योगी के मंत्रियों में मुझसे आंख मिलाने की हिम्मत नहीं : आजम खां
- भाजपा के साथ आज भी अदावत है और कल भी रहेगी
- रामपुर में सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक
लखनु। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां ने कहा कि हमने कभी किसी के साथ धर्म और जाति के नाम पर कोई फर्क नहीं किया। किसी के साथ ज्यादती नहीं की। मालूम नहीं कौन भाजपा, बसपा, कांग्रेस का है। कांग्रेस वालों से तो लड़ाई नहीं थी, लेकिन भाजपा वालों के साथ कल भी अदावत थी, आज भी अदावत है और मरने के बाद हमारी कब्र की भी अदावत रहेगी। वो भी उसूलों की बुनियाद पर। हमारी कोई निजी लड़ाई नहीं है। इसलिए, हमारे आपस के रिश्तों में कोई खटास नहीं आनी चाहिए। जात और धर्म की बुनियाद पर कोई फर्क नहीं होना चाहिए। तोपखाना स्थित दारूल अवाम पर सपा नेता आजम खां ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली। उन्होंने सपा प्रत्याशी आसिम राजा के समर्थन में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि रामपुर को न सिर्फ हम दुनिया के नक्शे पर लेकर आए हैं। बल्कि पूरी दुनिया जानती है कि रामपुर के साथ बहुत जुल्म हुआ है। हम सिर्फ एक बार विधानसभा में शपथ ग्रहण के लिए गए थे। वहां भाजपा के वजीरों और एमएलए के सिर नहीं उठ रहे थे। उन्हें मालूम था कि वो मुझसे आंख नहीं मिला सकते। हम पर सिर्फ एक ही जुल्म रह गया था कि बची हुई जान निकाल लें। उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि यहां लोग शम्सी और गैर शम्सी का सवाल उठा रहे हैं। हमें कब से ये शम्सी वोट दे रहे हैं, क्या-क्या नहीं सहा है इन्होंने। एक ऐसा चुनाव था, जिसे जीतने के बाद इनकी दुकानों पर पथराव हुआ था। लूट ली गईं थीं दुकानें और यह कहा गया था कि तुम्हारा नबी जीत गया।
अरे शम्सी और गैर शम्सी का सवाल उठाते हो। कहां से मुसलमान हो। आजम खां ने कहा कि कोई है ऐसा, जो ये कहे कि जाति की बुनियाद पर मैंने उससे फर्क किया है। आजम खां ने कहा कि अगर मेरी सियासत में भी जाति की बुनियाद पर कोई बहस होती है, तो मेरी सारी कुर्बानी, तकलीफें, सब बेकार हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव का जिक्र करते हुए सपा प्रत्याशी आसिम राजा को राजा बनाने की अपील की। आजम खां ने कहा कि आपने तो मेरे लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। हर कदम पर, हर मौसम में एक ऐसा शख्श जो जेल में बंद है, जिसके निकलने की कोई उम्मीद नहीं थी। मायूसी थी, आपके सामने, लेकिन आपका जुनून कम नहीं हुआ। मेरे लिए इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि आज हमारी आबरू का इम्तिहान है। क्या कहेंगे लोग, हम क्या मुंह दिखाएंगे रामपुर से बाहर जब हमसे पूछा जाएगा कि आप जब खड़े होते हो तो जीत जाते हैं, लेकिन पहली बार आपने किसी और को खड़ा किया और अल्लाह न करे, क्या यह कलंक लगाना चाहते हो मेरे चेहरे पर। न कोई हिंदू है, न मुसलमान है, न सिख है और न ईसाई है। न धर्म है और न ही जाति है। हमारे दामन पर कोई दाग नहीं है।
जो चाहता है, हम पर इल्जाम लगा देता है
सपा नेता ने कहा कि हमारा दामन तो लोगों ने दागदार कर दिया है, जिसका जो जी चाहता है, हम पर इल्जाम लगा देता है। सपा प्रत्याशी आसिम राजा का जिक्र करते हुए कहा कि जिसने हर कदम पर हमारा साथ दिया। इस चुनाव से पहले के चुनाव में किस-किस बेइज्जती का सामना करना पड़ा इन्हें। कितनी बदतमीजियां हुई हैं इनके साथ। आज उस 40-42 साल की वफादारी के लिए हमें उस शख्श को अपने कंधों पर उठा लेना है और कामयाबी का परचम लहराकर साबित करना है कि जो फैसला हमने लिया वो इंशाअल्लाह कामयाब हुआ। आजम खां पिछले लोकसभा और विधानसभा के चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वो सिर्फ दहशत का चुनाव था। लगता था कि लोकतंत्र है ही नहीं। आज भी लोकतंत्र कितना है आप मुझसे बेहतर जानते हैं। सपा नेता ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के तारीखी फैसले न हुए होते, तो हमें आप यहां जिंदा नहीं पाते।
महान दल के अध्यक्ष को सपा ने किया पैदल, गिफ्ट में दी फॉर्च्यूनर ले ली वापस
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने गठबंधन तोड़ने के ऐलान के बाद महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य को पैदल कर दिया है। दरअसल सपा ने विधानसभा चुनावों से पहले केशव देव मौर्य को एक फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट में दी थी, जिसे गठबंधन टूटने के बाद वापस मंगा ली है। दरअसल हाल के राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में हिस्सेदारी ना मिलने से खफा महान दल के प्रमुख केशव देव मौर्य ने बुधवार को सपा से गठबंधन तोड़ने का एलान किया था। इस दौरान मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। सपा गठबंधन में महान दल को केवल दो सीटें मिली थीं। केशव की पत्नी और बेटे को समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल पर महान दल के प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ाया था, लेकिन दोनों पराजित हो गए। यूपी चुनाव के वक्त रामगोपाल यादव ने केशव देव मौर्य की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें भगवान श्री कृष्ण बताया था और उन्हें अखिलेश के सारथी का तमगा दिया था। रामगोपाल यादव ने तब कहा था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के चुनावी रथ के सारथी महान दल के केशव देव मौर्य होंगे। हालांकि अब उसी सारथी का रथ छीन लिया गया है। दरअसल केशव देव मौर्य से सपा ने जब गठबंधन किया था, तब यह उम्मीद की गई थी कि केशव के जरिये समाजवादी पार्टी को खासा फायदा मिलेगा, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका।
केजीएमयू, लोहिया में कोविड की निगेटिव रिपोर्ट फिर जरूरी!
लखनऊ। राजधानी में संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ अब केजीएमयू और लोहिया संस्थान में भर्ती होने के लिए कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट फिर से अनिवार्य की जा रही है। फिलहाल यह सख्ती सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे लक्षण वालों और ऑपरेशन के लिए भर्ती होने वाले मरीजों के लिए ही है। दोनों ही संस्थानों में मरीजों की भर्ती इमरजेंसी और ओपीडी से की जाती है। जैसे-जैसे कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, सख्ती भी बढ़ती जा रही है। केजीएमयू और लोहिया संस्थान में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तुरंत भर्ती करके इलाज किया जाता है। जिन मरीजों में कोविड के लक्षण होते हैं उन्हें भर्ती करने के बाद संक्रमण की जांच कराई जाती है। अब ओपीडी से भर्ती होने वाले मरीजों के मामले में पूरी तरह से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। ऑपरेशन के लिए भर्ती होने वाले मरीजों पर यही व्यवस्था लागू है। केस बढ़ने और भर्ती होने के लिए कोविड जांच की अनिवार्यता की वजह से संस्थानों में कोविड जांच के लिए भीड़ बढ़ती जा रही है। इससे मरीजों का इंतजार भी लंबा हो रहा है। मरीज को एक बार जांच कराने के लिए और फिर रिपोर्ट लेने के लिए लाइन लगानी होती है। अब मरीज ओपीडी के बाद सीधे भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। पहले उनको कोविड जांच करानी पड़ती है। इसके अगले दिन रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज भर्ती हो पा रहे हैं।