जिंदगी का जंजाल, दिमागी सुकून बेहद जरूरी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
महिलाएं मल्टीटास्किंग होती हैं, इसलिए उनका मस्तिष्क अत्यधिक काम करता है। यदि आपको भी ऐसा लगता है तो इसका मतलब है कि आपका दिमाग लाल झंडी दिखा रहा है और आपसे कुछ जगह खाली करने की मांग कर रहा है। अलमारियों की तरह हमारे दिमाग को भी समय-समय पर साफ-सफाई की जरूरत होती है। प्रेरक और कुशल बने रहने के लिए सभी गैर-जरूरी मानसिक बोझ से छुटकारा पाना जरूरी है। दिमाग को शांत रखने के लिए कुछ सरल, मगर बेहद प्रभावी युक्तियां मौजूद हैं। सुकून के पल जीने और मानसिक बोझ से बचने के लिए महिलाएं विभिन्न प्रकार के कामों को अपने जीवन में शामिल कर सकती हैं। याद रखें, हर किसी का सफर अनोखा होता है और आप अपनी परिस्थिति के अनुसार इन तरीकों का पालन कर अपनी मुश्किलें कम कर सकती हैं।
प्राकृतिक मूड बूस्टर
मानसिक परेशानी से बचने के लिए आप खुद को भी समय दें। ऐसी गतिविधियों को प्राथमिकता दें, जो आराम को बढ़ावा देती हैं, जैसे कि ध्यान, योग और हल्के व्यायाम। नियमित व्यायाम से कई मानसिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं। शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने से एंडोर्फिन रिलीज होता है, जो प्राकृतिक मूड बूस्टर है। अपने रोजमर्रा की दिनचर्या में रचनात्मक कार्यों को भी शामिल करें। खुद को लेखन, पेंटिंग, नृत्य और संगीत में लगाए रखें। इससे तनाव कम होता है।
‘न’ कहना सीखें
सीमाएं निर्धारित करना सीखें और आवश्यकता पडऩे पर ‘न’ कहना सीखें। यह आपकी मानसिक और भावनात्मक ऊर्जा को संरक्षित करेगा। इसके अलावा अपने विचारों और भावनाओं के प्रति आलोचनात्मक न होकर खुद को शांत रखें। अपने समय को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए कार्यों की सूची बनाएं। डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करें। इससे हर तरह के हालात पर नियंत्रण को बढ़ावा मिलेगा और तनाव कम होगा।
एक सपोर्ट नेटवर्क
मन की संतुष्टिï के लिए जो कुछ आप कर सकते हैं वह करें क्योंकि मन शांत रहता है तो शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और काम में मन लगा रहता है। मन की शांति के लिए आप कई काम कर सकते हैं जैसे मित्रों, परिवार या साथियों के साथ एक सपोर्ट नेटवर्क से जुड़ें। इस नेटवर्क के जरिए अपनी मुश्किलों को उनके साथ साझा करें ऐसा करने से मानसिक बोझ कम होता है और मार्गदर्शन भी प्राप्त होता है। इसके अलावा अपने आस-पास ऐसे सकारात्मक और सहयोगियों को रखें, जो आपको आगे बढऩे में मदद करें और आप को आगे बढऩे में प्रेरित करें। इसके अलावा जीवन के सकारात्मक पहलुओं को याद करते हुए उन सहयोगियों का आभार भी जताना चाहिए जिनके साथ आपने समय बिताया और उनसे कुछ राहत मिली। इससे संतुष्टि और शांति मिलेगी।
तकनीक से दूरी
सूचनाओं के मकडज़ाल से बचने के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक लें। समाचारों, सूचनाओं और ऑनलाइन खबरों के लगातार संपर्क में रहने से मानसिक थकान हो सकती है।