राजस्थान को मिली पहली ‘वंदे भारत ट्रेन’ की सौगात

जयपुर। राजस्थान को विधानसभा चुनावों से महज 7 महीने पहले केंद्र सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए ट्रेन को नई दिल्ली से हरी झंडी दिखाकर जयपुर से रवाना किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस से राजस्थान की पर्यटन इंडस्ट्री को बढावा मिलेगा जहां राज्य के तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकते हैं। पीएम बोले यह ट्रेन इंडिया फस्र्ट की थीम को साकार करती है और आज हो रही वंदे भारत की यात्रा हमें भविष्य के विकसित भारत की ओर ले जाएगी।
वहीं जयपुर से आज चल रही वंदे भारत ट्रेन में दिल्ली तक खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सफर करेंगे। वहीं इस दौरान जयपुर जंक्शन पर सीएम अशोक गहलोत, राज्यपाल कलराज मिश्र, रेलवे के तमाम आला अधिकारी और बीजेपी के सभी शीर्ष नेता मौजूद रहे। बता दें कि वंदे भारत के उद्घाटन के बाद अब आम जनता के लिए ट्रेन की सेवाएं 13 अप्रैल, 2023 से शुरू हो जाएगी जहां ट्रेन अजमेर से दिल्ली कैंट के बीच चलेगी।
वहीं ट्रेन का जयपुर, अलवर और गुडग़ांव में स्टॉपेज पॉइंट बनाया गया है। वहीं ट्रेन का संचालन जयपुर मंडल की ओर से किया जाएगा। बताया जा रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस से अजमेर से दिल्ली कैंट का सफर 5 घंटे 15 मिनट में पूरा किया जा सकता है। फिलहाल इस रूट पर शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन चलती है जिससे दिल्ली से अजमेर की दूरी 6 घंटे 15 मिनट में पूरी की जाती है।
वहीं पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि तेज रफ्तार वंदे भारत की सबसे बड़ी विशेषता है जहां समय की बचत करना इसकी खासियत है। उन्होंने कहा कि एक स्टडी के मुताबिक वंदे भारत में सफर करने से एक इंसान के करीब ढाई हजार घंटे बचते हैं। पीएम बोले कि आज देशभर में वंदे भारत का गौरव गान हो रहा है जो पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है जो मेड इन इंडिया है, जो पहली स्वदेशी सेफ्टी सिस्टम से लैस है।
वहीं पीएम ने कहा कि हमारा यह दुर्भाग्य है कि रेलवे जैसी व्यवस्था को राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया और आजादी के बाद देश को एक बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला लेकिन राजनीतिक स्वार्थों को देखकर फैसले लिए जाते रहे और इन राजनीतिक स्वार्थों के चलते ऐसी ट्रेनों की घोषणाएं हुई जो आज तक नहीं चल पाई।
पीएम ने कहा कि सालों से रेलवे की भर्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता रहा और गरीबों की जमीन छीनकर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से रेलवे की कायापलट होना शुरू हुआ जब देश के लोगों ने राजनैतिक सौदेबाजी के बिना दबाव वाली सरकार को चुना।

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