दस मार्च से पहले ही बदले नौकरशाही के रंग, डीएम बोर्ड हरा कर रहे तो लोहिया पार्क और आगरा एक्सप्रेस-वे होने लगा ठीक
अफसरों ने अखिलेश से संपर्क साधना किया शुरू
- अफसरों ने सत्ता परिवर्तन की भांप ली लहर
- रिजल्ट आने से पहले ही अपना रिपोर्ट कार्ड ठीक करने में जुट गए हैं योगी सरकार के खास अफसर
- ब्यूरोक्रेट्स सपा प्रमुख से मुलाकात की कर रहे कोशिशें
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अंतिम चरण की वोटिंग बची है। सरकार किसकी बन रही है? इसका तो अभी इंतजार है, लेकिन नौकरशाही में हलचल मच चुकी है। पूरी नौकरशाही को अंदाजा हो गया है कि सरकार जा रही है। शायद इसी वजह से अयोध्या के डीएम आवास के बोर्ड का रंग बार-बार बदला गया। यही नहीं, रामनगरी से चली बयार से लखनऊ अछूता कैसे रह सकता है। यहां भी सपा सरकार द्वारा निर्मित कराए गए लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्रा पार्क अचानक साफ होने लगा। लाइटें ठीक होने लगी।
साउंड सिस्टम रिपेयर किया जा रहा। यहां तक कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हवाई जहाज उतरने के लिए बनाई गई सडक़ को साफ करने और पेंट करने का काम जारी है। नोएडा के एक ठाकुर आईपीएस अखिलेश के करीबी बिल्डर के सामने नतमस्तक हो रहे है। कहते हैं कि अफसरों का कोई सानी नहीं, ये दूर से ही बदलाव की आहट सुन लेते हैं। शायद इसीलिए वे दस मार्च को रिजल्ट आने से पहले ही अपना रिपोर्ट कार्ड ठीक करने में जुट गए हैं। ब्यूरोक्रेट्ïस अखिलेश यादव से मुलाकात की कोशिशें कर रहे हैं। कोई सीधे फोन करके बात कर रहा है तो कोई सहयोगी के जरिए अखिलेश तक पहुंचना चाहता है। ब्यूरोक्रेट्स इतनी परेशान तब उठा रहें हैं। जब यूपी की सत्ता पर कौन बैठ रहा है, यही तय नहीं है। सपा सूत्रों का दावा है कि पुलिस और प्रशासन के कई बड़े अफसर अब तक मुलाकात भी कर चुके हैं। कई लाइन में हैं।
आलोक रंजन से लगा रहें हैं सिफारिश
खबर है कि कुछ अधिकारी अखिलेश सरकार में मुख्य सचिव रहे सीनियर आईएएस आलोक रंजन के जरिए अखिलेश खेमे में अपनी पैठ बनाने की कोशिश में लगे हैं। आलोक रंजन फिलहाल अखिलेश यादव के बेहद करीबी हैं और माना जा रहा है कि अगर सपा की सरकार बनती है, तो उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।
अयोध्या डीएम आवास के बोर्ड के बदलते रंग की कहानी
अयोध्या के डीएम आवास के बोर्ड का रंग 24 घंटों में दो बार बदल दिया गया। पहले भगवा से हरा किया गया और अब हरा से लाल कर दिया गया है। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं कि क्या उत्तर प्रदेश में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है? यूपी में भगवा से भाजपा तो हरा रंग को सपा से जोड़ा जाता है। हालांकि एक बार फिर डीएम के बोर्ड का रंग हरा से लाल कर दिया गया है। इस मामले में अयोध्या के लोगों का कहना है कि कई अधिकारी भी सियासत के मौसम वैज्ञानिक होते हैं।
सत्ता परिवर्तन देखकर ही बदलती है रंगों की राजनीति
2017 में उत्तर-प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही रंग बदलने लगे। सरकारी बिल्डिंग से लेकर मंत्रियों के आवास का रंग भी बदला। रंगों में बदलाव कुर्सियों और उन पर सजने वाले तौलिया तक में दिखाई दिया। सडक़ से लेकर चौक-चौराहों पर लगे बोर्ड तक सब कुछ जैसे भगवा मय हो गया। योगी सरकार बनने के बाद डीएम आवास के बोर्ड का रंग भगवा किया गया था। अयोध्या और वाराणसी में कई सारे भवनों को भगवा रंग दिया गया।
अधिकारी होते हैं मौसम वैज्ञानिक
अयोध्या सदर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेज नारायण पांडे ने कहा कि अधिकारी सबसे बड़े मौसम वैज्ञानिक होते हैं उन्हें पहले से पता लग जाता है कि कौन सरकार आ रही है और कौन सरकार जा रही है। वे कहते हैं कि प्रशासनिक कार्यालयों के बोर्ड का रंग हरा ही होता है, लेकिन योगी सरकार में कुछ अफसरों ने अपने बोर्ड का रंग बदलकर भगवा करवा लिया था, अब योगी सरकार की विदाई होती देख फिर से प्रशासन पुरानी पटरी पर लौटने लगा है।