निकाय चुनाव तो बहाना, मिशन 2024 पर है निशाना

  • पिछड़ा वर्ग को साधने में जुटी बीजेपी, छठ पर्व की आड़ में पूर्वांचल के वोट बैंक पर भी नजर

चेतन गुप्ता
लखनऊ। भाजपा इस निकाय चुनाव को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के रूप में भी देख रही है। इसलिए पार्टी किसी भी तरह निकाय चुनाव में ढील नहीं बरतना चाहती। यही वजह है कि बीजेपी के यूपी से लेकर केंद्र तक के मंत्री और पदाधिकारी निकाय चुनाव की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हैं। भाजपा हर वर्ग में अपनी पैठ बनाकर वोट पाना चाहती है। इसलिए अब पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने के लिए पार्टी जगह-जगह प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन कर रही है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता पदाधिकारियों को जीत का मंत्र देने का काम कर रहे हैं। बीजेपी पूरे प्रदेश में पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन कर रही है। लखनऊ में ओबीसी सेल के लिए पिछले दिनों अवध क्षेत्र का प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रदेश कार्यालय में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, संगठन मंत्री धर्मपाल सैनी और पार्टी के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे। इसी तरह कानपुर शहर से ज्यादा से ज्यादा पार्षद बनवाने और भाजपा का मेयर बनवाने के लिए अब पिछड़ा वर्ग के वोटर्स को साधने के लिए भी भाजपा ने तैयारी तेज कर दी है। इसी के तहत भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा, कानपुर- बुंदेलखंड क्षेत्र का प्रशिक्षण न्यू शिवली रोड, कल्याणपुर स्थित पारस गार्डन में आयोजित हुआ। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि निकाय चुनाव लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल है। 2024 के मिशन मोड पर सबको काम करना है। उधर, पार्टी हाईकमान के निर्देश पर छठ पर्व को पूरी तरह से कैश करने में बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं ने शुभकामनाओं की होर्डिंग्स लगाकर अपनापन दिखाने की पूरी कोशिश की, जिसका फायदा आगामी निकाय चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव में भी मिलना तय माना जा रहा है।

पिछड़ा वर्ग यूपी का सबसे बड़ा वोटबैंक
उत्तर प्रदेश में सरकारी तौर पर जातीय आधार पर कोई आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है, लेकिन अनुमान के मुताबिक यूपी में सबसे बड़ा वोट बैंक पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का है। लगभग 52 फीसदी पिछड़ा वोट बैंक में 43 फीसदी वोट बैंक गैर-यादव बिरादरी का है, जो कभी किसी पार्टी के साथ स्थाई रूप से नहीं खड़ा रहता है। यही नहीं, पिछड़ा वर्ग के वोटर कभी सामूहिक तौर पर किसी पार्टी के पक्ष में भी वोटिंग नहीं करते हैं। उत्तर प्रदेश में ओबीसी की 79 जातियां हैं, जिनमें सबसे ज्यादा यादव और दूसरे नंबर कुर्मी समुदाय की है। सीएसडीएस के आंकड़ों के मुताबिक ओबीसी जातियों में यादवों की आबादी कुल 20 फीसदी है जबकि राज्य की आबादी में यादवों की हिस्सेदारी 11 फीसदी है, जो सपा का परंपरागत वोटर माना जाता है।

गैर-यादव ओबीसी जातियां अहम
यूपी में गैर-यादव ओबीसी जातियां सबसे ज्यादा अहम हैं, जिनमें कुर्मी-पटेल 7 फीसदी, कुशवाहा-मौर्या-शाक्य-सैनी 6 फीसदी, लोध 4 फीसदी, गडरिया-पाल 3 फीसदी, निषाद-मल्लाह-बिंद-कश्यप-केवट 4 फीसदी, तेली-शाहू-जायसवाल 4, जाट 3 फीसदी, कुम्हार/प्रजापति-चौहान 3 फीसदी, कहार-नाई- चौरसिया 3 फीसदी, राजभर 2 फीसदी और गुर्जर 2 फीसदी हैं।

कर्नाटक की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी आम आदमी पार्टी

नई दिल्ली। कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी बड़ा लक्ष्य बना रही है। उसने सभी 224 निर्वाचन क्षेत्रों में भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे के साथ अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। आप चुनाव से चार महीने पहले जनवरी 2023 के पहले सप्ताह तक उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर सकती है। इसके बाद उम्मीदवारों की अगली सूची की घोषणा की जाएगी। कर्नाटक आप के संयोजक और पार्टी प्रवक्ता पृथ्वी रेड्डी ने कहा कि हमने सभी 224 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हमने राज्य के 170 निर्वाचन क्षेत्रों में ग्राम संपर्क अभियान (गांव पहुंच अभियान) के माध्यम से अपना अभियान शुरू किया है और हम इन 170 निर्वाचन क्षेत्रों में बूथ स्तर पर लोगों को नियुक्त करने की प्रक्रिया में हैं। रेड्डी के मुताबिक, राज्य में करीब 58,000 बूथ हैं और पार्टी हर बूथ पर कम से कम 10 कार्यकर्ताओं की आक्रामकता से नियुक्ति कर रही है। उन्होंने समझाया कि हम बूथ स्तर पर काम करके अपनी पार्टी को मजबूत कर रहे हैं। इस तरह हम पैसे और बाहुबल के खिलाफ लड़ सकते हैं। इन बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र के लोगों से संबंधित मुद्दों को उठाने का काम सौंपा गया है। रेड्डी ने कहा कि आप को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है, क्योंकि लोग पहले से ही राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के तीनों प्रमुख राजनीतिक दल भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में कामयाब नहीं रहे।

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की: शत्रुघ्न सिन्हा

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के सांसद व पूर्व भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की है। सिन्हा ने कहा कि तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुआ राहुल का 3,570 किलोमीटर लंबा मार्च कांग्रेस को 2024 के लोकसभा चुनाव में उसकी सीटों की संख्या को दोगुनी करने में मदद करेगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 52 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सिन्हा ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा को बहुत अच्छा समर्थन मिल रहा है। राहुल गांधी के करिश्मे ने काम करना शुरू कर दिया है और उन्हें जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। मुझे लगता है कि राहुल की यात्रा अगले लोकसभा चुनाव में संसद में कांग्रेस की सीटों की संख्या दोगुनी करने में मदद करेगी।

Related Articles

Back to top button