वोट चोरी का खुलासा रोकने के लिए मोदी-शाह की चाल, बाहर आ गया पूरा सच!

मोदी-शाह और ज्ञानेश कुमार वोट चोरी के आरोपों से इतना डरे हुए हैं कि, वह राहुल गांधी को गिराने के लिए हर तरह का हथकंडा अपना रहे हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: मोदी-शाह और ज्ञानेश कुमार वोट चोरी के आरोपों से इतना डरे हुए हैं कि, वह राहुल गांधी को गिराने के लिए हर तरह का हथकंडा अपना रहे हैं। मोदी शाह जब वोट चोरी के सबूतों को छुपाने में नाकाम होने लगे और मीडिया के सवालों में घिरने लगे तो उन्होंने 272 ऐसे सो कॉल्ड इंटेलेक्चुअल्स को अपना मुर्गा बनाया जिनके कंधे पर बंदूक रख कर राहुल गांधी को निशाना बनाया जा सके।

लेकिन कांग्रेस ने जब उन सो कॉल्ड नामचीन हस्तियों का मुखौटा उठाया तो कोई अंदर से संघी तो कोई भाजपाई निकला, कोई भ्रष्टाचारी तो कोई लड़कियों को छेड़ने में एक्सपर्ट निकला। तो वह 272 इंटेलेक्चुअल कौन थे जिन्होंने राहुल गांधी के वोट चोरी अभियान को रोकने के लिए सरकार के मोदी शाह के इशारों पर ओपन लेटर लिखा और इसके पूछे सरकार की मंशा क्या थी, सब बताएंगे आपको इस रिपोर्ट में।

राहुल गांधी जिस गति से वोट चोरी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, उससे एक बात तो साफ हो गई है कि मोदी शाह और ज्ञानेश कुमार दबाव महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि राहुल गांधी को रोकने के लिए मोदी-शाह हर तरह का हथकंडा अपना रहे हैं । अभी कुछ दिन पहले ही एक और हथकंडा अपनाया गया जिसे गोदी मीडिया ने बढ़ा चढ़ा कर चलाया था। दरअसल, जब मोदी-शाह को समझ में आ गया कि बिहार चुनाव हारने के बाद राहुल गाँधी ने चुनाव आयोग पर हमला और तेज कर दिया है और इससे उनकी पोल खुल सकती है तो उन्होंने ने सो कॉल्ड 272 इंटेलेक्चुअल को मैदान में उतारा, जिनसे एक ओपन लेटर लिखवाया गया।

इस लेटर में लोकसभा में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा गया कि राहुल लगातार चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं की साख कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अनावश्यक अविश्वास फैल रहा है। लेटर के माध्यम से ये बताने की कोशिश की गई कि राहुल गांधी राजनीतिक हताशा को छिपाने के लिए संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं। लेटर में यह भी कहा गया कि चुनाव आयोग भारत की चुनाव प्रणाली का सबसे अहम स्तंभ है। उस पर बार-बार सवाल उठाने से जनता का भरोसा कमजोर होता है और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है। अब देखिए इस लेटर के बाहर आते ही गोदी मीडिया कैसे नाचने लगा। उसने इस खबर को ऐसे लपका जैसे सामने किसी ने रसगुल्ला रख दिया हो।

अंजना ओम कश्यप, रुबिका लियाकत, सुधीर चौधरी जैसे बड़े-बड़े गोदी एंकर उछल-उछल कर बताने लगे कि देखिए राहुल गांधी के खिलाफ देश के नामचीन हस्तियों ने मोर्चा खोल दिया है। सबने बड़ी बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ चलाई लेकिन किसी ने ये नहीं बताया कि लेटर लिखने वाली ये हस्तियां कितनी संघी हैं और कितनी सरकार की चाटुकार। अब देखिए ये पहली बार नहीं था जब देश के बुद्धिजीवी वर्ग ने कोई ऐसे कोई लेटर जारी किया है। पिछले 11 सालों में ऐसे बहुत सारे लेटर मोदी सरकार के खिलाफ जारी किए जा चुके हैं, लेकिन गोदी मीडिया ने कभी इसकी कोई खबर नहीं चलाई।

लेकिन जैसे ही इन सरकारी चेलों ने कोई लेटर लिखा उसको तुरंत मोर्चा का नाम दे दिया गया,ताकि लोगों को भ्रमित किया जा सके। अब देखिए जिनको गोदी मीडिया ने 272 लोगों को नामचीन बताया उन 272 नामों में जब एक एक के पीछे जाकर देखा गया तो कोई संघी तो कोई भाजपाई निकला। कोई सरकार का चाटुकार तो कोई भ्रष्टाचारी और रंगरसिया निकला।

आइए अब जानते हैं राहुल गांधी को वोट चोरी का खुलासा करने से रोकने के पीछे यह 272 चेहरे कौन थे। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट ने अपने एक्स हैंडल पर इन सभी की असली पहचान उजागर की है। सुप्रिया श्रीनेट ने बीके सिंह की फोटो शेयर करते हुए लिखा कि – यह बी.के. सिंह हैं। ये भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी हैं। आय से ज़्यादा संपत्ति के मामले में आरोपी हैं। बजाय अपने भ्रष्टाचार के जवाब देने के ये राहुल गांधी के ख़िलाफ़ चिट्ठी लिख रहे हैं। इसके बाद सुप्रिया ने रमेश झालकी का चिट्ठा खोला।

इनको लेकर सुप्रिया ने लिखा कि यह कर्नाटक के प्रधान सचिव रहे हैं। और ये आय से ज़्यादा संपत्ति मामले में आरोपी हैं । इनके पास से 3.5 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली, आधा किलो सोना, दो घर, दो फ्लैट, 1 प्लॉट मिला। ये सब कहाँ से आया ये बताने के बजाय ये राहुल गांधी के ख़िलाफ़ चिट्ठी लिख रहे हैं। इसके बाद नंबर आया ए.के. मोनप्पा का जो कर्नाटक के पूर्व सचिव हैं। यह KPSC परीक्षा घोटाला और BDA म्यूचुअल फंड घोटाले में आरोपी हैं। इस विभूति ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ चिट्ठी लिखी है। फिर उन 272 इंटेलेक्चुअल में राम नारायण सिंह का नाम आया जो उत्तर प्रदेश के DGP पद से रिटायर हुए हैं। इनके घर से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापे में 3 करोड़ से तो ज़्यादा कैश बरामद हुआ था।

इसी तरह इस लिस्ट में एल.वी. सुब्रह्मण्यम का नाम शामिल है, जो आंध्रप्रदेश में मुख्य सचिव रहे हैं। इनपर एक रियल एस्टेट घोटाले में इनके ख़िलाफ़ मुकदमा चल रहा है। इसके बाद ये हैं दीपक सिंघल जो उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव रहे हैं। यह 1500 करोड़ रुपए के गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में आरोपी हैं । इन्होंने भी राहुल गांधी के ख़िलाफ़ चिट्ठी लिखी है। सोचिये जिन लोगों पर खुद भ्रष्टाचारी के आरोप हैं वो कह रहे हैं ज्ञानेश कुमार को ‘वोट चोर’ न बोलो। अब देखिए गोदी मीडिया ने चिल्ला- चिल्ला कर कहा था की देखो पूर्व जज भी राहुल गांधी के खिलाफ चिट्ठी लिख रहे हैं। अब हम बताते हैं इन पूर्व जजों की असलियत। इन पूर्व जजों में जस्टिस एस.एन. ढींगरा शामिल थे जिनके ऊपर कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक के पद का दुरुपयोग करने का आरोप है।

ये जिस निजी कंपनी के पर्यवेक्षक थे, वही कंपनी इनकी बेटी को 15 लाख रुपये महीने की तनख्वाह दे रही थी। सोचिये ये भी राहुल गांधी को लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे थे। सुप्रिया ने इसके बाद क्लास लगाई आदर्श कुमार गोयल कि जो सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। सुप्रिया ने लिखा कि ये जनाब वकील थे, 2001 में IB रिपोर्ट में भ्रष्ट बताए जाने के बावजूद अटल सरकार के कार्यकाल में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जज नियुक्त हुए। 2018 में मोदी सरकार ने इन्हें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का चेयरमैन बनाया। हरियाणा में खट्टर सरकार ने इनके बेटे को लाखों रुपये के मासिक वेतन पर अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल बनाया और अब ये क़र्ज़ चुकाने के लिए राहुल गांधी के ख़िलाफ़ चिट्ठी लिखी है। अब देखिए जज तो जज लेकिन केंद्रीय मंत्री की पत्नी को भी स्पेशल 272 की भीड़ में छुपा दिया गया। इनसे मिलिए ये हैं श्रीमती लक्ष्मी पुरी जी। ये 15 साल UN में रहीं हैं और उसके पहले 28 साल भारत की राजदूत थीं। यह मोदी मंत्री हरदीप पुरी की पत्नी हैं। और इन्होंने भी राहुल गांधी कें खिलाफ़ चिट्ठी लिखी और लिखाई है। अरे मोदी जी आप हरदीप जी की पत्नी से लेटर लिखवा रहे हैं, लेकिन आप अपनी वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण जी के पति देव को कैसे भूल गए।

क्या उनकी बातें आपको अच्छी नहीं लगती हैं? अब देखिए इन 272 में सबसे अनोखा आइटम जो निकले वो थे योगेश गुप्ता। योगेश भारत के उच्चायुक्त हुआ करते थे और अब पूरी टाइमलाइन में मोदी का चरणवंदन से भरी पड़ी है लेकिन लड़कियों के बारे में इनके कमेंट्स ज़रूर पढ़िए। ये कमेंट्स इतने वाहियात हैं कि मैं अपने जुुबान से नहीं पढ़ सकता हूं। आपको खुद पढ़ना पड़ेगा। सुप्रिया ने इनरो लेकर लिखा है कि ऐसे लफ़ंगे ठरकी लीचड़ों ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ चिट्ठी लिखी है। अब देखिए इन 272 में वो नाम भी थे जो ऑफिशियल तौर पर भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। इनमें न्यायमूर्ति पी.एन. रविंद्रन, संजीव त्रिपाठी, पूर्व रॉ प्रमुख, अय्यर कृष्णा राव, पूर्व मुख्य सचिव (आंध्र प्रदेश) भास्वती मुखर्जी, पूर्व राजदूत जैसे करीब 10 नाम शामिल हैं। इन सभी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट और क्या कुछ कहा है सुनिए।

तो अब आपको समझ आ गया होगा कि ये 272 “बुद्धिजीवी” असल में मोदी-शाह का पर्सनल चीयरलीडिंग स्क्वाड थे, जिन्हें “इंटेलेक्चुअल” का लेबल चिपका कर राहुल गांधी पर गोली चलवाई गई। लेकिन जैसे ही कांग्रेस ने इनके चेहरे से नकाब हटाया तो अंदर से एक से एक बढ़कर माल निकला। कोई भ्रष्टाचार में डूबा IAS, कोई घोटालेबाज़ जज, कोई मंत्री की बीवी, कोई ठरकी राजदूत जिसकी टाइमलाइन देखकर शर्म से पानी-पानी हो जाओ, और कोई तो सीधे-सीधे भाजपा का कार्ड मेंबर। मतलब पूरा गैंग ऐसा जो खुद कोर्ट-कचहरी, CBI-ED और इनकम टैक्स के चक्कर काट रहा है।

अब तो साफ़ है कि जितना राहुल गांधी ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयोग की पोल खोल रहे हैं, उतना ही मोदी-शाह की नींद उड़ रही है। पहले गोदी मीडिया को लगाया, फिर फर्जी इंटेलेक्चुअल ब्रिगेड उतारी, लेकिन सुप्रिया श्रीनेट ने एक-एक का पोस्टमार्टम करके सबके असली चेहरे दिखा दिए। अब इन 272 “रत्नों” को देखकर लगता है कि अगली बार अगर मोदी जी को और लेटर चाहिए तो सीधे तिहाड़ या CBI हेडक्वार्टर से ही लिस्ट मंगा लें, कम से कम इतना नाटक तो नहीं करना पड़ेगा। वोट चोरी छुपाने की ये सारी कवायद देखकर बस एक ही बात याद आती है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है।

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