का बा के बाद यूपी का कचरा साफ करने आया है, यहां भी केजरीवाल का झाड़ू गाना हिट
- आम आदमी पार्टी ने यूपी में चुनाव प्रचार के लिए लांच किया कैंपेन सॉन्ग
लखनऊ। यूपी चुनाव में हिन्दी और भोजपुरी में सियासी गानों के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने को लेकर राजनीतिक दलों में होड़ मची है। भाजपा, सपा, सुभासपा और निषाद पार्टी के बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) भी सियासी गानों का हिस्सा बन गई है। आप पार्टी ने भी सा बा, का बा की तर्ज पर झाड़ू पर गीत तैयार कराया है। प्रदेश प्रभारी व सांसद संजय सिंह ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में इस ‘कैंपेन सॉगÓ को लांच किया। इस गाने की बोल है यूपी का कचरा साफ करने आया है, यहां भी केजरीवाल का झाड़ू छाप आया है। इस गाने को आप के बिहार सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष लोकेश सिंह ने तैयार कराया है। बीते 24 घंटे के अंदर ही यह गाना सोशल मीडिया पर हिट हो गया है। बहुत तेजी से वायरल हो रहा है।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने इस कैंपेन सांग को लांच करने के बाद कहा कि आजादी के आंदोलन से लेकर परिवर्तन की किसी भी लड़ाई में गीतों का बड़ा रोल रहा है। गीतों के जरिए जनता के बीच अपनी बात पहुंचाने का अच्छा तरीका है। उन्होंने कहा कि इस गीत को आप भी जनता तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करेगी। इस गीत में पार्टी के सभी मुद्ïदों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इस गाने को घर-घर पहुंचाने के लिए हर विधानसभा में 20-20 टीमें बनाई गई हैं। व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से इस गाने को प्रदेश के सभी लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
दो और भोजपुरी गीत हो रहे तैयार
आप के बिहार सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष लोकेश ने बताया कि इसके अलावा भी पार्टी द्वारा दो और भोजपुरी गीत तैयार कराया जा रहा है, जो जल्द ही लांच किया जाएगा। एक गीत के बोल हैं। सारा सिस्टम में आ जाई सुधार, जब बनी आम आदमी की सरकार। जबकि दूसरे हिन्दी गाने का बोल है, सुबह सबेरे घर से निकलकर लाइन में लग जाएंगे, झांसे में नहीं आएंगे और आप पर बटन दबाएंगे। इस मौके पर संजय ने कहा कि भाजपा ने चुनाव के समय नफरत फैलाने का ठेका ले रखा है, इसलिए इन लोगों से जनता को सावधान रहना चाहिए। ये समाज को तोड़ने वाले लोग हैं। इनकी सरकार में अपराधियों का साथ अपराध का विकास हो रहा है।
केशव मौर्य की डिग्री मामले में सुनवाई 3 को
लखनऊ। विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चरम पर है। वहीं चुनावी माहौल में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री के मामले में तीन फरवरी को सुनवाई होगी। अर्जी में एसीजेएम प्रयागराज के चार सितंबर 2021 को पारित आदेश को चुनौती दी गई है। मजिस्ट्रेट के समक्ष फर्जी डिग्री की शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जारी करने की मांग की गई थी। इस पर मजिस्ट्रेट ने अर्जी खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट में इसी आदेश को चुनौती दी गई है। याची का आरोप है कि हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज की प्रथमा, मध्यमा, विशारद डिग्री हाईस्कूल के समकक्ष मान्य नहीं है। केशव प्रसाद मौर्य ने इस डिग्री के आधार पर आगे की शिक्षा ग्रहण की है। इसलिए इस पूरे मामले की सही तरीके से जांच की जाए।
बिना अनुमति निकाली रैली, पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा सहित कई पर मुकदमा
कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप
लखनऊ। सपा सरकार में मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा ने बिना अनुमति बाइक रैली निकाली। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन किया गया। वहीं निर्वाचन आयोग ने पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर रखा है। इसे भी सपा नेता ने दरकिनार कर दिया। बाइक रैली की लाइव वीडियो इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट कर दी। वीडियो की जानकारी होते ही हसनगंज थाने में सपा के पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा सहित 6 नामजद व 12 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह के मुताबिक रविवार रात पुलिस को इंस्टाग्राम पर दो विडियो मिले। इस वीडियो में कुछ लोग समाजवादी पार्टी के नेता के पक्ष में बाइक रैली निकालते हुए दिखे।
वीडियो को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने जांच कराई तो पता चला कि एक वीडियो चौराहा नंबर 9 से निरालानगर, डालीगंज रेलवे क्रॉसिंग के बीच का है। जबकि दूसरा विडियो सीतापुर रोड से पक्के पुल का है। वीडियो की पडताल में पता चला कि इस बाइक रैली में सपा के पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र भी शामिल हुए थे। रैली का लाइव वीडियो इंस्टाग्राम के प्रयोगकर्ता रजी हसन ने पोस्ट किया था। वीडियो मे कुछ लोगों की पहचान की गई। जिसमें राघवेंद्र बाजपेई, वैभव मिश्र, तनवीर अली, वैभव बाजपेई के रूप में की गई। आरोप यह भी है रैली में शामिल हुए लोगों ने मॉस्क और सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया था।
वीडियो के आधार पर हसनगंज कोतवाली में तैनात दरोगा अभय कुमार मिश्र ने सपा के पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र, इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने वाले रजी हसन, राघवेंद्र बाजपेई, वैभव मिश्र, तनवीर अली, वैभव बाजपेई और 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन, कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने व महामारी अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह के मुताबिक जल्द ही इस मामले के सभी आरोपियों को नोटिस भेजा जाएगा। वहीं वीडियो में दिख रहे अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है।
चुनावी महासमर पूरी तरह वर्चुअल प्लेटफार्म पर
- यूपी चुनाव में सेनापति की भूमिका में हैं सोशल मीडिया
लखनऊ। बैनर पोस्टल लगे वाहनों के काफिले नहीं, मैदान पर हजारों लाखों की संख्या में पार्टी समर्थकों की भीड़ नहीं। बड़ी बड़ी होर्डिंग से पटे चौराहे नहीं। समर्थकों के बलबूते कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं। इस बार चुनावी महासमर पूरी तरह वर्चुअल प्लेटफार्म पर है। चुनाव को लेकर आयोग की ओर से शारीरिक रूप से मौजूदगी वाली कोई जनसभा, पदयात्रा, साइकिल रैली, बाइक रैली रोड शो पर पाबंदी लगाने के बाद से जीत के लिए पार्टियों ने सोशल मीडिया पर अपनी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। पार्टी, नेता और समर्थक सभी फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वाट्सएप पर सक्रिय हैं। सभी अपने अपने जतन से जनमानस को प्रभावित करने वाले पोस्ट साझा कर रहे हैं, तो वहीं समर्थक उनकी पोस्ट को लाइक और कमेंट कर अपना समर्थन दे रहे हैं।
पार्टी और उम्मीदवारों ने अपने अपने स्तर पर कंटेंट राइटर कर रखे हैं, ताकि अधिक से अधिक जनता को प्रभावित किया जा सके। सोशल मीडिया पर नारे और आकर्षक कंटेंट से मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए हर स्तर पर मजबूत प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए प्रत्याशियों द्वारा कंटेंट राइटर की मदद ली जा रही है। सोशल मीडिया फ्रेंडली और युवाओं के मन की बात को समझने वाले कंटेंट राइटर राजनीतिक दलों की पहली पसंद हैं। सोशल मीडिया पर अच्छा लिखने वाले लोगों से संपर्क किया जा रहा है। सोशल मीडया हैंडलर और बेहतरीन कंटेंट राइटर एक लाख से 15 लाख तक चार्ज कर रहे हैं।