भ्रष्टाचार का प्रमाण है पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सड़क धंसना : संजय सिंह
- आप नेता ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर कसा तंज
लखनऊ। योगी-1 के ड्रीम प्रोजेक्ट में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे प्राथमिकता में रहा, लेकिन जिस तरह बरसात में बार-बार ये बैठ रहा उससे कार्यदायी संस्था व कार्य के गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं । पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 15 फीट चौड़ा गड्ïढा होने पर जहां सरकार में बैठे लोगों ने चुप्पी साध रखी है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष लगातार हमला करता नजर आ रहा। कांग्रेस के बाद अब बीजेपी सांसद संजय सिंह ने सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि सड़क धंसना भ्रष्टाचार का ही प्रमाण है। महेश भट्ट की फिल्म सड़क का पोस्टर और दूसरी ओर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के गड्ढे की तस्वीर लगाकर टवीटर पर संजय सिंह ने लिखा कि महेश भट्ट ने बनाई थी- सड़क, मोदीजी ने बनाई-धंसी सड़क। बुंदेलखंड और पूर्वांचल में भारी सफलता के बाद बाकी सड़कों में धंसने की होड़ लगी। सरकार के भ्रष्टाचार का इससे बड़ा साक्ष्य क्या होगा? वहीं डीएम सुल्तानपुर रवीश गुप्ता ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाने का काम कराया जा रहा है, इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर केबिल डालने के लिए ड्रिलिंग की गई थी, इस ड्रिलिंग से एक छेद हो गया था, जिससे भारी बारिश के कारण जल भराव हो गया। सूचना मिलते ही मौके पर यूपीडा की तकनीकी टीम द्वारा सड़क पर बने गढ्ढे की मरम्मत कर दी गई। अब एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ यातायात को सुचारु रूप से चालू कर दिया गया है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में जमीन विनिमय के नाम पर हुआ भ्रष्टाचार
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे निर्माण में एक नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के कई तरह के आरोप हैं। हलियापुर थाना क्षेत्र के जरईकला गांव निवासी जीतराज सिंह का आरोप है कि गांव के कुलदीप सिंह ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में उसकी जमीन विनिमय कराने की सलाह देते उसे सुल्तानपुर कलेक्ट्रेट लेकर पहुंचा। यहां पर उसने बल्दीराय के पूरे रिसाल मिश्र निवासी रवींद्र नाथ मिश्रा से मुलाकात कराई। 5 बीघा खेत के विनिमय का सौदा 15 लाख रुपए में तय हुआ। जीतराज के मुताबिक रवींद्र ने कहा कि एडीएम से हमारे संबंध अच्छे हैं मैं करा दूंगा। इसके बाद 9 अगस्त को 2 लाख नकद व 3 लाख रुपए ननका पत्नी ओंकार निवासी पूरे अलप सिंह थाना जामो अमेठी के एकाउंट पर आरटीजीएस कराया गया। 28 अगस्त को ननका के ही खाते पर जालसाजों ने 4 लाख 50 हजार रुपए एनएफटी के जरिए लिया। इसके अलावा नकद रकम भी जीतराज से ली गई। हाल ही में एडीएम का ट्रांसफर सुल्तानपुर से बांदा हो गया लेकिन जमीन का विनिमय नहीं हुआ।
बिहार विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी लोजपा!
पटना। बिहार में विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। गोपालगंज और मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है। चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। लोजपा (रामविलास) उपचुनाव में क्या बीजेपी के साथ गठबंधन करेगी या अलग से प्रत्याशी उतारेगी, इस बारे में स्थिति साफ नहीं हो पाई है। चिराग का कहना है कि अभी पार्टी ने फैसला नहीं लिया है, मंथन जारी है। लोजपा (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान ने कहा है कि विधानसभा उपचुनाव को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। संसदीय बोर्ड की बैठक हुई है। लेकिन निर्णय की जानकारी उन्हें नहीं है। वे जल्द निर्णय लेंगे।
मुलायम सिंह यादव की हालत नाजुक, वेंटिलेटर सपोर्ट पर
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संरक्षक व पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव की तबीयत नाजुक है। बीते कुछ दिनों से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आईसीयू में दाखिल हैं। वह अभी भी वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रह रही है। वहीं पिता का हाल जानने अखिलेश यादव मेदांता पहुंचे हैं। रामगोपाल यादव भी अस्पताल में मौजूद हैं। मेदांता अस्पताल ने बताया कि मुलायम सिंह यादव की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और वह जीवन रक्षक दवाओं पर हैं। मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल सूत्रों के मुताबिक, उनकी किडनी में संक्रमण फैल गया है। इसकी वजह से शरीर में क्रिएटनिन लेवल बार-बार अनियंत्रित हो रहा है। ऐसे में सामान्य डायलिसिस की जगह उन्हें एडवांस कन्टिन्यूअस रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (सीआरआरटी थेरेपी) सपोर्ट पर रखा गया है। यह थेरेपी किडनी खराब होने पर सामान्य डायलिसिस के इलाज से बेहतर होती है। इस बीच मुलायम सिंह यादव के परिवार वालों ने अपील की थी कि नेताजी ठीक हैं। यहां अस्पताल में उनसे मिलने न आएं। कार्यकर्ताओं और नेताओं की भीड़ को देखते हुए अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता की गई है। मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश अस्पताल में हीं डेरा डाले हुए हैं।
तेजस्वी बन सकते हैं आरजेडी के पहले कार्यकारी राष्टï्रीय अध्यक्ष!
पटना। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव राष्टï्रीय जनता दल (आरजेडी) के पहले कार्यकारी राष्टï्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इस पर विचार कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि आरजेडी की दिल्ली में होने वाले राष्टï्रीय अधिवेशन में इसकी घोषणा की जा सकती है। हालांकि, अभी तक पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन, ऐसा हुआ तो तेजस्वी पूरी तरह लालू यादव के राजनीतिक वारिस बन जाएंगे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव के लिए पार्टी में नया पद बना सकते हैं। उन्हें कार्यकारी राष्टï्रीय अध्यक्ष बनाने पर विचार चल रहा है। अगर ऐसा होता है तो आरजेडी के 25 सालों के इतिहास में पहली बार कोई कार्यकारी राष्टï्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा। तेजस्वी आधिकारिक तौर पर लालू के बाद पार्टी में दूसरे नंबर पर आ जाएंगे और संगठन में उनकी पकड़ और मजबूत हो जाएगी। बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव फिलहाल बीमार चल रहे हैं। उनकी किडनी, हार्ट समेत कई शिकायतें हैं।
तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने पर नजर
दूसरी ओर लालू यादव अपने छोटे बेटे तेजस्वी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की कवायद में जुटे हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से गठबंधन कर सत्ता में आने का मकसद ये ही था कि भविष्य में तेजस्वी के सीएम बनने का रास्ता साफ हो जाए। 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव महागठबंधन की ओर से सीएम पद के दावेदार थे, हालांकि उस समय जीत नहीं मिली थी इसलिए उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। अब अटकलें हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में सीएम नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में जाएंगे और बिहार की सत्ता की कमान तेजस्वी के हाथों में आ जाएगी।