मुझे मिल रही जान से मारने की धमकी: राउत
मुंबई। महाराष्ट्र के रत्नागिरि के मुंबई-गोवा हाइवे पर राजापुर के पास सोमवार (6 मार्च) को रिफाइनरी के समर्थक पंढरीनाथ आंबेरकर के खिलाफ रिपोर्ट लिखने के दिन ही दोपहर को पत्रकार शशिकांत वारिशे की स्कूटी को एसयूवी से टक्कर मारी गई। दूसरे दिन पत्रकार की मौत हो गई। पंढरीनाथ 14 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में है। संजय राउत ने पत्रकार की संदिग्ध मौत को हत्या बताया है और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके बेटे विधायक नितेश राणे और नेता निलेश राणे का नाम लिए बिना कहा है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह मालूम है कि मास्टरमाइंड कौन है?
संजय राउत ने आज (11 फरवरी, शनिवार) पत्रकारों से बातचीत में इससे भी गंभीर आरोप लगाते हुए यह कहा कि उन्हें इस मुद्दे को उठाने पर जान से मारने की दो बार धमकियां दी गई हैं। संजय राउत ने इस मामले को लेकर देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र भी लिखा है।
पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, ‘ पुलिस पर दबाव है कि जो भी रिफाइनरी का विरोध कर रहा है। इसके खिलाफ लिख या बोल रहा है, उसे झूठे केस में फंसाया जाए। अब तक विरोध में बोलने वालों के पीछे जांच एजेंसियां लगाई जाती थीं। उन्हें जेल भेजा जाता था। लेकिन अब मामला उससे आगे चला गया है। अब हत्या का खेल शुरू है। मुझे भी आज दो बार फोन कॉल आया कि अगर पत्रकार शशिकांत वारिशे की मौत का मुद्दा उठाया तो आपका भी वारिशे वाला अंजाम होगा। लेकिन मैं इन धमकियों से डरने वाला नहीं हूं। हम चुप नहीं बैठेंगे।’
संजय राउत ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके बेटों का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि, ‘यह हत्या एक इकलौती घटना नहीं है। पिछले पच्चीस सालों में हत्याओं का जो दौर चला है, यह उसकी एक कड़ी है। गृहमंत्री फडणवीस को मालूम है कि इसका मास्टरमाइंड कौन है? जो आरोपी पकड़ा गया है, उससे ज्यादा जरूरी उसको पकडऩा है जो इसका असली सूत्रधार है। हम केंद्रीय गृहमंत्री से अपील करेंगे कि वह एक स्पेशल टीम भेजें और मामले की गहराई से पड़ताल करें।’
संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस पर भी शक जताते हुए कहा कि कोंकण क्षेत्र के आंगणेवाड़ी की सभा में उन्होंने कहा था कि रिफाइनरी तो बन कर रहेगी, देखते हैं कौन रोकता है। इसके बाद दूसरे ही दिन पत्रकार की मौत हो गई। इसे सिर्फ संयोग समझा जाए क्या? संजय राउत ने कहा कि शशिंकांत वारिशे की मौत इसलिए हुई क्योंकि उसने यह जानकारी देनी शुरू की थी कि रिफाइनरी समर्थक, सरकार के कुछ लोग, रत्नागिरि के कुछ नेता इस मामले में परप्रांतीयों के साथ सांठगांठ कर रहे थे और राजापुर की करोड़ों की जमीन कौडय़िों के मोल बिक्री के धंधे में शामिल थे। पत्रकार शशिकांत वारिशे इसकी जानकारियां दे रहे थे।
संजय राउत ने कहा, ‘जो वहां के संरक्षक मंत्री हैं और जिन्होंने वहां रिफाइनरी लाने की सुपारी ली हुई हैज् जो केंद्रीय मंत्री हैं और उनका जो परिवार हैज्जो कहते हैं कि विरोध को कुचल देंगेज्और वहीं आंगणेवाडी की सभा में 24 घंटे पहले राज्य के गृहमंत्री कहते हैं कि रिफाइनरी को बनने से कौन रोकता है देखते हैं। दूसरे दिन एक युवा पत्रकार की हत्या हो जाती है। यह क्या सिर्फ एक संयोग माना जाए?’
संजय राउत ने नारायण राणे और उनके बेटों का नाम ना लेकर उन्हें टारगेट किया। पर ठाकरे गुट के सांसद विनायक राउत ने साफ तौर से नाम लेकर कहा कि हत्या करने वाले को राणे परिवार ही पाल रहा है। राणे परिवार के इशारे पर ही इस काम जो अंजाम दिया गया है। इस बीच बता दें कि आज राजापुर तहसील कार्यालय के बाहर रिफाइनरी का विरोध कर रहे गांव वालों ने पत्रकार शशिकांत वारिशे की संदिग्ध मौत को लेकर विरोध मार्च निकाला है।
संजय राउत के अलावा शरद पवार ने भी मामले की पूरी जांच करवाने की मांग की है। इस मामले में देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। इसकी विस्तार से जांच करवाई जाएगी। इस मामले को कैसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए, इसकी कोशिश की जाएगी।