आरोपों की जांच करने गए विपक्षी सांसदों पर हमला

  • त्रिपुरा में चुनाव के बाद हुआ था उपद्रव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। त्रिपुरा में जांच करने गई टीम पर हमले से राज्य की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष ने इसे तानाशाही करार दिया है। जबकि सत्ता पक्ष इससे किनारा कर रहा है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया है कि राज्य में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के आरोपों की जांच करने के लिए जो सांसदों का दल दो दिवसीय यात्रा पर गया था, उस पर हमले हुए हैं। इतना ही नहीं उपद्रवियों ने नेताओं की कार में भी तोडफ़ोड़ की। लेफ्ट ने अपने बयान में कहा है कि कांग्रेस और सीपीआई (एम) के जो सांसद इस टीम में शामिल थे, उन्हें बवाल के तुरंत बाद ही घटनास्थल से भागकर हमले से जान बचानी पड़ी।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह सांसद त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के बिशालगढ़ गए थे, जहां से चुनाव के ठीक बाद हिंसा की खबरें सामने आई थीं। यहीं पर कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और तीन वाहनों में तोडफ़ोड़ की। बोली पुलिस -अगरतला पुलिस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सिपाहीजाला जिले में उन पर भी हमला किया गया। इसके बाद राज्य का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस बीच, माकपा ने कहा है कि संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के दौरे को फिलहाल स्थगित करने का फैसला किया गया है। सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) ज्योतिष्मान दास चौधरी ने बताया कि हमले में सभी सांसद सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।

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