हिंसा, हत्या और भेदभाव का समर्थन करता है हिंदुत्व… : सिद्धारमैया
बेंगलुरू। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वह हिंदू विरोधी नहीं बल्कि हिंदुत्व के विरोधी हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि हिंदुत्व हिंसा, हत्या और विभाजन को बढ़ावा देता है। हिंदुत्व को संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा कि हिंदुत्व, हिंदू धर्म से अलग है, मैं खुद एक हिंदू हूं, लेकिन मैं मनुवाद और हिंदुत्व के खिलाफ हूं। उन्होंने कहा कि वह कभी भी हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं थे। वह कलबुर्गी में कांग्रेस के पूर्व विधायक बीआर पाटिल के जीवन पर आधारित एक किताब के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। उनके इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘शायद हममें से ज्यादातर लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं, हम हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हैं। आगे उन्होंने पूछा, क्या किसी धर्म में हत्या और हिंसा की गुंजाइश है? उन्होंने दावा किया, लेकिन हिंदुत्व और मनुवाद में हत्या, हिंसा और विभाजन की गुंजाइश है।
यह पहली बार नहीं है जब सिद्धारमैया ने हिंदुत्व के खिलाफ ऐसी टिप्पणी की है। इससे पहले 8 जनवरी को उन्होंने जोर देकर कहा था कि वह हिंदू हैं लेकिन हिंदुत्व के खिलाफ हैं। इसी कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर का विरोध नहीं किया बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करने के खिलाफ थे।
सिद्धारमैया ने कहा था, मैं एक हिंदू हूं। मैं हिंदू विरोधी कैसे हो सकता हूं? मैं हिंदुत्व और हिंदू आस्था के आसपास की राजनीति का विरोध करता हूं। भारतीय संविधान के अनुसार सभी धर्म समान हैं। कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता भाजपा के इस आरोप पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि वह हिंदू विरोधी हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने पिछले दिनों उन्हें सिद्धारमुल्ला खान कहा था।
सिद्धारमैया ने कहा कि आने वाला चुनाव उनका आखिरी होगा लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद भी वह राजनीति में अपना कार्यकाल जारी रखेंगे। कर्नाटक विधानसभा के सभी 224 सदस्यों का चुनाव करने के लिए विधानसभा चुनाव मई 2023 से पहले होंगे। कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, 2023 को समाप्त होने वाला है।