विचारों की रक्षा के लिए सभी आएं साथ: खरगे
- संविधान अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर बोले कांग्रेस अध्यक्ष
- कांग्रेस ने किया भाजपा पर प्रहार, संविधान को नष्ट करने वाले हो रहे हावी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस ने नागरिकों से संविधान के मूल्यों की रक्षा करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि भारत के निहित दर्शन की रक्षा के संघर्ष को इसे अपनाए जाने के 75वें वर्ष में फिर से सशक्त और पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, विपक्षी दल ने भाजपा पर भी निशाना साधा। कहा कि ऐसे समय में जब संविधान को नष्ट करने वाले इसके प्रति निष्ठाहीन प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं। तब इसकी रक्षा करना और इसके सच्चे मूल्यों के लिए लडऩा हमारा कर्तव्य और अधिक प्रासंगिक हो जाता है। संविधान में व्यक्त प्रत्येक विचार की रक्षा के लिए सभी को एक साथ आना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भारत के लोगों को संविधान में व्यक्त किए गए प्रत्येक विचार की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने एक्स पर कहा, संविधान को अपनाए जाने का 75वां वर्ष आज से शुरू हो गया है। मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी भारतीयों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा, हमारे पूर्वजों द्वारा बड़ी मेहनत और सावधानी से तैयार किया गया संविधान हमारे देश की जीवनरेखा है। यह हमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों की गारंटी देता है। यह भारत को एक संप्रभु समाजवादी लोकतांत्रिक गणराज्य बनाता है। उन्होंने आगे कहा कि न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व केवल आदर्श या विचार नहीं हैं, वे 140 करोड़ भारतीयों के लिए जीवन का तरीका हैं। आज हम संविधान सभा और उसके सदस्यों के जबरदस्त योगदान को याद करते हैं। हम उनकी दूरदर्शिता और बुद्धिमत्ता के सदैव ऋ णी रहेंगे। खरगे ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, बाबा साहेब डॉ. बीआर आंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू, अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर, राजकुमारी अमृत कौर और कई प्रतिष्ठित हस्तियां न केवल सम्मानित राष्ट्रीय प्रतीक थे। बल्कि प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी थे। जो पीढिय़ों तक आशा के पथप्रदर्शक बने।
संविधान भारत की आत्मा और हजारों साल का इतिहास : वेणुगोपाल
कांग्रेस के संगठन के प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भारत आज 75वां संविधान दिवस मना रहा है। संविधान भारत की आत्मा और हजारों साल का इतिहास है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों को उम्मीद देने वाला एक जीवंत दस्तावेज संविधान ही है जो भारत में न्याय, समानता, समावेशिता और लोकतंत्र के आदर्शों को जीवित रखता है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए साथ मिलकर काम करें कि पंडित नेहरू, डॉ. आंबेडकर, सरदार पटेल, सरोजिनी नायडू, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, राजकुमारी अमृत कौर के प्रयासों और दृष्टिकोण के कारण जो संविधान तैयार हुआ और जिसमें विभिन्न रूपों में गांधीवादी सिद्धांत हैं, वह सार्वजनिक जीवन में लोगों के लिए एकमात्र मार्गदर्शक है।
भारत की ताकत है हमारा संविधान : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में लोकतंत्र की ताकत उसका संविधान है, जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता का मंत्र देता है। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान को अपनाया था और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। शाह ने संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज भारत पूरे उत्साह से संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर जी सहित संविधान के सभी शिल्पियों के योगदान को चिरस्मरणीय बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने ‘संविधान दिवस’ मनाने की शुरुआत की। शाह ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश के लोकतंत्र की शक्ति हमारा संविधान ही है, जो हर व्यक्ति के लिए न्याय और समान अधिकार सुनिश्चित कर राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता का मंत्र देता है।’’ उन्होंने कहा कि संविधान सिर्फ मंचों पर दिखाने के लिए मात्र एक पुस्तक नहीं, बल्कि पूर्ण श्रद्धा से आत्मसात कर सार्वजनिक जीवन में अपना सर्वोच्च योगदान देने की कुं जी है। शाह ने कहा, ‘‘आइए! इस संविधान दिवस पर एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लें।’
मुस्लिमों के हक को कमजोर बनाते हैं बदलाव : बीजद
- वक्फ संशोधन पर बढ़ा विपक्ष का विरोध, बीजेडी ने भी गिनाई खामियां
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भुवनेश्वर। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर नवीन पटनाक की पार्टी बीजद केंद्र सरकार से अलग राह पर है। उनका आरोप है कि विधेयक लाने से पहले मुस्लिमों से इस बारे में विचार-विमर्श नहीं किया गया। पार्टी ने विधेयक वापस लेने की मांग करते हुए 24 नवंबर को ओडिशा में एक रैली भी निकाली, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने विधेयक वापस लेने की मांग में नारे लगाए. उनका दावा है कि इससे (विधेयक से) समुदाय के बीच सद्भाव प्रभावित होगा। बीजद की ओर से यह मांग ऐसे समय पर उठाई गई है, जब वक्फ संशोधन वियधक के लिए बनाई गई जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी में शामिल विपक्षी सदस्य विधेयक पर विचार-विमर्श के लिए और समय की मांग कर रहे थे।
लोक सभा स्पीकर ने जेपीसी कमेटी का कार्यकाल पूरे शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन तक कर दिया है। हालांकि शीतकालीन सत्र में जेपीसी की रिपोर्ट पेश की जानी है, उधर, जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल का कहना है कि रिपोर्ट तैयार है, बीजद के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने राजभवन के पास रविवार को रैली का आयोजन किया था। प्रदर्शनकारियों ने खुर्दा के जिला कलेक्टर के माध्यम से राष्टï्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उन्होंने कुछ सुझाव दिए और वक्फ अधिनियम, 1995 में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में चिंता व्यक्त की। ज्ञापन में कहा गया है, हम आग्रह करते हैं कि इस प्रस्तावित विधेयक को वापस लिया जाए और संसद में कोई भी संशोधन पेश किए जाने से पहले हितधारकों के साथ उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए व्यापक परामर्श किया जाए। हम अपने राष्ट्र के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं, इस मामले में न्याय और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आपके कार्यालय पर भरोसा करते हैं।
पांच साल बढ़ा उग्रवादी संगठन उल्फा पर बैन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्र ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) पर पांच साल के लिए नया प्रतिबंध जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह समूह 2019-24 के दौरान विस्फोटक लगाने के 16 मामलों में शामिल रहा है और पूरे असम में स्वतंत्रता दिवस, 2024 से पहले इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का इस्तेमाल किया है।
केंद्र ने अब तक केंद्र, राज्य और असम, त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड सहित पूर्वोत्तर में विद्रोही समूहों के बीच 12 त्रिपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि उल्फा के वार्ता विरोधी गुट, जिसे उल्फा के नाम से भी जाना जाता है शांति प्रक्रिया के लिए मायावी बना हुआ है। यह संगठन पूर्वोत्तर का एकमात्र प्रमुख संगठन है जो सरकार के साथ शांति वार्ता से बाहर है।
ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से नहीं होगा मतदान
- सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारत में चुनावों के दौरान ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी हारते हैं तो वो कहते हैं कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है लेकिन जब वो जीतते हैं तो वो कुछ नहीं कहते हैं, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो याचिका को खारिज कर रहा है।
याचिकाकर्ता ने कहा, हाल ही में हुए चुनावों में मैंने माफिया को देखा है मैंने स्वामी द्वारा दायर जनहित याचिका में सबूत देखे हैं कि विधायक अंदर गए और ईवीएम को तोड़ दिया। 180 देश और दुनिया के सभी लोकतंत्र एक बार ईवीएम का उपयोग कर चुके हैं, एलन मस्क ने स्पष्ट रूप से कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है, याचिका में अन्य प्रार्थनाओं में उन उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराना शामिल है, जिन्होंने चुनावों में भ्रष्टाचार किया है।