पंजाबियों को बांट रहे हैं सीएम मान: चंदूमाजरा

  • सीएम से लाइव बहस करने से भाजपा के बाद अब शिअद का भी किनारा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। पंजाब भाजपा के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने भी मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा एक नवंबर को बुलाई गई खुली बहस में हिस्सा लेने से इन्कार कर दिया है। पार्टी के सीनियर नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने इस संबंध में पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए शुक्रवार को कहा कि अकाली दल इस बहस में हिस्सा नहीं लेगा। मुख्यमंत्री मान आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आदेश पर पंजाबियों को विभाजित करने के लिए एक नवंबर को दिखावटी बहस का आयोजन कर रहे हैं और अकाली दल इस पंजाब विरोधी कवायद का हिस्सा नहीं बनेगा।
प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि हमें पता चला है कि केंद्रीय सर्वेक्षण टीम एक नवंबर को पंजाब आएगी। हमारा सारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर होगा कि ये टीम पंजाब की धरती पर कोई सर्वेक्षण न करे। हम नहर के शुरुआती बिंदु पर कीरतपुर के पास लूंध खड्ड और इसके अंतिम छोर पटियाला जिले के कपूरी गांव में सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण के लिए सर्वे के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे। चंदूमाजरा ने कहा कि भगवंत मान भी पूर्व मुख्यमंत्री दरबारा सिंह की तरह पंजाब के हितों से विश्वासघात करने जा रहे हैं, जो इंदिरा गांधी के दबाव के आगे झुक गए थे और एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए सहमत हो गए थे। उन्होंने कहा कि भगवंत मान भी अरविंद केजरीवाल के निर्देश का पालन कर रहे हैं।

‘असली’ सीएम केजरीवाल से बहस को तैयार : बादल

शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर समेत सभी मुद्दों पर राज्य के ‘असली’ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बहस करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बहस को जल्द से जल्द निर्धारित किया जा सकता है ताकि पंजाबियों को यह भी पता चल सके कि कैसे केजरीवाल ने भगवंत मान को सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा के साथ नदी के बंटवारे पर पंजाब के मामले को कमजोर करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि नकली मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ कोई भी बहस करना एक व्यर्थ अभ्यास होगा, क्योंकि पंजाब में सभी सरकारी मामलों पर निर्णय लेने की शक्ति केवल आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के पास है।

मान सरकार की लापरवाही से नशा घर-घर पहुंचा : वडिग

फरीदकोट में जिला कांग्रेस कमेटी ने स्थानीय मिनी सचिवालय में नशे समेत अन्य मुद्दों को लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ विशाल रोष धरना दिया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि पंजाब में 15 साल पहले चिट्टे के नशे का दौर शुरू हुआ था और वर्तमान सरकार की लापरवाही के कारण अब यह घर-घर पहुंच चुका है। राज्य सरकार नशा रोकने में विफल साबित हो चुकी है और मूकदर्शक बनी है। कांग्रेस पार्टी जल्द ही नशे के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवारों को साथ लेकर राज्य भर में यात्रा निकालेगी और नशा खत्म करने के लिए लोगों को एकजुट करेगी। उन्होंने एसवाईएल मुद्दे पर भी आम आदमी पार्टी की सरकार को आड़े हाथों लिया। धरने को पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी, नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, सीनियर नेता भारत भूषण आशु, विधायक प्रगट सिंह, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने संबोधित किया।

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