BMC चुनाव में BJP को घेरने की रणनीति, अजित पवार अचानक ‘नॉट रिचेबल’ महायुति की बढ़ी टेंशन!

BMC चुनाव नजदीक आते ही महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल आ गया है... BJP को घेरने के लिए उद्धव ठाकरे और शरद...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों बेहद गर्म है.. आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं.. महा विकास अघाड़ी हो या महायुति.. हर कोई एक-दूसरे को घेरने की कोशिश कर रहा है.. हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट के वरिष्ठ नेता.. जयंत पाटिल ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की.. जिससे गठबंधन की चर्चाएं तेज हो गई हैं.. वहीं, उपमुख्यमंत्री अजित पवार का अचानक बारामती हॉस्टल से बिना सुरक्षा के निकल जाना राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है..

BMC चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मुकाबला है.. मुंबई की यह महानगरपालिका देश की सबसे अमीर निकायों में से एक है.. जिसका बजट हजारों करोड़ रुपये का होता है.. चुनाव 15 जनवरी 2026 को होने वाले हैं.. और इसमें 227 वार्डों के लिए वोटिंग होगी.. पिछले चुनाव में शिवसेना (अब विभाजित) ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थी.. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है.. महायुति गठबंधन (BJP, शिवसेना-शिंदे गुट, NCP-अजित पवार गुट) ने हाल के नगर परिषद चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया है.. जहां उन्होंने 75% से ज्यादा चेयरपर्सन पद जीते हैं.. वहीं, MVA (शिवसेना-UBT, NCP-SP, कांग्रेस) को करारी हार मिली है.. जिससे वे अब नए गठबंधन की तलाश में हैं..

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BMC चुनाव राज्य की सत्ता पर असर डाल सकता है.. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महायुति सभी 29 नगर निगम चुनावों में एकजुट होकर लड़ेगी.. दूसरी तरफ MVA में दरारें दिख रही हैं.. शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने औपचारिक रूप से गठबंधन का ऐलान कर दिया है.. जिससे मुंबई की सियासत में नया मोड़ आ गया है.. शुक्रवार को NCP (शरद पवार गुट) के नेता जयंत पाटिल ने मुंबई में उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर जाकर उनसे मुलाकात की.. यह बैठक करीब एक घंटे चली.. और इसमें BMC चुनाव के लिए गठबंधन पर चर्चा हुई.. बैठक के बाद पाटिल ने मीडिया से कहा कि उनका गुट शिवसेना (UBT).. और MNS के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के पक्ष में है.. और उन्होंने बताया कि बातचीत सकारात्मक रही.. और कांग्रेस से भी संवाद जारी है.. पाटिल के मुताबिक अगर MVA एकजुट होकर मैदान में उतरा तो BJP को कड़ी चुनौती मिल सकती है..

जानकारी के मुताबिक पाटिल ने यह भी कहा कि मुंबईवासियों के सामने विकास, बुनियादी सुविधाएं और रोजगार जैसे मुद्दे हैं.. चुनाव को धर्म या जाति के आधार पर नहीं.. बल्कि विकास के मुद्दों पर लड़ना चाहिए.. यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है.. क्योंकि हाल के चुनावों में जाति और क्षेत्रीयता की राजनीति हावी रही है.. शिवसेना (UBT) ने हमेशा मराठी मानुस का मुद्दा उठाया है.. और उन्होंने दोहराया है कि मुंबई का मेयर मराठी ही होना चाहिए..

वहीं इस मुलाकात से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उद्धव ठाकरे, शरद पवार.. और राज ठाकरे का एक अलग गठबंधन बन सकता है.. जिसमें कांग्रेस बाहर रह सकती है.. कांग्रेस MNS को लेकर हिचकिचा रही है.. क्योंकि MNS प्रमुख राज ठाकरे की छवि मुस्लिम-विरोधी मानी जाती है.. अगर कांग्रेस सहमत नहीं हुई तो उसे गठबंधन से बाहर किया जा सकता है.. सूत्रों के मुताबिक, उद्धव, शरद और राज के बीच लगभग सहमति बन चुकी है..

आपको बता दें 24 दिसंबर को शिवसेना (UBT) और MNS ने BMC और अन्य नगर निगम चुनावों के लिए गठबंधन का ऐलान किया.. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह गठबंधन महाराष्ट्र के हित में है.. राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र किसी भी मुद्दे से बड़ा है.. सीट बंटवारे के शुरुआती फॉर्मूले के तहत शिवसेना (UBT) 140-150 सीटों पर और MNS 60-70 सीटों पर लड़ेगी..

वहीं यह गठबंधन ‘मराठी-मुस्लिम’ समीकरण पर आधारित हो सकता है.. क्योंकि MNS का वोट बैंक मराठी है.. और UBT मुस्लिम वोटर्स को आकर्षित कर सकती है.. BJP ने इस गठबंधन को ‘डायनेस्टिक पार्टियों’ का डर से हुआ मिलन बताया है.. BJP प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि ये पार्टियां अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए साथ आई हैं.. जबकि मुंबईवासी NDA के विकास एजेंडे की तरफ जा रहे हैं..

MVA में कांग्रेस की स्थिति असमंजस में है.. पार्टी MNS के साथ गठबंधन को लेकर सहज नहीं है.. अगर कांग्रेस बाहर रही तो MVA का नुकसान हो सकता है.. क्योंकि कांग्रेस का वोट बैंक शहरों में मजबूत है.. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कांग्रेस.. और NCP (SP) अलग से लड़ सकती हैं.. शिवसेना (UBT) नेता सचिन अहीर ने कहा कि शरद पवार गुट की NCP को UBT.. और MNS के गठबंधन में शामिल करने की कोशिश जारी है.. लेकिन अगर अजित पवार गुट शामिल हुआ तो UBT हिस्सा नहीं बनेगी..

इसी बीच, एक बड़ा घटनाक्रम हुआ.. जब उपमुख्यमंत्री अजित पवार अचानक पुणे के बारामती हॉस्टल से बिना किसी को बताए.. बिना सरकारी काफिले या पुलिस सुरक्षा के निकल गए.. जानकारी के अनुसार यह घटना 26 दिसंबर की सुबह की है.. अजित पवार कहां गए, यह अभी रहस्य है.. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उनका वाहन पुणे के शिवाजीनगर में जिजाई रेसिडेंस पर पहुंचा.. लेकिन वहां के कर्मचारियों ने उनकी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की..

यह कदम इसलिए संदिग्ध है क्योंकि कुछ घंटे पहले शरद पवार गुट के साथ पुणे नगर निगम चुनाव के लिए गठबंधन की बातचीत फेल हो गई थी.. NCP के दोनों गुटों के बीच बैठक 4-5 घंटे चली, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी.. अजित पवार ने कहा कि कोई वापस न आए.. जिससे अफवाहें फैलीं कि क्या यह पारिवारिक या राजनीतिक कारण से है.. वहीं कुछ लोग इसे शरद-अजित के बीच रीयूनियन की अफवाहों से जोड़ रहे हैं..

 

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