मंत्रिमंडल विस्तार पर मायावती बोलीं- जब तक मंत्रालय समझेंगे तब तक लागू हो जाएंगी आचार संहिता

  •  नए मंत्रियों को नहीं स्वीकार करना चाहिए था पद

लखनऊ। भाजपा सरकार से किसान समेत समाज के सभी वर्गों से सावधान रहने की सलाह देते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जातिगत वोटों को साधने के लिये मंत्री बनाए गए लोग यदि पद स्वीकार नहीं करते तो उनके व समाज के लिये बेहतर होता। मायावती ने आज सुबह एक के बाद एक दो ट्वीट कर राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा। पहले ट्वीट में वे नवनियुक्त सात मंत्रियों को सलाह देने के मूड में नजर आयी जबकि एक घंटे बाद किए गए दूसरे ट्वीट में उन्होंने किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुएगन्ना मूल्य में की गयी बढ़ोतरी को राजनीति से प्रेरित करार दिया। बसपा सुप्रीमो ने कहा बीजेपी ने कल यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते। क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे तब तक यहां चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। उन्होंने कहा इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये हैं बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी कार्य शुरू किए थे, उन्हें भी अधिकांश बन्द कर दिया गया है। इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गों को सावधान रहने की सलाह दी।

भाजपा के बहकावे में नहीं आएगी जनता

मायावती ने कहा यूपी भाजपा सरकार पूरे साढ़े चार सालों तक यहां के किसानों की घोर अनदेखी करती रही व गन्ना का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया, जिस उपेक्षा की ओर ७ सितम्बर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में मेरे द्वारा इंगित करने पर अब चुनाव से पहले इनको गन्ना किसान की याद आई है जो इनके स्वार्थ को दशार्ता है। उन्होंने कहा केन्द्र व यूपी सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दु:खी व त्रस्त है, लेकिन अब चुनाव से पहले अपनी फेस सेविंग के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं। ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है।

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