साइकिल की सवारी कर रहे राजभर, पूर्वांचल में बिगाड़ रहे भाजपा का गणित
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होने वाला है. ऐसी स्थिति में प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. यूपी में बीजेपी को हराने के मिशन पर चल रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को समाजवादी पार्टी के रूप में एक नया दोस्त मिल गया है. सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मंच साझा कर उन्हें भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ गठबंधन के लिए आमंत्रित किया. ऐसी स्थिति में अगर सुभासपा और सपा के दोस्त बन जाएं तो फिर पूर्वांचल में बीजेपी का रास्ता कांटे से भरा हो सकता है. हालांकि बीजेपी ने गठबंधन की गांठों को ढीला करने लिए तेजी से काम करना शुरू कर दिया है.
एक दिन पहले यानी बुधवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मऊ में बीजेपी के पुराने सहयोगी ओमप्रकाश राजभर के साथ मंच साझा कर राजनीतिक गणित दुरुस्त करने की कोशिश की. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक इस गठबंधन का असर पूर्वांचल की काफी सीटों पर पड़ रहा है. इस कारण जहां सपा मुखिया अखिलेश यादव यूपी फतेह का सपना देख रहे हैं, वहीं ओपी राजभर भी बीजेपी को हराने का सपना देख रहे हैं.
जिस समय बुधवार को सुभासपा और सपा मंच साझा कर रहे थे, उस समय भाजपा अति पिछड़ी, आदिवासी बिरादरी से जुड़े छोटे दलों को हिस्सा बनाकर इससे निपटने की रणनीति में जुटी थी. बुधवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की मौजूदगी में 7 छोटे दलों के हिस्सेदारी मोर्चे ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है. इस पर यूपी भाजपा प्रमुख ने कहा कि राजभर समाज कभी सपा के साथ नहीं जाएगा.
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अखिलेश की सरकार में राजभर समाज का बहुत जुल्म हुआ. जिन दलों ने भाजपा को समर्थन दिया है उनमें भारतीय मानव समाज पार्टी, मुसहर आंदोलन मंच, शोषित समाज पार्टी, मानव हित पार्टी, भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी, पृथ्वीराज जनशक्ति पार्टी और भारतीय समता समाज पार्टी शामिल हैं।
एक सवाल के जवाब में स्वतंत्रदेव ने कहा कि प्रदेश की जनता समझ चुकी है कि उन्हें जाति के आधार पर वोट नहीं देना है. वह राष्ट्र के नाम पर मतदान करेगी. विकास के नाम पर वोट दें. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राहुल, सोनिया प्रियंका के साथ देश नहीं चलता. नेहरू, इंदिरा परिवार ने यह देश नहीं बनाया. देश का निर्माण ऋषि महात्माओं ने त्याग और बलिदान के माध्यम से किया है. राष्ट्र विचार से चलता है.
दूसरी तरफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समाजवादी पार्टी की सरकार में उत्पीडऩ के मुद्दों को हवा दे रहे हैं. राजधानी लखनऊ में आयोजित सामाजिक सम्मेलन में सीएम योगी ने कहा कि जिस सरकार ने राम जन्मभूमि पर हमला करने वाले आतंकियों और दंगाइयों के खिलाफ केस वापस लिया था, वह झूठे मुकदमे दर्ज कराकर दलितों को फंसाने का काम करती थी. ऐसे लोग दलित समाज के कल्याणकारी कभी नहीं हो सकते. आज भाजपा सरकार में दलित समाज का कोई भी बाल भी बांका नहीं कर सकता है.