संघ से करीबी ने दिलाई केशव मौर्य को डिप्टी सीएम की कुर्सी!

लखनऊ। केशव प्रसाद मौर्य की सांगठनिक क्षमता और जुझारूपन के अतिरिक्त राष्टï्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से उनकी करीबी ने ही उन्हें एक बार फिर से उपमुख्यमंत्री की कुर्सी दिलवा दी। विधानसभा चुनाव के पूर्व श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर दिए गए बयान ‘अब मथुरा की तैयारीÓ ने उनकी राजनीतिक पूंजी और समृद्ध कर दिया। उनका यह बयान पूरे चुनाव में खासा सुर्खियों में भी रहा। बीजेपी के पोस्टर में उन्हें जिस तरह से तवज्जो दी गई, उसे लेकर यही माना जा रहा था कि इस बार भी सरकार उन्हें बड़ा पद सौंपेगी। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के पोस्टर में पीएम मोदी के साथ सीएम योगी और केशव प्रसाद मौर्य को भी जगह दी गई। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में सीएम योगी के बाद सर्वाधिक चुनावी रैलियां केशव मौर्य ने ही कीं। इस वजह से वह अपने विधान सभा क्षेत्र में प्रचार के लिए कम समय दे सके। केशव की यह हार भले ही थी, लेकिन प्रदेश में दोबारा प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने में उनका अहम योगदान रहा। इसके पूर्व पिछले विधानसभा चुनाव में भी उनके प्रदेश अध्यक्ष होने के दौरान भाजपा ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 300 से ज्यादा सीटें जीती थीं। उनके इसी कौशल को देखते हुए उन्हें योगी सरकार पार्ट वन में डिप्टी सीएम बनाया गया।

विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट पर पल्लवी से शिकस्त मिलने के बावजूद यह माना जा रहा था कि चूंकि केशव यूपी भाजपा में पिछड़ी जाति का बड़ा चेहरा हैं, इसलिए उनको फिर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी नेतृत्व ने केशव पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा डिप्टी सीएम बना दिया है। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्टï्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल की संस्तुति पर भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य को फूलपुर से प्रत्याशी बनाया। तब उन्होंने उस चुनाव में पहली बार पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू की संसदीय सीट से कमल खिलवा दिया। यहां वह रिकार्ड 3.40 लाख मतों से जीते। इसके पूर्व 2012 में केशव प्रसाद ने सपा की लहर में भी सिराथू विधानसभा सीट भाजपा के खाते में डाली। 2017 में प्रदेश अध्यक्ष होते हुए उन्होंने पार्टी को यूपी में अभूतपूर्व सफलता दिलवाई। केशव की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी खासी पैठ है।

 

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