अब संसद में पर्चे और तख्तियों पर रोक, येचुरी बोले, यह अलोकतांत्रिक
लोक सभा सचिवालय ने मानसून सत्र से पहले जारी की एडवाइजरी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। असंसदीय शब्दों की नई सूची और संसद परिसर में धरने प्रदर्शन पर रोक के बाद अब संसद में पर्चे, पोस्टर व तख्तियों पर पाबंदी का फरमान जारी हुआ है। इसे लेकर विपक्ष भड़क गया है।
लोक सभा सचिवालय ने शुक्रवार को मानसून सत्र के दौरान सदन में किसी भी तरह के पर्चे और तख्तियों के वितरण पर रोक लगाते हुए एडवाइजरी जारी की है। शुक्रवार को संसद परिसर में धरने और प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी थी जबकि सदस्य बापू की प्रतिमा के समक्ष अक्सर जमा होकर प्रदर्शन करते नजर आते थे। इससे पहले गुरुवार को दोनों सदनों में असंसदीय माने जाने वाले शब्दों की नई सूची जारी की गई थी। इन्हें लेकर विपक्षी नेता पहले से खफा हैं। अब बैनर, तख्तियों व पर्चों पर रोक ने उनकी नाराजगी और बढ़ा दी है। इस पर माकपा नेता सीताराम येचुरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट किया, लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है, इस तरह के तानाशाही आदेश निकाल कर। संसद भवन परिसर में धरना देना सांसदों का एक राजनीतिक अधिकार है, जिसका हनन हो रहा है। क्या तमाशा है। यह अलोकतांत्रिक है। भारत की आत्मा, उसके लोकतंत्र और उसकी आवाज का गला घोंटने की कोशिश विफल हो जाएगी। संसद परिसर में धरना-प्रदर्शन पर बैन की सूचना कल सबसे पहले कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने दी थी। उन्होंने इसकी आलोचना करते हुए तंज किया था कि विषगुरु का एक और काम, धरना मना है। गौरतलब है कि संसद की परंपरा के अनुसार कोई भी प्रकाशित सामग्री, प्रश्नावली, पर्चे, तख्तियां, बैनर आदि स्पीकर की पूर्व अनुमति के बिना सदन में वितरित नहीं किए जा सकते हैं। ये प्रतिबंधित हैं।