नीतीश सरकार की 1674 पदों के सृजन को मंजूरी

सरकार खरीदेगी एक नया जेट विमान और हेलीकॉप्टर

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सचिवालय के मंत्रिमंडलीय कक्ष में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकारी पदों में 1674 पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। जबकि सिविल विमानन निदेशालय के लिए एक नए हेलीकॉप्टर और एक जेट विमान की खरीद के लिए उच्चस्तरीय कमेटी के गठन को अपनी स्वीकृति दे दी है।
मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ ने बताया कि एक 10 से 12 सीटर वाला हेलीकॉप्टर और विमान खरीदने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा कैबिनेट ने शिक्षा विभाग में क्षेत्रीय कार्यालय के लिपिक संवर्ग के लिए 1674 पदों के सृजन को भी स्वीकृति दी है।
इसके साथ ही उद्योग विभाग के तीन महत्वपूर्ण एजेंडों को भी मंत्रिमंडल की सहमति मिली है। इसके तहत टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए भगवानपुर में कंपनी स्थापित की जाएगी। इस पर 44 करोड़ 28 लाख की राशि को कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दी है। साथ ही नालंदा और मुजफ्फरपुर में इथेनॉल इकाई स्थापित की जाएगी और इस यूनिट की स्थापना के मकसद से नालंदा हेतु 96 करोड़ 92 लाख, मुजफ्फरपुर के लिए 135 करोड़ 62 लाख की स्वीकृति कैबिनेट द्वारा दी गई है।
इसके अतिरिक्त नीतीश कैबिनेट ने भवन निर्माण विभाग के मुख्य वास्तुविद अनिल कुमार इस सेवा अवधि 1 साल के लिए बढ़ा दी है। अनिल कुमार 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे थे। नीतीश कैबिनेट ने भवन निर्माण विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र यानी एनआईसी पटना के बीच एक एमओयू करने का भी फैसला किया है। इसका मकसद भवन निर्माण विभाग के अंतर्गत परियोजना प्रबंधन सूचना प्रणाली ऑनलाइन इन निवास एवं ऑनलाइन आवास कर देना और संग्रहण प्रणाली, जैसे- विभिन्न उद्योगों से उपयोग किए जा रहे सूचना प्रबंधन प्रणाली के रखरखाव, उनमें परिवर्तन, तकनीकी उन्नयन एवं सेवा विस्तारीकरण को मूर्त रूप देना है।
शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत लिपिकों को संवर्ग संरचना के अनुरूप पूर्व में स्वीकृत पदों में से 670 पदों को समपरिवर्तित करते हुए उच्च वर्गीय लिपिक 462 पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही प्रधान लिपिक 161 एवं कार्यालय अधीक्षक 40 पदों को चिन्हित करने के साथ ही स्वीकृति दिए जाने से कार्यालय में कार्यरत लिपिकों को उन्नति का भी मौका मिल सकेगा। इससे क्षेत्रीय कार्यालय की कार्यशैली और भी बेहतर होगी और कार्यों का निष्पादन प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।

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