Uttrakhand : हरक के कांग्रेस में जाने की चर्चा के बीच बीजेपी अलर्ट
- हरक सिंह और हरीश के बीच जुगलबंदी ने बढ़ाई टेंशन
देहरादून। यशपाल आर्य की कांग्रेस में घर वापसी और अब हरक के बयानों से बीजेपी सकते में है। बीते कुछ दिनों में हरक सिंह और हरीश के बीच जुगलबंदी ने भी उसकी टेंशन बढ़ा दी है। हरीश रावत के बागियों के माफी न मांगने तक कांग्रेस में नो एंट्री के बयान को याद करने के साथ अब दोनों के बीच जुगलबंदी भी देखने को मिल रही है। हरक ने अपने मौजूदा कार्यकाल को निराशाजनक बताया, तो हरीश रावत ने कहा कि हरक मेरे अपराधी नहीं थे। उन्होंने सरकार को अस्थिर कर जनता के प्रति अपराध किया था, लेकिन उन्होंने इस कार्यकाल को निराशाजनक बताकर अपनी भूल स्वीकार कर एक तरह से अप्रत्यक्ष रूप से जनता से माफी मांग ली है। बदले में हरक ने भी कह दिया कि उन्होंने कभी बड़े भाई को कुछ गलत नहीं कहा। हरक ने कहा मैंने बरगद का पेड़ जरूर कहा था, लेकिन वो पॉजिटिव था। उन्होंने बरगद के पेड़ की खूबियां भी गिना दी। दोनों नेताओं की जुगलबंदी से बीजेपी टेंशन में है। उसको आशंका है कि हरक कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं और यदि ऐसा हुआ तो इससे पार्टी का चुनावी रोड मैप गड़बड़ा सकता है। वो भी तब जब दलित नेता यशपाल आर्य का विकल्प पार्टी अभी तक नहीं खोज पाई है। पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि लोकतंत्र में किसी को रोका नहीं जा सकता। रही विकल्प की बात तो जब यशपाल आर्य बीजेपी में नहीं थे, हम तब भी जीते थे। हालांकि देर शाम मदन कौशिक और हरक के बीच करीब दो घण्टे तक बातचीत हुई। इस मुलाकात को इसी हलचल से जोड़कर देखा जा रहा है। मीटिंग से बाहर निकले मदन कौशिक ने हरक के कांग्रेस में जाने की चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा कि हरक सिंह मूल भाजपाई हैं। उनकी राजनीति की शुरुआत ही एबीवीपी से हुई। हरक कांग्रेस में नहीं जाने वाले। वहीं हरक ने भी कहा मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। अगर मुझे जाना होगा तो सबको बताकर जाऊंगा। ये भी सच है कि स्टेट बीजेपी एक तरह से मन बना चुकी है कि जिसको जाना है, वो जाएगा ही। अब मंथन इस बात पर हो रहा है कि इससे जो मैसेज जाएगा उसका काउंटर क्या होगा।