सीएम धामी के क्षेत्र में योगी का बुलडोजर, खटीमा के ग्रामीणों में खौफ
देहरादून। उत्तर प्रदेश में चुनावी मुद्ïदे के तौर पर गूंजने के बाद एक बार फिर बुलडोजर सुर्खियों में है, तो उत्तराखंड में भी बुलडोजर को लेकर खासी हलचल दिख रही है। सितारगंज में हालिया ताबड़तोड़ एक्शन के बाद अब उधमसिंह नगर जिले के खटीमा क्षेत्र में कई ग्रामीणों को डर सता रहा है। वह भी उत्तराखंड सरकार नहीं, बल्कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के बुलडोजर का इसलिए इन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि वह योगी से बात करें। इधर सीएम धामी ने देहरादून में सरकारी एक्शन का बचाव करते हुए कहा कि उनकी सरकार कहीं भी जबरन बुलडोजर नहीं चला रही है। हमने अब तक हरिद्वार, उधमसिंह नगर और हल्द्वानी में बुलडोजर का इस्तेमाल किया है, वह भी गैर कानूनी अतिक्रमण को हटाने के लिए. ऐसा गैर कानूनी कुछ होगा तो बुलडोजर भी चलेगा। धामी के इस बयान के साथ ही उनके विधानसभा क्षेत्र रहे खटीमा में खौफ का मामला भी सुर्खियों में है।
दरअसल, खटीमा के एक दर्जन गांवों को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक नोटिस मिला है, जिसमें जल्द अपने मकान और फसल समेटकर जगह खाली करने की चेतावनी है। नोटिस की मानें तो शारदा बांध के किनारे के ग्रामीण इस नोटिस से सांसत में आ गए हैं। इन गरीब लोगों को डर है कि जमीन खाली करवाने के लिए योगी सरकार का बुलडोजर न आ जाए। ये समस्या वास्तव में एक नहर के पास निर्माण से जुड़ा है। रिपोर्ट बताती है कि जब उत्तराखंड अलग राज्य नहीं बना था, तब लोहियाहेड पावर हाउस को पानी की आपूर्ति के लिए नहर यहां बनाई गई थीञ 22 किलोमीटर लंबी नहर किनारे लोग बसते चले गए, तो राज्य सरकार ने यहां बिजली पानी जैसी सुविधाएं भी दीं। अब यूपी सरकार ने जमीन छोड़ने का नोटिस दे दिया है, तो ये लोग धामी सरकार से मांग कर रहे हैं कि 70 सालों के बाद उन्हें उजाड़ने की ऐसी कोशिश न की जाए।