चुनावी बाजी हारे तो दिल जीतने आजमगढ़ चले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव 23 अगस्त को बाहुबली विधायक रमाकांत यादव से मिलने आजमगढ़ जेल जा रहे हैं। लगभग दो वर्ष तक जेल में रहे पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां के प्रति बेरुखी के बाद हुई फजीहत से सपा अध्यक्ष ने सबक लिया है और जिस क्षेत्र को कन्नौज और मैनपुरी जैसा किला वह माने बैठे थे, वहां लोकसभा उपचुनाव में यादव-मुस्लिम गठजोड़ को उधड़ते देख चुके हैं। संकेत स्पष्ट है कि चुनावी बाजी हारने के बाद अखिलेश अब दिल जीतने के लिए आजमगढ़ की ओर चल पड़े हैं। आजमगढ़ में 22 प्रतिशत यादव व 18 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। यादव के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के भी 18 प्रतिशत मतदाता हैं। दलित वोट भी यहां करीब 20 प्रतिशत है। ऐसे में सिर्फ यादव व मुस्लिम मतदाता मिलकर ही 40 प्रतिशत हो जाते हैं। यही कारण है कि वर्ष 2014 में मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद बने थे, जबकि 2019 के चुनाव में अखिलेश यादव यहां से सांसद चुने गए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद यहां भाजपा को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की सभी 10 सीटें जीतने वाली सपा अखिलेश के इस्तीफे से खाली हुई लोकसभा सीट उपचुनाव में नहीं बचा पाई थी। करहल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया था। आजमगढ़ उपचुनाव के प्रचार में भाजपा से योगी आदित्यनाथ से लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और तमाम मंत्री व विधायक जुटे थे। वहीं अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट को लेकर इस कदर अति आत्मविश्वास में थे कि वे उपचुनाव में प्रचार करने तक नहीं गए। सपा ने यहां का टिकट भी नामांकन के अंतिम दिन फाइनल किया और धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा लेकिन बसपा उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने सपा के मुस्लिम वोटों में सेंधमारी कर साइकिल पंचर कर दी और परिणाम भाजपा के पक्ष में चला गया।
इस बार कोई चूक नहीं करना चाहते अखिलेश
उपचुनाव में मिली हार से सीख लेते हुए अखिलेश वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नए सिरे से समीकरण दुरुस्त करने में जुट गए हैं। आजम खां जब जेल में बंद थे तो उनसे मिलने न जाने पर अखिलेश की काफी खिंचाई हुई थी। आजम के समर्थकों व चाचा शिवपाल यादव ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया था। अखिलेश इस बार कोई चूक नहीं करना चाहते हैं। यही वजह है कि आजमगढ़ के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव से मिलने आजमगढ़ जेल जा रहे हैं। जहरीली शराब कांड में रमाकांत इन दिनों आजमगढ़ जेल में बंद हैं। पहले अखिलेश को यहां 20 अगस्त को पहुंचना था, किन्तु अब वे 23 अगस्त को आजमगढ़ पहुंचेंगे। यहां अखिलेश पार्टी के कई यादव व मुस्लिम नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। अखिलेश यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि यादव व मुस्लिम यदि बंट गए तो उसका फायदा भाजपा को उपचुनाव की तरह हो जाएगा।
प्रदेश की कानून व्यवस्था में हुआ सुधार : शिवपाल
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के राष्टï्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कांग्रेस में शामिल होने की अफवाहों का खंडन किया। उन्होंने इसे फर्जी खबर बताया। शिवपाल सिंह यादव कल इटावा और फिरोजाबाद में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। इटावा में जब उनसे कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछा गया तो शिवपाल यादव ने इस संभावना को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अफवाह है। उन्होंने दावा किया वह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि जब हमें गठबंधन सहयोगी के रूप में नहीं माना जाता था, तो हम अलग हो गए। अब हम अपनी पार्टी को विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी में युवाओं को जिम्मेदारी दी गई है। फिरोजाबाद में शिवपाल ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था में काफी कुछ सुधार हुआ है। हालांकि अभी और सुधार की जरूरत है। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा प्रदेश का कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने पर शिवपाल ने टिप्पणी से इनकार कर दिया।
दीपोत्सव में बनेगा नया विश्व रिकार्ड, जलेंगे 14 लाख दीप
अयोध्या। रामनगरी में छठवां दीपोत्सव इस बार 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बार दीपोत्सव में एक बार फिर नया विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी है। इस बार सरयू तट पर 14.50 लाख दीप जलाने का लक्ष्य है। मंडलायुक्त नवदीप रिणवा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर दीपोत्सव की तैयारियों पर मंथन किया। दीपोत्सव की शुरूआत 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किया था। तब से लगातार हर वर्ष दीपोत्सव नए कलेवर में भव्यता का पर्याय बन गया है। सरकार ने दीपोत्सव को प्रांतीय मेला घोषित किया है। हर वर्ष दीपोत्सव में नया विश्व रिकार्ड बना है, इस वर्ष भी 14.50 लाख दीप जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने की तैयारी है। मंडलायुक्त ने कहा कि इस मेले में अन्य वर्षों की तुलना में बहुत ज्यादा भीड़ होगी क्योंकि वर्तमान में कोविड का असर नहीं है। इसलिए सभी विभाग आपसी तालमेल समन्वय के साथ बेहतर व्यवस्था के साथ काम करें। सभी निर्माण कार्य को 30 सितम्बर 2022 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कर लिया जाये।