पत्रकारों पर अंकुश लगाने को लेकर 4PM के संपादक ने भेजा यूपी सरकार को नोटिस

  • पत्रकारों की आवाज को बुलंद करेंगे वरिष्ठ पत्रकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी सरकार ने पत्रकारों की खबरों की निगरानी एक तरह से डीएम और एसपी को सौंपने का फ़ैसला किया है। प्रमुख सचिव गृह द्वारा जारी यह आदेश तो यही कहता है। वरिष्ठ पत्रकार और 4 पीएम के फाउंडर संजय शर्मा ने आज इस आदेश को वापस लेने के लिये सरकार को नोटिस भेजा है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते दिनों मीडिया में आने वाली उन नकारात्मक खबरों की जांच कराने का फैसला किया है, जो सरकार की छवि पर असर डाल रही हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद की ओर से बकायदा एक सर्कुलर जारी किया गया जिसमें सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि यदि कोई मीडिया समूह ‘नकारात्मक’ समाचार प्रकाशित करता है, जिससे राज्य की छवि खराब हो सकती है या अपनी रिपोर्ट में ‘गलत तथ्य’ प्रस्तुत करता है तो उसके प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगा जाए।
योगी सरकार के द्वारा जारी किए गए इस तुगलकी फरमान को लेकर पत्रकारों में काफी गुस्सा देखने को मिला। अब इसको लेकर 4 क्करू न्यूज नेटवर्क के संपादक संजय शर्मा ने पत्रकारों की आवाज को बुलंद बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में क्या कुछ है, पढि़ए?

संविधान के अनुच्छेद 19 (ईएल) द्वारा गारंटीकृत मौलिक अधिकार का हनन

संविधान के अनुच्छेद 19 (ईएल) द्वारा गारंटीकृत मौलिक अधिकार में कानून या कार्यकारी कार्रवाई या सामाजिक घटनाओं की निष्पक्ष आलोचना शामिल है। वैधानिक प्रावधानों के तहत किया गया प्रत्येक आदेश न केवल वैधानिक प्रावधान द्वारा प्रदत्त अधिकार के भीतर होना चाहिए, बल्कि यह भी होना चाहिए। मौलिक अधिकार के पाठ को खड़ा करें। विधायिका को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन में कार्य करने के लिए प्राधिकार की शक्तियां प्रदान करने का इरादा नहीं माना जा सकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने गजानन विशेश्वर बनाम के मामले में लोकतांत्रिक समाज में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व पर ध्यान देते हुए। भारत संघ, 1994 (5) एससीसी 550 में कहा गया है कि मानव इतिहास इस तथ्य का गवाह है कि सारा विकास और सारी प्रगति विचार की शक्ति के कारण है और विचार नियंत्रण का हर प्रयास विफलता के लिए अभिशप्त है। किसी विचार को कभी ख़त्म नहीं किया जा सकता. दमन कभी भी सफल स्थायी नीति नहीं हो सकती. इससे जो भी सतही शांति पैदा होती है वह झूठी है। यह एक दिन फूटेगा. 2002 (3) एससीसी 667. बलदेव सिंह गांधी बनाम में रिपोर्ट किए गए अन्य मामलों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व पर ध्यान दिया गया है। पंजाब राज्य; 1988 (3) एससीसी 167, पी.एन.डूडा बनाम. पी.शिव शंकर। यह प्रस्तुत किया गया है कि जेटी 2008 (2) 639, आंध्र प्रदेश सरकार और अन्य बनाम में रिपोर्ट किए गए एक दूरगामी निर्णय में इस पर आपत्ति किया गया।

प्रेस की स्वतंत्रता सभी लोकतांत्रिक संगठनों की नींव में है

केवल बोलने की आज़ादी, सोचने की आज़ादी और असहमति जताने की आज़ादी से ही मानव प्रगति संभव है। और यही कारण है कि हमारे संस्थापकों ने अपनी बुद्धिमत्ता से संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों का प्रावधान किया। कार्यपालिका या विधायिका के आक्रमण के खिलाफ आतंकवादियों के नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता को बनाए रखना न्यायालयों का गंभीर कर्तव्य है, और न्यायालय इस मामले में चुप नहीं बैठ सकता है, लेकिन नागरिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों को बनाए रखने में एक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। 1950 एससी 124 में रिपोर्ट किए गए होमेश थापर बनाम स्टेट ऑफ मद्रास के प्रसिद्ध मामले में, पतंजलि शास्त्री जे ने ठीक ही कहा था कि भाषण और प्रेस की स्वतंत्रता सभी लोकतांत्रिक संगठनों की नींव में है, क्योंकि स्वतंत्र राजनीतिक चर्चा के बिना कोई भी सार्वजनिक नहीं हो सकता। शिक्षा, जो लोकप्रिय सरकार की प्रक्रिया के समुचित कार्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, संभव है। बोलने और अभिव्यक्ति के अधिकार को हमेशा हर इंसान का सबसे प्रिय अधिकार माना गया है। एक सभ्य समाज में, अदालतों ने उच्च स्तर की सहनशीलता का प्रदर्शन किया है और अपने आदेश/निर्णयों की प्रतिकूल टिप्पणियों और आलोचकों को स्वीकार किया है, हालांकि, कभी-कभी, ऐसी आलोचना पूरी तरह से गलत होती है और इस्तेमाल की गई भाषा अनुचित होती है। किसी न्यायिक संस्था के कामकाज की आलोचना करने के जनता के एक सदस्य के अधिकार का प्रिवी काउंसिल द्वारा अंबर्ड बनाम में खूबसूरती से वर्णन किया गया है। त्रिनिदाद और टोबैगो के अटॉर्नी जनरल, 1936 एसी 322: एआईआर 1936 पीसी 14, निम्नलिखित शब्दों में-जनता के किसी भी सदस्य द्वारा कोई गलती नहीं की जाती है जो न्याय के पद पर किए गए सार्वजनिक कार्य की निजी या सार्वजनिक रूप से सद्भावनापूर्वक आलोचना करने के सामान्य अधिकार का प्रयोग करता है। आलोचना का मार्ग सार्वजनिक मार्ग है, अन्यायी हैं।

नोटिस में उठाए गए बिंदु

प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य, लोक भवन, विधान सभा मार्ग को प्रेषित नोटिस में वरिष्ठï पत्रकार ने तर्कों के साथ अपनी बात रखी है। आवेदक ने लिखा उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा से बहुत व्यथित और क्षुब्ध है, जिसने उपरोक्त विषय में उल्लिखित आदेश जारी करके प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता को बाधित करने की कोशिश की है, जो समाचारों से मेल नहीं खाती है। सरकार का दृष्टिकोण हम है जो एक गंभीर चिंता का विषय है। आदेश इस धारणा पर आगे बढ़ता है कि जो नकारात्मक खबरें प्रकाशित और प्रसारित की जाती हैं, उनका उद्देश्य राज्य सरकार और जिला प्रशासन को बदनाम करना है। उक्त परिपत्र में आगे कहा गया है कि नकारात्मक समाचार प्रकाशित होने के सभी मामलों में, संबंधित मीडिया समूह/समाचार पत्र के प्रबंधक से पूछताछ की जाएगी और उन्हें इस उद्देश्य के लिए अपना उत्तर प्रदान करना होगा। यह एक प्रतिगामी और सनकी निर्णय है जो न केवल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत गारंटीकृत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विपरीत होगा, बल्कि सरकार के किसी भी लोकतांत्रिक स्वरूप के एक पहलू, असहमति की आवाज को भी चुप करा देगा।

चंद्रयान-3 ने साझा कीं चंद्रमा की ताजा तस्वीरें

  • 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। चंद्रयान-3 ने लैंडिंग की उलटी गिनती के बीच चंद्रमा की ताजा तस्वीरें साझा की हैं। ये कुछ ऐसी तस्वीरें हैं, जिनमें चंद्रमा का एक अलग ही स्वरूप नजर आ रहा है। चंद्रयान-3 के लैंडर द्वारा ली गई चंद्रमा की ताजा तस्वीरों में यहां दूर के हिस्से पर कुछ प्रमुख गड्ढे भी नजर आ रहे हैं, जो हमेशा पृथ्वी से दूर की ओर होते हैं।
ये तस्वीरें उस कैमरे द्वारा ली गई हैं, जिसका काम विक्रम लैंडर को बुधवार शाम को अज्ञात चंद्र दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर ऐतिहासिक टचडाउन से पहले एक सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र ढूंढने में मदद करना है। इसरो ने बताया कि उसने चंद्रयान-3 मिशन के ‘लैंडर मॉड्यूल (एलएम) को कक्षा में थोड़ा और नीचे सफलतापूर्वक पहुंचा दिया, और इसके अब बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है। 14 जुलाई के प्रक्षेपण के बाद पिछले तीन हफ्तों में पांच से अधिक प्रक्रियाओं में इसरो ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर आगे की कक्षाओं में बढ़ाया था। गत एक अगस्त को एक महत्वपूर्ण कवायद में अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से सफलतापूर्वक चंद्रमा की ओर भेजा गया।

स्वामी प्रसाद पर जूता फेंका, आरोपी हिरासत में

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के एमएलसी और विवादित बयानों के लिए मशहूर स्वामी प्रसाद मौर्य पर एक कार्यक्रम में जूता फेंका गया है। समाजवादी पार्टी के ओबीसी सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका गया। जूता फेंकने वाले को कार्यकर्ताओं ने पहले पीटा फिर पुलिस हिरासत में लेकर विभूति खंड थाना ले गई।
स्वामी प्रसाद मौर्य का यूपी की राजनीति में बड़ा नाम है, कभी बसपाई कहे जाने वाले मौर्य ने बीजेपी का दामन थामा फिर बीजेपी को टाटा, बाय-बाय बोलकर अखिलेश की साइकिल पर सवार हो गए, स्वामी प्रसाद मौर्य का करीब चार दशक का लंबा राजनीतिक करियर है और वो यूपी की राजनीति में धमक रखने वाले राजनेता माने जाते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1996 में बीएसपी के टिकट पर रायबरेली की डलमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधानसभा का चुनाव जीते।

मुंबई में इंडिया की बैठक में शामिल होंगे केजरीवाल

  • आम आदमी पार्टी ने दी जानकारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मुंबई में होने वाली इंडिया की बैठक में अरविंद केजरीवाल शामिल होंगे। ये बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होगी। बता दें कि अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के बीच कई मामलों में असहमति दिख रही है। इसी को लेकर संशय बना हुआ था कि वह बैठक में शामिल होंगे या नहीं। अब स्थिति साफ हो गई है कि केजरीवाल इस बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं।
हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों की खराब गके दावे को लेकर अपने इंडिया ब्लॉक पार्टनर कांग्रेस पर कटाक्ष किया है , केजरीवाल की टिप्पणियों के तुरंत बाद, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केजरीवाल से छत्तीसगढ़ की तुलना दिल्ली से करने पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की तुलना पिछली रमन सिंह की सरकार से करने की जरूरत है? केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत देखें या दिल्ली में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से पूछें।

टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सीबीआई और ईडी जांच में जुटी हुई है। इस मामले टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी से भी पूछताछ चल रही है। सीबीआई और ईडी के जरिए पूछताछ पर रोक लगाने के लिए अभिषेक बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली। सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर विचार करने से सर्वोच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया। सोमवार को बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालयने जांच जारी है। ईडी ने सोमवार को कोलकाता और उसके आसपास के कई स्थानों पर अधिकारियों ने तलाशी की। उन्होंने बताया कि जांचकर्ताओं द्वारा जिन स्थानों की तलाशी ली जा रही है, उनमें शहर के दक्षिणी हिस्से में पॉश न्यू अलीपुर इलाके में एक निजी कंपनी का कार्यालय भी शामिल है।

Related Articles

Back to top button