मासिक धर्म का सबूत मांगने पर SC सख्त, केंद्र और अन्य को नोटिस जारी
हरियाणा के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में महिला सफाई कर्मचारियों से मासिक धर्म का सबूत दिए जाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: हरियाणा के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में महिला सफाई कर्मचारियों से मासिक धर्म का सबूत दिए जाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. शुक्रवार को जस्टिस बीवी नागरत्ना और महादेवन की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मासिक धर्म से जुड़ी एक याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य जवाब मांगा है. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि हरियाणा के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में महिला सफाई कर्मचारियों को अपने निजी अंगों की तस्वीरें दिखाकर यह साबित करने के लिए कहा गया था कि उन्हें मासिक धर्म हो रहा है. जस्टिस बीवी नागरत्ना और महादेवन की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
जस्टिस नागरत्ना ने सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मानसिकता को दर्शाता है. कर्नाटक में वे मासिक धर्म के लिए छुट्टी दे रहे हैं. इसे पढ़ने के बाद मैंने सोचा कि क्या वे छुट्टी देने के लिए सबूत मांगेंगे. यह लोगों की मानसिकता को दर्शाता है. यदि उनकी अनुपस्थिति के कारण कोई भारी काम नहीं किया जा सका तो किसी और को तैनात किया जा सकता था. जस्टिस ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि इस याचिका से कुछ अच्छा होगा.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सीनियर वकील विकास सिंह ने कहा है कि यह एक गंभीर आपराधिक मामला है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है. अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 15 दिसंबर की तारीख तय की है. याचिका में कथित घटना की विस्तृत जांच करने और केंद्र और हरियाणा को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
तीन लोगों पर FIR
बार निकाय ने यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश की मांग भी है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं और
लड़कियों के स्वास्थ्य, सम्मान, शारीरिक स्वायत्तता और निजता के अधिकार का उल्लंघन न हो. घटना को लेकर पुलिस ने कहा है कि इस मामले में विश्वविद्यालय से जुड़े तीन लोगों पर 31 अक्टूबर को यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था. ऐसा आरोप है कि उन्होंने महिला सफाई कर्मचारियों से उनके निजी अंगों की तस्वीरें दिखाकर यह साबित करने के लिए कहा था कि उन्हें मासिक धर्म हो रहा है.
वहीं, विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा था कि घटना की जानकारी सामने आने के बाद प्रशासन ने दो पर्यवेक्षकों को सस्पेंड कर दिया है, जिन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के जरिए अनुबंध पर नियुक्त किया गया था और घटना की आंतरिक जांच के आदेश दिए गए थे. यह घटना तब हरियाणा के राज्यपाल असीम कुमार घोष के विश्वविद्यालय का दौरा करने के कुछ घंटे पहले 26 अक्टूबर हुई थी.
जिन तीन महिला सफाई कर्मचारियों से मासिक धर्म के सबूत मांगे गए थे उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी शिकायत दी. उन्होंने आरोप लगाया है कि अस्वस्थ होने की जानकारी देने के बावजूद दो पर्यवेक्षकों ने पहले उन्हें परिसर में सफाई करने के लिए मजबूर किया और फिर उनसे यह साबित करने के लिए कहा कि वे मासिक धर्म से गुजर रही हैं.



