पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, राजद नेता को हाईकोर्ट ने दी थी राहत, एमएलए अशोक सिंह हत्याकांड में सजा काट रहे पूर्व सांसद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार की महागठबंधन सरकार की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए दिल्ली से बुरी खबर आयी। देश की शीर्ष अदालत ने राजद नेता और पार्टी के पूर्व सांसद बाहुबली प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वोट के लिए हत्या के किसी केस में शायद बिहार में ऐसी पहली सजा है। निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक प्रभुनाथ सिंह को राहत मिलती गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब उन्हें दोषी मानकर उम्रकैद की सजा सुनाई है। फिलहाल वह जेल में ही हैं। तत्कालीन एमएलए अशोक सिंह की हत्याकांड में जेल में सजा काट रहे हैं।
आरोप यह था कि पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह ने अपने कहे अनुसार वोट नहीं देने पर छपरा के मसरख निवासी राजेंद्र राय (47) और दारोगा राय (18) की हत्या करवा दी। आरोप था कि इन लोगों ने प्रभुनाथ सिंह समर्थित प्रत्याशी को अपना मत नहीं दिया था। पहले यह मामला निचली अदालत पहुंचा था। 2008 में सबूतों अभाव में यहां से पूर्व सांसद को रिहाई मिल गई थी। इसके बाद यह मामला पटना हाईकोर्ट में पहुंचा। 2012 पटना हाईकोर्ट में मामला गया तो यहां पर निचली अदालत के फैसले को सही माना। इस फैसले के विरोध में राजेंद्र राय के भाई ने सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी।
प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ मिले पर्याप्त सबूत
सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों (जस्टिस किशन कौल, जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाम) की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। दोनों पक्ष की दलीलों को सुना। इस मामले प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाया। कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को डबल मर्डर केस में दोषी करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार के डीजीपी को प्रभुनाथ सिंह को पेश करने का आदेश दिया था। इसके बाद इस मामले में 28 अगस्त को प्रभुनाथ सिंह की ओर आवेदन दायर की गई थी। इसमें वर्चुअली उपस्थित होने की अनुमति मांगी थी। जस्टिस कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक सितंबर को सजा के सवाल पर सुनवाई के लिए फिजिकल उपस्थिति के बजाय, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअली उपस्थित होने की अनुमति दे दी गई थी।