ताज कॉरिडोर घोटाले पर सुनवाई 22 मई को

  • बढ़ सकती हैं मायावती की मुश्किलें, 175 करोड़ के घोटाले में 11 आरोपित

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बहुचर्चित ताज कॉरिडोर परियोजना में घोटाले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआइ पश्चिम के विशेष न्यायाधीश की अदालत में इस मामले की सुनवाई 22 मई को होगी। इसी दिन सीबीआइ को इस घोटाले से जुड़े आरोपितों को लेकर स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) के बारे में भी जानकारी देनी होगी।
175 करोड़ रुपये की कॉरिडोर परियोजना में किए गए घोटाले में सीबीआइ को नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के सेवानिवृत्त एजीएम महेन्द्र शर्मा के खिलाफ बीस साल बाद पहली बार अभियोजन की मंजूरी मिल गई है। इस घोटाले में सीबीआइ ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व प्रदेश सरकार के अधिकारियों सहित 11 लोगों को आरोपित बनाया था। मायावती व नसीमुद्दीन सहित सरकार के बाकी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन का मामला लंबित चल रहा है।

2002 में दर्ज किया गया था मामला

ताज कॉरिडोर घोटाले को लेकर पांच अक्टूबर 2002 को मामला दर्ज किया गया था। 2003 में सीबीआइ ने इसकी जांच शुरू की थी। परिजोजना को लेकर लखनऊ में 2002 में हुई बैठक में एनपीसीसी से काम करवाने की सहमति बन गई थी। इसके बाद एनपीसीसी ने परियोजना पर काम शुरू कर दिया था। सीबीआई द्वारा तैयार की गई चार्जशीट में कहा गया है कि ताज कॉरिडोर को बनाने के लिए एनपीसीसी को ठेके का आवंटन किए बिना ही 17 करोड़ और 20 करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई थी। कंपनी को वर्क आर्डर भी जारी नहीं किया गया था न ही डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) ली गई थी।

 

 

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