रूस में झूठे ड्रग केस में फंसा युवा, सेना में भर्ती का दबाव, भारत सरकार से मांगी मदद
गुजरात के मोरबी निवासी युवा साहिल मोहम्मद हुसैन रूस में गंभीर संकट में फंसे हुए हैं... आरोप है कि उन्हें झूठे ड्रग केस में फंसाकर...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः रूस-यूक्रेन युद्ध ने न सिर्फ दोनों देशों को प्रभावित किया है.. बल्कि दुनिया भर के कई निर्दोष लोगों को भी इसमें फंसा दिया है.. ऐसा ही एक मामला गुजरात के मोरबी जिले के युवा छात्र साहिल मोहम्मद हुसैन का सामने आया है.. साहिल 2024 में पढ़ाई के लिए रूस गया था.. आज यूक्रेन में कैद है.. उसने एक वीडियो के जरिए भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है.. साहिल का आरोप है कि उसे एक झूठे ड्रग मामले में फंसाकर रूसी सेना में जबरन भर्ती किया गया.. वहीं यह घटना न केवल साहिल की व्यक्तिगत त्रासदी है.. बल्कि एक बड़े मुद्दे की ओर इशारा करती है.. जहां सैकड़ों भारतीय युवा रूस में फंसकर युद्ध का शिकार हो रहे हैं..
साहिल मोहम्मद हुसैन गुजरात के मोरबी शहर का रहने वाला है.. वह 22 साल का युवा है.. जिसने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का सपना देखा था.. जनवरी 2024 में वह छात्र वीजा पर रूस गया.. पहले उसने सेंट पीटर्सबर्ग में तीन महीने का भाषा कोर्स किया.. फिर मॉस्को में कॉलेज जॉइन किया.. पढ़ाई के साथ-साथ वह पार्ट-टाइम काम भी करता था.. ताकि अपना खर्च चला सके.. वह एक कूरियर कंपनी में काम करता था.. जहां वह किचनवेयर की डिलीवरी करता था..
साहिल की मां हसीना मजोठी सिलाई का काम करके परिवार चलाती हैं.. साहिल के पिता से उनका अलगाव हो चुका है.. और साहिल अपनी मां का सपोर्ट था.. स्कूल के टीचर्स बताते हैं.. कि साहिल औसत छात्र था.. लेकिन अपनी मां के सपनों को पूरा करने के लिए बहुत मेहनती था.. रूस जाने का फैसला उसके लिए एक नई शुरुआत था.. लेकिन यह जल्द ही एक बुरा सपना बन गया..
साहिल की मुश्किलें अप्रैल 2024 में शुरू हुईं.. उसकी मां के अनुसार डिलीवरी के दौरान किसी ने उसके पार्सल में ड्रग्स डाल दिए.. रूसी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.. और ड्रग्स के मामले में फंसा दिया.. परिवार ने रूस में एक प्राइवेट वकील हायर किया.. लेकिन साहिल को छह महीने जेल में रखा गया.. और सात साल की सजा सुनाई गई..
साहिल का दावा है कि जेल अधिकारियों ने उसे एक सौदा ऑफर किया.. अगर वह रूसी सेना में भर्ती होता है.. तो ड्रग्स का मामला खत्म कर दिया जाएगा.. वीडियो में साहिल कहता है कि मुझे ड्रग्स के लिए जेल में डाला गया.. और उन्होंने कहा कि सेना में जॉइन करो.. तो सजा माफ हो जाएगी.. उसे पैसे का लालच भी दिया गया.. कभी 100,000 रूबल.. कभी 1 मिलियन से ज्यादा.. लेकिन कुछ नहीं मिला..
साहिल ने मजबूरी में यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया.. वह कहता है कि मैंने कोई गुनाह नहीं किया.. मैं सिर्फ मामले से छुटकारा पाने के लिए सहमत हुआ.. यह तरीका रूस में आम हो गया है.. जहां विदेशी युवाओं को झूठे मामलों में फंसाकर सेना में भेजा जाता है.. साहिल के अनुसार कम से कम 700 लोग ऐसे ही जेल में थे.. और उन्हें यही विकल्प दिया गया..
वहीं भर्ती के बाद साहिल को सिर्फ 15 दिनों की ट्रेनिंग दी गई.. सितंबर 2024 में ट्रेनिंग हुई.. और 30 सितंबर को उसे यूक्रेन की फ्रंटलाइन पर भेज दिया गया.. वीडियो में वह बताता है कि ट्रेनिंग में हमें बंदूक चलाना.. ग्रेनेड फेंकना सिखाया गया.. लेकिन साहिल का इरादा लड़ने का नहीं था.. वह कहता है कि मैं तीन दिन ही फ्रंटलाइन पर रहा..
1 अक्टूबर को साहिल का कमांडर से झगड़ा हुआ.. कमांडर ने उसे तैयार होने को कहा.. लेकिन साहिल ने मना कर दिया.. वह कहता है कि मेरे पैर दर्द कर रहे थे.. दिल दुख रहा था.. मैं थक चुका था.. झगड़े के बाद वह रूसी सैनिकों से अलग हो गया.. और यूक्रेनी सेना के पास पहुंचा.. उसने तुरंत सरेंडर कर दिया.. यूक्रेनी सेना की 63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने उसे कैद कर लिया..
यूक्रेनी सेना ने साहिल का वीडियो रिकॉर्ड किया.. और उसकी मां को भेजा.. ताकि भारत में जागरूकता फैले.. वीडियो में साहिल ऑलिव ग्रीन जैकेट में दिखता है.. वह कहता है कि मैं निराश हूं.. मुझे नहीं पता आगे क्या होगा.. लेकिन रूस आने वाले सभी युवाओं से अपील करता हूं कि सावधान रहें.. यहां कई लोग झूठे ड्रग मामलों में फंसा देते हैं..
साहिल ने भारत सरकार से अपील की.. राष्ट्रपति पुतिन हाल ही में भारत आए थे.. मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि पुतिन से बात करें.. और मेरी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें.. वह कहता है कि मैं इस युद्ध में नहीं लड़ना चाहता.. मुझे मदद की जरूरत है.. वीडियो में वह बताता है कि वह सिर्फ तीन दिन फ्रंटलाइन पर रहा.. और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया..
जिसको बाद यह वीडियो वायरल हो गया.. और गुजरात की एंटी-टेररिज्म स्क्वाड ने साहिल की मां और चाचा से पूछताछ की.. स्थानीय समुदाय के नेता कासम सुमरा ने कहा कि कई युवा ऐसे फंस चुके हैं.. सरकार साहिल और अन्य भारतीयों को वापस लाए.. साहिल की मां हसीना को वीडियो मिलने के बाद सदमा लगा.. और उन्होंने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की.. जिसमें कहा गया कि साहिल को दबाव में भर्ती किया गया.. मामले की अगली सुनवाई फरवरी में है.. हसीना कहती हैं कि मुझे नहीं पता वह यूक्रेन कैसे पहुंचा.. मुझे वीडियो से पता चला.. वहीं परिवार का आरोप है कि साहिल निर्दोष है और उसे फंसाया गया..
आपको बता दें कि साहिल की गिरफ्तारी के बाद परिवार ने रूस में वकील हायर किया था.. लेकिन कोई संपर्क नहीं हो सका.. अब वे भारत सरकार पर भरोसा कर रहे हैं.. भारत सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है.. विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा कि सरकार रूसी सेना में भर्ती भारतीयों की रिहाई के लिए काम कर रही है.. प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से बात की.. और जल्द रिहाई की मांग की.. मिश्री ने चेतावनी दी कि भारतीय नागरिक रूसी सेना में भर्ती के प्रस्तावों से दूर रहें.. हमें कई मामले मिल रहे हैं जहां लोग फंसे हैं..
सरकार के अनुसार 202 भारतीय रूसी सेना में भर्ती हुए.. जिनमें से 119 वापस आ चुके हैं.. 50 अभी फंसे हैं.. 26 मारे गए और 7 लापता हैं.. सितंबर में सरकार ने 27 भारतीयों की रिहाई के लिए रूस से अपील की.. विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूसी सेना में भर्ती के ऑफर से बचें, यह जानलेवा है.. वहीं साहिल का मामला अकेला नहीं है.. 2022 से रूस-यूक्रेन युद्ध में सैकड़ों भारतीय फंसे.. कई छात्र या पर्यटक वीजा पर गए.. लेकिन नौकरी के लालच या झूठे मामलों में फंसकर सेना में भेजे गए.. इसी तरह उत्तराखंड के राकेश कुमार मौर्या छात्र वीजा पर रूस गए.. लेकिन पासपोर्ट जब्त कर लिया गया.. और सेना में भेज दिया गया.. और उनकी मौत हो गई.. और शव दिल्ली लाया गया..



