काम आया विपक्ष का दबाव, इंडिगो मामले में पीएम मोदी ने तोड़ी चुप्पी
कोई कितना भी बड़ा हो, जवाबदेही तय होगी : राम मोहन नायडू

डीजीसीए ने इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइन के परिचालन संकट पर विपक्ष के बवाल के बाद आखिर पीएम मोदी व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता को परेशानी में डालने वाले नियम न बनाए जाएं। वहीं लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापुर ने मंगलवार को कहा कि स्थिति तेजी से सुधर रही है और एयरलाइन को उसके कर्तव्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि डीजीसीए ने इंडिगो को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया है। जवाब आने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोई भी एयरलाइन चाहें वो कितनी भी बड़ी हो उसे यात्रियों की परेशानियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। मंत्री ने कहा कि परिचालन तेजी से स्थिर हो रहा है, सुरक्षा मानकों का पूरा पालन हो रहा है, इंडिगो को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, यात्रियों की सुविधा और सम्मान की रक्षा की जा रही है, और दीर्घकालिक सुधारों पर काम जारी है। नायडू ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार यात्रियों की परेशानियों को गंभीरता से ले रही है और ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं जिससे भविष्य में इस तरह की स्थिति न बने। उन्होंने कहा कि भारत के उड्डयन क्षेत्र को अधिक यात्री-केंद्रित बनाने के लिए दीर्घकालिक उपाय लागू किए जा रहे हैं। इंडिगो ने सोमवार को परिचालन स्थिर होने का दावा किया था। एयरलाइन ने बताया कि उसने अपने नेटवर्क में 1,800 से अधिक उड़ानें संचालित की हैं और जिन सभी स्टेशनों पर सेवाएं दी जाती थीं, वहां संपर्क दोबारा बहाल कर दिया गया है।

जनता को परेशान करने के लिए नियम ना बनाएं : मोदी
इंडिगो एयरलाइंस के हालिया संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में कहा है कि नियम-कानून बनाने का मकसद सिर्फ सिस्टम को बेहतर करना होना चाहिए, न कि आम भारतीय नागरिकों को परेशान करना। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को एनडीए के सांसदों की बैठक में पीएम के बयान का हवाला देते हुए यह जानकारी साझा की है। पीएम की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब इंडिगो की कई फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी और देरी की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं। यात्रियों को घंटों एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ रहा है और कई उड़ानें रद भी हो रही हैं। किरेन रिजिजू के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जो भी नियम बनते हैं, वे प्रशासन को मजबूत करें, लोगों की जिंदगी आसान करें, न कि उन्हें मुश्किल में डालें। पीएम का जोर इस बात पर था कि किसी भी नीति या नियम का असर सीधे आम आदमी पर पड़ता है, इसलिए उसमें संवेदनशीलता जरूरी है। रिजिजू ने बताया कि पीएम मोदी ने इंडिगो के मौजूदा संकट का जिक्र करते हुए अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। उनका कहना था कि यात्रियों की परेशानी को कम से कम करना सरकार की प्राथमिकता है।
परिचालन संकट आठवें दिन भी जारी, 200 विमान रद्द
इंडिगो का परिचालन संकट आठवें दिन भी जारी है। एयरलाइन ने मंगलवार को बंगलूरू और हैदराबाद से लगभग 180 उड़ानें रद्द की हैं। वहीं देशभर में 230 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि इंडिगो मंगलवार को हैदराबाद के लिए 58 उड़ानें संचालित नहीं कर रही है। इनमें 14 आगमन और 44 प्रस्थान उड़ानें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बंगलूरू हवाई अड्डे से रद्द उड़ानों की संख्या 121 है, जिनमें 58 आगमन और 63 प्रस्थान उड़ानें शामिल हैं। इस बीच, मौजूदा शीतकालीन समय सारणी में इंडिगो कुछ मार्गों को अन्य घरेलू एयरलाइंस के हाथों खो सकती है। विमानन मंत्री के राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार निश्चित रूप से इंडिगो के स्लॉट कम करेगी।
डीएमकेपर भरोसा न करे जनता: विजय
टीवीके प्रमुख का तीखा प्रहार, बोले- केवल धोखा देती है सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। टीवीके अध्यक्ष ने जनता से डीएमके पर विश्वास न करने का आग्रह किया और पुडुचेरी के लोगों से अनुरोध किया कि वे उन्हें अस्वीकार न करें। पुडुचेरी के उप्पलम एक्सपो ग्राउंड में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए विजय ने कहा कि डीएमके पर विश्वास न करें। उनका काम केवल आपको धोखा देना है। मैं पुडुचेरी के लोगों से आग्रह करता हूँ कि वे हमें अस्वीकार न करें, जैसा कि कुछ लोग तमिलनाडु में करते हैं।
तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के अध्यक्ष विजय ने राज्य के दर्जे की मांग को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कझगम (डीएमके) सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि पार्टी का एकमात्र काम लोगों को धोखा देना है। टीवीके अध्यक्ष ने जनता से डीएमके पर विश्वास न करने का आग्रह किया और पुडुचेरी के लोगों से अनुरोध किया कि वे उन्हें अस्वीकार न करें। पुडुचेरी के उप्पलम एक्सपो ग्राउंड में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए विजय ने कहा कि डीएमके पर विश्वास न करें। उनका काम केवल आपको धोखा देना है। मैं पुडुचेरी के लोगों से आग्रह करता हूँ कि वे हमें अस्वीकार न करें, जैसा कि कुछ लोग तमिलनाडु में करते हैं।
पुडुचेरी के लोगों के साथ अपनी पार्टी की एकजुटता दोहराते हुए, उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनके आंदोलन के लिए, केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग वर्गीकरण किए जाने के बावजूद, तमिलनाडु और पुडुचेरी अविभाज्य हैं। इस केंद्र सरकार के लिए, तमिलनाडु एक अलग राज्य है और पुडुचेरी एक अलग केंद्र शासित प्रदेश है। लेकिन हमारे लिए, सभी एक समान हैं। हम प्रशासनिक रूप से अलग हो सकते हैं, लेकिन हम आत्मा से एक हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम दुनिया में कहीं भी रहें, हम सभी एक ही बंधन साझा करते हैं। पुडुचेरी की सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए, टीवीके प्रमुख ने याद किया यहीं पर भरतियार रहते थे, और विनायक, अरविंद आश्रम और मठ जैसे स्थान तमिल विरासत के प्रतीक हैं।
राजनीतिक रूप से भी, 1974 में, पुडुचेरी ने एमजीआर के नेतृत्व में 1977 में तमिलनाडु से पहले अपनी सरकार बनाई थी।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी को जारी किया नोटिस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राउज़ एवेन्यू स्थित सत्र न्यायालय ने मंगलवार को सोनिया गांधी को एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया। यह पुनरीक्षण याचिका मजिस्ट्रेट के सितंबर के उस आदेश को चुनौती देती है जिसमें 1980-81 की मतदाता सूची में सोनिया गांधी को गलत तरीके से शामिल करने का आरोप लगाने वाली एक शिकायत को खारिज कर दिया गया था।
सत्र न्यायाधीश विशाल गोगने ने पुनरीक्षणकर्ता की ओर से प्रारंभिक प्रस्तुतियाँ सुनने के बाद यह निर्देश दिया। पुनरीक्षणकर्ता विकास त्रिपाठी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग ने तर्क दिया कि इस मामले पर पुनर्विचार आवश्यक है क्योंकि रिकॉर्ड में प्रस्तुत सामग्री से संकेत मिलता है कि भारतीय नागरिक बनने से पहले सोनिया गांधी का नाम मतदाता सूची में दर्ज करने के तरीके में गंभीर अनियमितताएँ थीं। उन्होंने दलील दी कि 1980 की मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए कुछ दस्तावेजों में जालसाजी और हेराफेरी की गई होगी, और इस बात पर ज़ोर दिया कि बाद में उनका नाम हटा दिया गया और फिर जनवरी 1983 में दायर एक आवेदन के आधार पर 1983 में फिर से दर्ज किया गया। उनके अनुसार, दोनों ही घटनाएँ उनके नागरिकता प्राप्त करने से पहले की हैं। नारंग ने तर्क दिया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम स्पष्ट रूप से केवल भारत के नागरिक को ही मतदाता के रूप में नामांकित करने की अनुमति देता है, और इसलिए, प्रविष्टियों ने न्यायिक जाँच की आवश्यकता वाले प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने आगे कहा कि हालाँकि प्रारंभिक शिकायत मतदाता सूची की क्लिप वाले एक लेख पर आधारित थी, लेकिन संशोधनकर्ता ने अब चुनाव आयोग से सत्यापित प्रतियाँ प्राप्त कर ली हैं, जिन्हें दावे की पुष्टि के लिए रिकॉर्ड में रखा गया है।
प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, न्यायाधीश गोगने ने सोनिया गाँधी सहित दोनों प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। अभियोजक ने राज्य की ओर से नोटिस स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि संशोधन में उठाए गए मुद्दों के पूर्ण मूल्यांकन के लिए ट्रायल कोर्ट रिकॉर्ड को तलब किया जाए। मामला अब 6 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जब सत्र न्यायालय मजिस्ट्रेट द्वारा शिकायत को प्रारंभिक चरण में ही खारिज करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की जाँच जारी रखेगा।
पीएम मोदी ने सोनिया गांधी को उनके 79वें जन्मदिन पर बधाई दी
प्रधानमंत्री मोदी ने सोनिया गांधी को उनके 79वें जन्मदिन पर बधाई दी, कहा-ईश्वर दीर्घायु और स्वास्थ्य रखें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर मंगलवार को बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स’ पर लिखा, सोनिया गांधी को जन्मदिन की बधाई। ईश्वर उन्हें दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें। 9 दिसंबर 1946 को जन्मी गांधी लगभग दो दशकों तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। वह इस पद पर सबसे लंबे समय तक रही पार्टी नेता हैं। उन्होंने 139 साल पुराने संगठन की बागडोर 2017 में अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दी थी।
नवजोत कौर सिद्धू को कांग्रेस ने किया निलंबित
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। नवजोत कौर सिद्धू को उनके विवादास्पद बयान के बाद कांग्रेस पार्टी से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह सिद्धू के उस विवादित बयान के कुछ ही घंटों बाद हुआ है जिसमें उन्होंने कहा था कि जो 500 करोड़ रुपये का सूटकेस देता है, वह पंजाब का मुख्यमंत्री बन जाता है।
उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी कौर ने शनिवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा हम हमेशा पंजाब और पंजाबियत की बात करते हैं…लेकिन हमारे पास 500 करोड़ रुपये नहीं हैं जो हम मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए दे सकें। मीडिया ने सवाल किया क्यों नहीं मिलेगा?
जवाब में नवजोत बोली मुख्यमंत्री बनने के लिए 500 करोड़ लगते हैं और हमारे पास देने के लिए इतने पैसे नहीं हैं। इसी के साथ सिद्धू के वापस बीजेपी जाने के सवाल पर नवजोत ने कहा कि मैं खुल के बोलती हूं वो कांग्रेस के साथ अटैच्ड है। बहुत ज्यादा उनको उनके साथ प्रियंका जी के साथ अटैचमेंट है। पर मुझे इतनी इनफैक्टिंग में लग नहीं रहा कि कहीं भी नवजोत सिद्धू को ये प्रमोट होने देंगे। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि उनकी टिप्पणी से पता चलता है कि कांग्रेस में नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री बनने के बारे में तभी सोच सकता है जब उसके सूटकेस में 500 करोड़ रुपये हों। कांग्रेस पूरी तरह से भ्रष्ट आचरण में डूबी हुई है। पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उनके दावे को कांग्रेस के लेन-देन की राजनीति के इतिहास से जोड़ा।
गोवा में 25 जान लेने वाला भागा थाईलैंड
गोवा पुलिस बोली- जांच से बचने की कोशिश की
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पणजी। अरपोरा में शनिवार आधी रात को आग लगने से कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना उस घटना के बाद हुई है जिसमें दिल्ली स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा आग लगने की घटना शुरू होने के लगभग छह घंटे बाद रविवार सुबह 5:30 बजे इंडिगो की उड़ान से फुकेत भाग गए थे।
गोवा पुलिस ने कहा है कि अरपोरा स्थित नाइट क्लब के मालिकों का देश छोडक़र थाईलैंड भाग जाना, पुलिस जांच से बचने की उनकी मंशा को दर्शाता है। पुलिस उपाधीक्षक और जनसंपर्क अधिकारी नीलेश राणे ने कहा, मुंबई स्थित आव्रजन ब्यूरो से संपर्क किया गया और पता चला कि दोनों आरोपी 7 दिसंबर की सुबह 5:30 बजे, यानी आधी रात के आसपास हुई घटना के तुरंत बाद, 6ई 1073 उड़ान (नई दिल्ली से फुकेत) में सवार हुए थे। इससे पुलिस जाँच से बचने की उनकी मंशा का पता चलता है। इंडिगो की उड़ान रद्द होने की खबर ऐसे समय में आई है जब पूरे भारत में बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है, इस हफ्ते कई हवाई अड्डों पर हज़ारों उड़ानें रद्द कर दी गईं।
कांग्रेस केदिग्गज नेताओं को अदालती नोटिस
कर्नाटक के सीएम केनिर्वाचन को चुनौती, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की नागरिकता पर सवाल
सिद्धारमैया को नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से 2023 के राज्य चुनावों में वरुणा विधानसभा क्षेत्र से उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक याचिका पर जवाब मांगा। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस पार्टी के चुनावी वादे, खासकर उसकी पाँच गारंटी, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत भ्रष्ट आचरण के समान हैं।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता होने का दावा करने वाले के. शंकर द्वारा दायर याचिका पर सिद्धारमैया को नोटिस जारी किया। पीठ ने 22 अप्रैल को कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए कहा नोटिस जारी करें। सुनवाई के दौरान, पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से एक महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा, घोषणापत्र जारी करना भ्रष्ट आचरण कैसे माना जाएगा? वकील ने तर्क दिया कि सर्वोच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ पहले ही इसी तरह की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो चुकी है और उन्होंने चुनावी मुफ्त उपहारों पर सर्वोच्च न्यायालय के 2013 के फैसले का हवाला दिया। वकील ने उस फैसले का हवाला दिया जिसमें कहा गया था, हालांकि कानून स्पष्ट है कि चुनाव घोषणापत्र में किए गए वादों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण नहीं माना जा सकता, लेकिन इस वास्तविकता से इनकार नहीं किया जा सकता कि किसी भी तरह की मुफ्त चीजों का वितरण निस्संदेह सभी लोगों को प्रभावित करता है।
फैसले में यह भी स्पष्ट किया गया था कि घोषणापत्र में किए गए वादों को धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण घोषित नहीं किया जा सकता।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 विशेष रूप से भ्रष्ट आचरण से संबंधित है। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि तीन न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ वर्तमान में 2013 के फैसले पर पुनर्विचार कर रही है।



