पीएम के सामने चीफ जस्टिस ने दिलायी ‘लक्ष्मण रेखा’ की याद, कहा, कोर्ट के फैसलों के प्रति सरकारों की बेरुखी लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं
मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में उठाया सवाल
- जनहित याचिका बन गयी निजी हित याचिका, किया जा रहा दुरुपयोग
- पेंडिंग केसों को कम करने के लिए जजों को नियुक्त करने की जरूरत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विज्ञान भवन में आयोजित मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन ने अदालती फैसलों के पालन में सरकारों की बेरुखी पर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि कई बार कोर्ट के फैसले के बाद भी सरकारें जानबूझकर उस पर अमल नहीं करती हैं, यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। संविधान देश के तीनों अंगों के बीच शक्तियों के विभाजन का प्रावधान करता है और अपने कर्तव्य का पालन करते समय लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देशभर में चार करोड़ 11 लाख केस पेंडिंग हैं। इन पेंडिंग केसों में सरकार सबसे बड़ी पक्षकार है। पचास फीसदी पेंडिंग केसों में सरकार ही पक्षकार है। कोर्ट के फैसले पर अमल नहीं हो पा रहा है जो चिंताजनक है। भारत में 10 लाख लोगों पर सिर्फ 20 जज हैं। वैकेंसी और पेंडेंसी कम करने के लिए सरकार को जजों की नियुक्ति करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संविधान तीनों अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण का प्रावधान करता है और इनके बीच सामंजस्य से लोकतंत्र मजबूत होगा। अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय हमें लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश ने जनहित याचिकाओं के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब यह निजी हित याचिका बन गई है और निजी मामलों को निपटाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। कभी-कभी परियोजनाओं को रोकने या सार्वजनिक प्राधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है।
छह साल बाद हुआ सम्मेलन
पहला मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन नवंबर 1953 में आयोजित किया गया था और अब तक 38 ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। पिछला सम्मेलन वर्ष 2016 में आयोजित किया गया था। मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन और मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन दोनों को सीजेआई रमन की पहल पर अब छह साल के अंतराल के बाद आयोजित किया गया है।
सबको मिले न्याय, तैयार हो रोड मैप: पीएम मोदी
- कोर्ट में स्थानीय भाषा के इस्तेमाल पर दिया जोर
- संयुक्त सम्मेलन का किया उद्घाटन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में न्यायपालिका और सरकार का दायित्व बढ़ गया है। 2047 में जब देश आजादी के 100 साल पूरा करेगा तब हम कैसा देश चाहते हैं, हम किस तरह अपने न्याय व्यवस्था को इतना समर्थ बनाएं कि वह 2047 के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके, उन पर खरा उतर सके, ये प्रश्न हमारी प्राथमिकता में होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में जहां एक ओर ज्यूडिशरी की भूमिका संविधान संरक्षक की है, वहीं लेजिस्लेचर नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोड मैप तैयार करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2015 में हमने करीब 1800 ऐसे कानूनों को चिन्हित किया था जो अप्रासंगिक हो चुके थे। इनमें से केंद्र ने 1450 कानूनों को खत्म कर लोगों को राहत दी है लेकिन राज्यों की तरफ से केवल 75 कानून ही खत्म किए गए हैं। कोर्ट में स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर जोर देते हुए पीएम ने कहा कि हमें स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल देश के सामान्य नागरिकों का न्याय प्रणाली में भरोसा बढ़ेगा बल्कि वे सभी उससे जुड़ा हुआ महसूस कर पाएंगे।
डिप्टी सीएम पहुंंचे वाराणसी, परखी अस्पताल की व्यवस्था
- दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, खामियों को दूर करने के दिए निर्देश
- डिजिटल एक्स-रे कक्ष में ताला लगा देख सीएमएस को लगायी फटकार, मचा हडक़ंप
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को दुरुस्त करने के अभियान में लगे उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक आज वाराणसी के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की व्यवस्था परखने स्वयं ही काले रंग की स्कार्पियो ड्राइव करके पहुंचे। उन्होंने यहां लाइन में लगकर पर्चा बनवाया। इसके बाद अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने खामियों को जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
सरकार अब जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत वाराणसी मंडल के प्रभारी बनाए गए उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक शुक्रवार से वाराणसी में हैं। कल कई विभागों की समीक्षा करने के बाद वे आज दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंचे। सीएमएस आफिस पहुंचकर उन्होंने ड्यूटी रजिस्टर चेक किया। गैर हाजिर कर्मचारियों का ब्यौरा लिया। डेंटल विभाग में मशीन पर धूल देख नाराजगी व्यक्त की। डिजिटल एक्स-रे कक्ष में ताला बंद होने पर सीएमएस को कड़ी फटकार लगाई। जन औषधि केंद्र में दवाओं के बारे में जानकारी ली।