एसपी सिंह इलाहाबाद-झांसी खंड एमएलसी स्नातक सीट से सपा के प्रत्याशी घोषित
लखनऊ। अगले वर्ष फरवरी में प्रस्तावित शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव के लिए सपा ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने सैदाबाद के डॉ. एसपी सिंह पटेल को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। डॉ. एसपी सिंह को मतदाता बनाने और संपर्क के लिए करीब छह महीने का वक्त मिलेगा। इलाहाबाद-झांसी स्नातक क्षेत्र से ही सपा के डॉ. मान सिंह एमएलसी हैं। पार्टी ने उन्हें चुनाव से एक साल से भी पहले उम्मीदवार घोषित कर दिया था। ऐसे में डॉ. मान सिंह को मतदाता बनाने और संपर्क के लिए पर्याप्त समय मिल गया था। इसी रणनीति पर चलते हुए करीब छह महीने पहले डॉ. एसपी सिंह पटेल की उम्मीदवारी घोषित कर दी गई है। मु_ीगंज स्थित डॉ. केपी जायसवाल इंटर कॉलेज में वाणिज्य के प्रवक्ता डॉ. एसपी सिंह पटेल ने ही डॉ. मान सिंह के चुनाव का प्रबंधन संभाल रखा था। इसके अलावा वह सात वर्षों से पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और शिक्षकों की नियुक्ति समेत कई आंदोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन्हीं उपलब्धियों का उन्हें उम्मीदवारी के रूप में इनाम मिलने की बात कही जा रही है। शिक्षक निर्वाचन चुनाव के लिए प्राथमिक से विश्वविद्यालय तक के शिक्षक मतदाता बन सकते हैं। इसके लिए हर बार नई मतदाता सूची बनती है। एक अक्तूबर से मतदाता सूची बनाए जाने की बात कही जा रही है। पिछले चुनाव में 25 हजार से अधिक मतदाता थे। इस बार 40 हजार से अधिक मतदाता होने की बात कही जा रही है। ऐसे में पूरा चुनाव प्रत्याशी एवं पार्टी की रणनीति पर निर्भर होता है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में लाखों का घोटाला
लखनऊ। सरकार की ओर से कोरोना काल में औद्योगिक इकाइयों में काम करने वालों की नौकरी बचाने और नई इकाइयों को पीएफ अंशदान में मदद के लिए शुरू की गई आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय कानपुर रीजन से जुड़े 600 प्रतिष्ठानों को संदिग्ध सूची में डालकर इनके किसी भी प्रकार के दावे पर रोक लगा दी गई है। कानपुर में दो फर्जी कंपनियों के जरिए करीब 57 लाख रुपये पीएफ से निकाल लिए गए हैं। संबंधित कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच के साथ ही मामले और भी बढ़ सकते हैं। फर्जी कंपनियों के जरिए हुए फर्जीवाड़ा की पुष्टि क्षेत्रीय आयुक्त ने की है। कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक इकाइयों ने अपने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया था। पीएफ जमा करना तक बंद कर दिया था। ऐसी इकाइयों के अलावा नई इकाइयों को राहत देने और लोगों की नौकरी बचाने के लिए केंद्र सरकार ने आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना को एक अक्तूबर 2020 को शुरू किया था। कोविड महामारी के दौरान सामाजिक सुरक्षा लाभ और रोजगार के नुकसान की भरपाई के साथ-साथ नए रोजगार के सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना थी।
इसमें बड़े पैमाने पर नई कंपनियों ने पंजीकरण कराया था। योजना का अच्छा असर देखते हुए पंजीकरण की अंतिम तारीख 30 जून 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि शहर के दर्शनपुरवा स्थित मेसर्स नवरून चैरिटेबल फाउंडेशन ने जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक करीब 84 लाख का अपफ्रंट लाभ लिया है। जांच में पता चला कि इस प्रतिष्ठान ने 320 दावों के जरिए 45 लाख रुपए की पीएफ निकासी की। प्रतिष्ठान में कर्मचारी फर्जी दिखाए गए। इसी तरह मेसर्स दीपक ठेकेदार ने दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 तक 42 लाख का अपफ्रंट लाभ लिया है। जबकि प्रतिष्ठान के पास कोई वर्क आर्डर नहीं है। 104 दावों के जरिए 12 लाख रुपये की निकासी की गई। इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद रीजन के सभी 14 जिलों के कार्यालयों में जांच की गई तो अब तक 600 प्रतिष्ठान संदिग्ध मिले हैं। इनके सभी दावों को रोक कर भौतिक सत्यापन के निर्देश प्रवर्तन अफसरों को दिए गए हैं। इसके अलावा विभाग के उच्च अफसरों, विजिलेंस को भी सारी जानकारी दे दी गई है। इन कंपनियों की छानबीन करके दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।