कोर्ट के फैसले से भाजपा को झटका: राघव
- सांसद सरकारी बंगले में रह सकते हैं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने सरकारी बंगले के आवंटन से जुड़ी याचिका पर फैसला सुनाते हुए सांसद राघव चड्ढा की अपील मंजूर कर ली है। चड्ढा को तीन दिनों के भीतर निचली अदालत के सामने अपना रिप्रजेंटेशन देना होगा। चड्ढा ने निचली अदालत के पांच अक्तूबर के आदेश को यहां चुनौती दी थी। कोर्ट से राहत मिलने के बाद राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला भाजपा की तानाशाई और अन्याय पर करारा तमाचा।
यह मकान या दुकान की नहीं बल्कि संविधान को बचाने की लड़ाई है। अंत में सत्य और न्याय की जीत हुई। मैं बस यह कहना चाहता हूं कि वे मुझे मेरे आधिकारिक आवास से हटा सकते हैं, वे मुझे संसद से निकाल सकते हैं, लेकिन वे मुझे लाखों भारतीयों के दिलों से नहीं हटा सकते, जहां मैं वास करता हूं। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को आवंटित सरकारी बंगले से बेदखल करने से राज्यसभा सचिवालय को रोकने संबंधी एक अंतरिम आदेश को अदालत ने रद्द कर दिया था। याचिका पर दो दिन तक लगातार सुनवाई करने के बाद जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने 12 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित लिया था। इस दौरान हाईकोर्ट ने मौखिक तौर पर राज्यसभा सचिवालय के वकील से कहा कि हाईकोर्ट का फैसला आने तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
मनी लॉन्ड्रिंग कानून उत्पीडऩ का साधन नहीं बन सकता : संजय सिंह
नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कानून उत्पीडऩ का साधन नहीं बन सकता है। उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए आप नेता संजय सिंह ने उच्च न्यायालय के समक्ष यह तर्क रखा। उन्होंने अपनी रिहाई की मांग की है। सांसद के वकील ने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध, दुर्भावनापूर्ण और सत्ता के विरूपण का एक उत्कृष्ट मामला है और इसलिए उन्हें एजेंसी की हिरासत में भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा के समक्ष संजय सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने कहा, धन शोधन निवारण अधिनियम दुरुपयोग का साधन नहीं बन सकता, अगर ऐसी छूट दी जाती है तो कोई भी सुरक्षित नहीं है। यह सत्ता के दुरुपयोग और विकृति का एक उत्कृष्ट
मामला है।