ईडी के मुद्ïदे पर चर्चा करने के लिए संजय सिंह ने मांगा समय
- राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी को लिखा पत्र
लखनऊ। आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी को ईडी के मुद्ïदे पर चर्चा करने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर अपनी बात रखने के लिए समय मांगा है। संजय सिंह ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का बढ़ता राजनीतिक दुरुप्रयोग लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय का बढ़ता दुरुप्रयोग और विपक्षी नेताओं पर एक तरफा कार्रवाई एजेंसी के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। ईडी द्वारा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन और विपक्ष के नेताओं पर मनमाने ढंग से मामले दर्ज किए जा रहे हैं जबकि पिछले 14 सालों से प्रवर्तन निदेशालय ने 16 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए, लेकिन केवल 15 लोगों पर ही आरोप सिद्घ कर सकी। इससे पहले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने अग्निपथ योजना पर मोदी सरकार को घेरा था, उन्होंने दावा किया है कि भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर? संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर सेना बहाली के जुड़ा एक स्क्रीनन शॉट शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर? बता दें कि सेना भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का सबसे ज्यादा विरोध बिहार में ही हुआ था। मोदी सरकार ने हाल ही में इस योजना का ऐलान किया था। इसके तहत चार साल के लिए अग्निवीरों की भर्ती की जानी है। इसमें 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही स्थाई काडर में भर्ती किया जाएगा।
दिल्ली दरबार में जितिन, नड्डा ने अब तक नहीं की मुलाकात
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में तबादलों को लेकर बीते तीन दिनों से मची हाय-तौबा शांत होने का नाम नहीं ले रही है। इसी वजह से जितिन प्रसाद को दिल्ली दरबार में तलब किया गया है। बताया जा रहा है कि जितिन से अभी तक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने बात नहीं की है, उन्हें अभी मिलने के लिए समय भी नहीं दिया गया। जितिन दिल्ली में है वह अपनी परेशानी आलाकमान के सामने रखना चाहते हैं मगर आलाकमान योगी से कोई नाराजगी मोल नहीं लेना चाहता, ऐसे में शीर्ष नेतृत्व उन लोगों से चर्चा कर रहा हैं, जो इस मसले पर उन्हें फीडबैक दे रहे हैं। हालांकि नाराज मंत्री पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने समय भी मांगा हैं पर अब तक मुलाकात नहीं हो सकी हैं। बता दें कि जितिन प्रसाद के पीडब्ल्यू मंत्रालय में भी तबादलों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने जितिन प्रसाद के ओएसडी को हटा दिया था। साथ ही विभाग में अन्य अफसरों को भी बर्खास्त कर दिया था। बताया जा रहा है कि जितिन इसी कार्रवाई से नाराज चल रहे हैं। इसी सिलसिले में वे दिल्ली पहुंचे हैं। मीडिया से बातचीत में जितिन प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नाराजगी का कोई प्रश्न नहीं उठता और न ही वह इस बारे में अमित शाह से मिलने आए हैं। हम लोग मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में काम कर रहे हैं। यही प्रयास है कि जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरें। जब कभी पार्टी के राष्टï्रीय नेताओं से समय मिलेगा, उनसे मिल सकते हैं लेकिन अभी मेरा ऐसा कोई विचार नहीं है। वहीं सूत्रों का कहना है कि आलाकमान ने जितिन प्रसाद को ऐसे वक्त पर दिल्ली बुलाया गया जब दिनेश खटीक और बृजेश पाठक के नाराज होने की भी खबरें हैं। उधर, जेपी नड्ïडा ने आज दिनेश खटीक की बातें सुनीं और उन्हें समस्याओं के निराकरण का आश्वासन भी दिया है। इसके साथ खटीक को बीजेपी अध्यक्ष की ओर से नसीहत भी मिली है कि वो सरकार और पार्टी के मसले को पार्टी फोरम में ही उठाएं।
स्वास्थ्य विभाग के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई तय
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के बाद स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग में हुए तबादला कांड ने अफसरों की नींंद उड़ा दी है। मुख्यमंत्री ने दोनों विभागों में हुए तबादलों में गड़बड़ी पर जांच बैठा दी है, जिसकी रिपोर्ट आते ही कई अफसरों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संवर्ग के डाक्टरों के तबादलों में हुई गड़बड़ियों को लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की मुख्यमंत्री कार्यालय में बुधवार देर रात तक बैठकों का सिलसिला जारी रहा। बैठक में डाक्टरों के तबादलों में कहां-कहां गड़बड़ियों हुई हैं इस पर चर्चा हुई। हर स्तर पर गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई किया जाना तय माना जा रहा है। लोक निर्माण विभाग में तबादलों में गड़बड़ी पर लिए गए सख्त एक्शन के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। फिलहाल उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक डाक्टरों के स्थानांतरण में गड़बड़ी पर महानिदेशालय स्तर से शासन स्तर तक के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कई अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। भ्रष्टाचार की जीरो टालरेंस नीति के तहत गड़बड़ करने वालों को सबक सिखाया जाएगा। जांच के लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में बनी कमेटी में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी व अपर मुख्य सचिव, आबकारी संजय भूसरेड्डी शामिल हैं। माना जा रहा है कि कमेटी दो दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है।
शरद पवार ने भंग किए राष्ट्रीय स्तर वाले पार्टी के सभी विभाग व प्रकोष्ठ
मुंबई। राष्टï्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने अपनी पार्टी के लिए बड़ा कदम उठाया है। एनसीपी के जनरल सेके्रटरी प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि अध्यक्ष शरद पवार ने तत्काल प्रभाव से राष्टï्रीय स्तर पर पार्टी के सभी विभागों व प्रकोष्ठों को भंग करने का फैसला लिया है। एनसीपी के इस फैसले की पुष्टि करते हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि एनसीपी प्रमुख की मंजूरी के बाद यह बड़ा निर्णय हुआ है। प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि हमारे राष्टï्रीय अध्यक्ष शरद पवार साहेब की मंजूरी के साथ तत्काल प्रभाव से एनसीपी के सभी नेशनल लेबल के डिपार्टमेंट व सेल को भंग किया गया। इसमें नेशनलिस्ट वूमंस कांग्रेस, नेशनलिस्ट यूथ कांग्रेस और नेशनलिस्ट स्टूडेंट्स कांग्रेस नहीं है। सूत्रों के अनुसार यह फैसला हाल में महाराष्टï्र की महा विकास अघाड़ी सरकार के गिरने के बाद लिया गया है। इसके तहत अब एनसीपी का पुनर्गठन करने का मकसद है। बता दें कि गठबंधन सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी शामिल थी। एनसीपी शिवसेना की अगुवाई में बनी सरकार में अहम हिस्सा थी, जो उद्धवके शिवसेना खेमे में हुई बगावत के बाद गिर गई।