सुप्रीम कोर्ट ने कहा और होगी अभी मामले की सुनवाई

नई दिल्ली। शिवसेना विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि इस मामले पर और सुनवाई की जरूरत है। पांच जजों की संविधान पीठ ने 2016 के नबाम रेबिया फैसले की समीक्षा के सवाल को 7 जजों की संविधान पीठ के समक्ष नहीं भेजा है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि कोर्ट को इस मामले पर और सुनवाई की जरूरत है।
दरअसल, शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता के मामले को लेकर उद्धव गुट ने नबाम रेबिया केस का हवाला देते हुए इस फैसले पर विचार करने के लिए सात जजों की पीठ के पास भेजने की मांग की थी। दूसरी ओर से शिंदे गुट ने इसका विरोध किया था। 2016 में नबाम रेबिया मामले 5 जजों की संविधान पीठ ने फैसला दिया था कि अगर स्पीकर के खिलाफ हटाने का प्रस्ताव लंबित है तो विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर फैसला नहीं ले सकते। अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीफ तय की गई है।
पांच जजों की पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल रहे। फैसले के बाद से अब यह साफ हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ही इस मामले पर सुनवाई करेगी। इस मामले पर सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शिवसेना के कद्दावर नेता कहे जाने वाले एकनाथ शिंदे ने पिछले साल जून-जुलाई में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके बाद शिवसेना में दो धड़ हो गए। करीब दो हफ्ते तक चले राजनीतिक घमासान के बाद बीजेपी के सहयोग से एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बने जबकि पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने।

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