सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जगी न्याय की उम्मीद
पिता का दर्द, बोले- मेरे जीते जी कातिलों को सजा मिल जाए ये ही आखिरी इच्छा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजा भैया के गढ़ प्रतापगढ़ के कुंडा में पीट-पीटकर मार डाले जाने वाले डिप्टी एसपी जियाउल हक के पिता शमशुल हक ने अपने बेटे के जाने के बाद अपने परिवार के उजड़ जाने का दर्द साझा किया है। साथ ही उन्होंने आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलने की उम्मीद भी जताई है। अपने बेटे जियाउल हक के बारे में बताते हुए पिता शमशुल हक ने कहा कि मेरा बेटा डिप्टी एसपी था। पढऩे में होनहार था, चौक-चौराहे के स्कूल से पढ़ाई करने के बाद जब नौकरी मिली तो आस जगी कि परिवार की मुश्किलें खत्म हो जाएंगी। पर बेटे की हत्या के बाद परिवार ही बर्बाद हो गया। दस साल बाद भी उसके कातिलों को अभी तक सजा नहीं हुई, इसका मुझे मलाल है। जीते जी बेटे के कातिल को सजा हो जाए, यही मेरी आखिरी ख्वाहिश है।
गौरतलब है कि डिप्टी एसपी जियाउल हक 2013 में प्रतापगढ़ के कुंडा में तैनाती के दौरान रात के समय हथिगवां थाना क्षेत्र के गांव बालीपुर में दो मार्च 2013 को दोहरे हत्याकांड की सूचना पर पहुंचे थे। जहां बेरहमी से पीटकर उनकी हत्या कर दी गई थी।
मेरे बेटे की हत्या में रघुराज का हाथ : शमशुल हक
इस मामले की जांच में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नया मोड़ आ गया है। सीओ की पत्नी व ओएसडी पुलिस मुख्यालय परवीन आजाद की याचिका पर कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया सहित अन्य पांच की भूमिका की फिर से सीबीआई जांच की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की जानकारी होने पर सीओ के पिता शमशुल हक और मां हाजरा ने कहा कि इस फैसले से न्याय की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि बेटा चला गया और सब कुछ खत्म हो गया। गरीबी में एक-एक पाई जोडक़र अपने लडक़े को अफसर बनाया था। जब सुख के दिन आए तो वह हमेशा के लिए चला गया। महज चौदह माह पहले उसकी शादी हुई थीं। ये सब बातें जब याद आती हैं तो आंखें डबडबा जाती हैं। उन्होंने कहा कि कुंडा की घटना में रघुराज प्रताप सिंह का हाथ है, हमें यह पूरा यकीन है। निष्पक्ष जांच कर आरोपपत्र दाखिल हो और आरोपियों को सजा मिले, यही मेरी मांग है। वर्तमान में सीओ के माता-पिता की जिम्मेदारी उनके दूसरे बेटे शोहराब अली पर है। शोहराब गोरखपुर एडीजी ऑफिस में तैनात हैं। उनके कंधे पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी है।