया.. जहां ऑपरेशन सिंदूर को हाइलाइट किया गया.. उसके बाद सितंबर 2025 में मोदी मे फिर विकास परियोजनाओं की नींव रखी.. वहीं अक्टूबर महीने में एक्टा नगर, केवाड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में शामिल हुए… और विकास कार्यक्रमों में हिस्सा लिया… एक बार फिर से 15 नवंबर 2025 को नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में भगवान विरसा मुंडी की 150वीं जयंती समारोह में शामिल हुए…
वहीं ये यात्राएं सिर्फ विकास की नहीं… बल्कि राजनीतिक रैलियों का रूप ले रही हैं.. मोदी हर बार स्थानीय मुद्दों पर बोलते हैं.. जिसमें बेरोजगारी कम करना, किसानों की आय दोगुनी करना सहित तमाम मुद्दे शामिल है.. लेकिन जमीन पर असल में कोई मुद्दे दिखाई नहीं देते है.. सब कागज में ही सिमट कर रह जाते है.. आपको बता दें बीजेपी इस तरह की बातें करके अपने घटते जनाधार को छिपाने की कोशिश कर रही है… वहीं अगर 2022 के आंकड़ों से तुलना करें तो 2025 में यात्राओं की संख्या 50% ज्यादा है.. गुजरात में मोदी की कुल यात्राएं 62 के करीब पहुंच चुकी हैं.. वहीं मोदी का गुजरात बार-बार जाना BJP की चिंता को दर्शाता है…
BJP पर सबसे बड़ा आरोप है कि वे AAP को कमजोर करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं… अप्रैल 2025 में CBI ने AAP के दुर्गेश पाठक के घर पर छापा मारा.. पाठक गुजरात चुनावों के सह-प्रभारी थे… AAP ने इसे राजनीतिक बदला बताया.. पार्टी प्रवक्ता अतिशी ने कहा कि BJP AAP से डर रही है.. इसलिए CBI का इस्तेमाल कर रही है.. NDTV की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि छापा गुजरात चुनावों से जुड़ा था..
वहीं यह पहली घटना नहीं है.. अगस्त 2025 में ED ने AAP नेता सौरभ भारद्वाज के घर पर छापा मारा था.. जिसको लेकर केजरीवाल ने कहा कि AAP मोदी सरकार के खिलाफ सबसे मुखर आवाज है.. इसलिए निशाना बनाई जा रही है.. हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार 2022 से ही BJP, AAP को क्रश करने की कोशिश कर रही है.. पंजाब में AAP-BJP टकराव का भी गुजरात कनेक्शन है.. AAP वहां BJP के वोट काट रही है..
AAP नेता संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार CBI का इस्तेमाल कर AAP को तोड़ना चाहती है.. राघव चड्ढा ने 2022 में ही चेतावनी दी थी कि BJP केंद्रीय एजेंसियों से AAP को नष्ट करना चाहती है.. ये घटनाएं प्रमाणित हैं कि BJP, AAP के नेताओं पर दबाव डाल रही है.. गुजरात BJP का लैबोरेटरी है.. जैसा कि JP नड्डा ने कहा था.. लेकिन 2024 के चुनावों में मोदी को पूर्ण बहुमत न मिलना.. सबसे बड़ा घटते जनाधार का उदाहरण है.. BJP 303 से 240 सीटों पर सिमट गई.. उसने राष्ट्रीय स्तर पर संकेत दिया.. और गुजरात में यह असर ज्यादा दिखा.. जिसको लेकर राहुल गांधी ने कहा कि BJP का मुख्य गढ़ गुजरात है.. इसे हराना जरूरी है..



