अफगानिस्तान- PAK तनाव के बीच तालिबान का बड़ा शक्ति प्रदर्शन, नए कमांडो तैयार
मंत्रालय ने यह भी कहा कि अफ़गानिस्तान की ओर दुश्मनी रखने वाली किसी भी ताकत को निर्णायक जवाब मिलेगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्ते तेजी से बिगड़ते दिख रहे हैं. इसी तनाव के बीच तालीबान ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया है.
सैकड़ों नए कमांडो अपनी ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं और अब सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैयार खड़े हैं. इस कदम से तालीबान ने साफ संदेश दिया है कि वह किसी भी चुनौती का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है. अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तालीबान ने एक बड़ा सैन्य प्रदर्शन किया है. तालीबान के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि सैकड़ों नए कमांडो फाइटर ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैनाती को तैयार हैं.
यह घोषणाएँ ऐसे समय में आई हैं जब दोनों देशों के बीच रिश्ते सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुँच चुके हैं.
कमांडो ग्रेजुएशन समारोह में तालीबान के उपप्रधानमंत्री अब्दुल गनी बरादर ने पड़ोसी देशों को सीधे तौर पर चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि हम किसी भी देश को अफगानिस्तान की जमीन का उल्लंघन नहीं करने देंगे. अगर किसी ने आक्रामकता दिखाई, तो जवाब तैयार है.
बरादर ने अफगानिस्तान की सीमाओं की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता बताया और कहा कि पड़ोसी देश तालीबान के धैर्य को परीक्षा न समझें. समारोह के दौरान तालीबान के कमांडो यूनिट्स ने हेलिकॉप्टर ऑपरेशन, एयरियल मूवमेंट और ग्राउंड-कॉम्बैट ड्रिल का प्रदर्शन किया. रक्षा मंत्रालय के अनुसार नए कमांडो ने आदर्शवादी, वैचारिक और सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया है. ये लड़ाके सीमा की सुरक्षा के लिए किसी भी कुरबानी के लिए तैयार हैं. मंत्रालय ने यह भी कहा कि अफ़गानिस्तान की ओर दुश्मनी रखने वाली किसी भी ताकत को निर्णायक जवाब मिलेगा.
यह पूरा मामला तब और गंभीर हो गया जब तालीबान ने पाकिस्तान पर ख़ोस्त, पक्तिका और कुनार प्रांतों में हवाई
हमले का आरोप लगाया. तालिबान का दावा है कि इन हमलों में 9 बच्चों और एक महिला की मौत हुई थी.तालीबान ने कहा कि हम उचित समय पर जवाब देंगे. हालांकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वह अपने सभी सैन्य अभियान सार्वजनिक रूप से घोषित करता है.
दोनों देशों के बीच हालात पहले से ही तनावपूर्ण थे. अक्टूबर में हुए सीमा विवाद के बाद दोहा और इस्तांबुल में हुई तीन दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. इन असफल बैठकों के बाद अब तालीबान का कमांडो तैयार करना और सार्वजनिक प्रदर्शन करना क्षेत्र में नए तनाव का संकेत माना जा रहा है.



