महिलाओं पर विवादित बयान देकर घिरे नीतीश, मांगी माफी

सीएम बोले-मैं अपनी बात से शर्मिंदा हूं

जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिया था शर्मनाक बयान, भाजपा ने घेरा- कर रही इस्तीफे की मांग

चारों तरफ सीएम की हो रही आलोचना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर अब बिहार समेत पूरे देश की राजनीति गरमा गई है। तो वहीं नीतीश कुमार हर किसी के निशाने पर आ गए हैं। सीएम नीतीश कुमार ने एक दिन पहले यानी कि 7 नवंबर को जनसंख्या नियंत्रण पर बात करते हुए महिलाओं को लेकर शर्मसार करने वाली टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी को लेकर ही नीतीश सबके निशाने पर हैं और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। चारों तरफ से घेरे जाने के बाद अब आज नीतीश ने विधानसभा में अपने बयान को लेकर माफी मांग ली है। साथ ही नीतीश ने मीडिया के सामने भी अपने विवादित बयान को लेकर माफी मांगी।

मैं अपनी निंदा करता हूं और बात को वापस लेता हूं : नीतीश

माफी मांगते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मैं तो स्त्री शिक्षा के फायदे बता रहा था। बताया था कि कैसे लड़कियां पढ़-लिख गईं तो जन्मदर में कमी आयी। मैंने जो बात कही, वह सही थी। लेकिन, इसकी चूंकि निंदा की जा रही है और लोगों को लग रहा है कि मैंने गलत बात की या गलत तरीके से कहा है तो मैं माफी मांगता हूं। अपनी बात वापस लेता हूं। नीतीश कुमार ने आज बिहार विधानमंडल में प्रवेश के साथ पहले मीडिया के सामने आकर यह बात कही। इसके बाद सीएम ने सदन के अंदर कहा कि अगर मेरी किसी बात को लेकर तकलीफ हुई है तो मैं अपनी बात वापस लेता हूं। मैं दु:ख प्रकट कर रहा हूं। मैं अपनी निंदा करता हूं। मेरी किसी शब्द के चलते किसी तो तकलीफ हुई है तो आप कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री शर्म करें। मैं न सिर्फ शर्म कर रहा हूं बल्कि दुख भी प्रकट करता हूं। लेकिन, आप लोग जान लीजिए महिलाओं के लिए बिहार में बहुत काम हो रहा है। आरक्षण को लेकर इतना काम हो रहा है।

बयान नीतीश के मानसिक दिवालियापन की निशानी : सुशील

हालांकि, माफी मांगने के बाद भी नीतीश लगातार लोगों के निशाने पर बने हुए हैं। भाजपा उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने बी ग्रेड और मूर्खतापूर्ण बयान दिया है। क्या विधानमंडल में सेक्स एजुकेशन का क्लास चल रहा था। उन्हें इस्तीफा देकर अतिपिछड़ा को मुख्यमंत्री बना दिया जाना चाहिए। वह जिस तरह से महिलाओं पर टिप्पणी कर रहे हैं, वह उनके मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है। सुशील मोदी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने पहली बार ऐसा बयान नहीं दिया है, इससे पहले भी वह कई बार महिलाओं का अपमान कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री सदन में बैठने योग्य नहीं हैं : नेता प्रतिपक्ष

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री मेमेरी लॉस हो चुकी है। उनकी याददाश्त कमजोर हो चुकी है। उनका मेडिकल जांच होना चाहिए। मुख्यमंत्री सदन में बैठने योग्य नहीं है। उन्हें फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए। वह सदन और बिहार की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं। बिहार की मां बहने और सदन में बैठे विधायकों का सिर शर्म से झुक चुका है।

दिया था ये बयान

मंगलवार को जनसंख्या नियंत्रण पर बात करते हउए नीतीश कुमार ने विधानसभा में महिलाओं को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि लडक़ी पढ़ी लिखी रहेगी तो जनसंख्या नियंत्रित रहेगी। इसी को समझाने के लिए नीतीश ने कहा कि लडक़ी पढ़ लेगी अगर, तो जब शादी होगा। तब पुरुष रोज रात में करता है ना। उसी में और (बच्चे) पैदा हो जाता है। लडक़ी अगर पढ़ लेगी तो उसको भीतर मत …, उसको …. कर दो। इसी में संख्या घट रही है।

भाजपा और शिवराज सिंह चौहान किसानों के दुश्मन: कमलनाथ

बोले- चुनावी मौसम में बढ़ जाती है भाजपा के झूठ बोलने की शक्ति

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की जंग हर बीतते दिन के साथ और भी तीखी होती जा रही है। कोई भी राजनीतिक दल विरोधी पार्टी पर हमला करने का एक भी मौका छोड़ रहा है। इसी कड़ी में अब मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने भाजपा के आरोपों पर जोरदार हमला बोला है।
कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि चुनावी मौसम में भारतीय जनता पार्टी की झूठ बोलने की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। बीजेपी के नेता पूरी बेशर्मी से सार्वजनिक मंचों से कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया। पूर्व सीएम ने आगे सबूत दिखाते हुए लिखा कि यह देखिए विधानसभा में कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के सवाल के जवाब में शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंत्री कमल पटेल ने खुद स्वीकार किया है कि कांग्रेस सरकार ने करीब 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया।

पहले सड़क पर घसीटा, अब की एफआईआर

प्रदर्शन कर रहीं डायल 112 की महिला कर्मियों पर प्रशासन की बर्बरता
पुलिस भूली मानवता, शौचालय तक में लगा दिया ताला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। पिछले तीन दिनों से वेतन बढ़ोत्तरी समेत अपनी कुछ मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं यूपी की डायल 112 की महिला कर्मियों को न्याय देने की बजाय, उल्टा प्रशासन उन पर और सख्त हो गया है। इन महिला कर्मियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासन ने इन प्रदर्शन करने वाली महिलाओं पर कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है।
प्रदर्शनकारी महिला कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने हर्षिता कश्यप, पूजा सिंह, रीना शर्मा, मंजू सोनी और शशि पर नामजद तो 200 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन पर बलवा भडक़ाने,मार्ग बाधित करने, इमरर्जेंसी सेवा बाधित करने और सरकारी निर्देशों के उल्लंघन मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।

हटाए गए एडीजी अशोक कुमार सिंह

यूपी के डायल 112 पर महिला कर्मियों के प्रदर्शन के बीच एडीजी अशोक कुमार सिंह को भी हटा दिया गया है। उनकी जगह आईपीएस नीरा रावत को जिम्मेदारी दी गई है। इस मामले को तूल पकड़ते देख अफसरों की तैनाती में फेरबदल करने की बात कही जा रही है। वहीं, डीजी आनंद कुमार ने वापसी की है।

डायल-112 की महिलाओं के साथ पुलिस ने की धक्का-मुक्की

इसके पहले सोमवार को मुख्यालय पर धरना दे रहीं संवाद अधिकारियों को हटाने के लिए पुलिस मानवता तक भूल गई। रात में न सिर्फ उन्हें पानी लेने से रोक दिया, बल्कि उनके वॉशरूम पर भी ताला लगा दिया था। इसके बाद भी वे पूरी रात डटी रहीं और मंगलवार सुबह अपनी फरियाद लेकर सीएम आवास कूच किया। इस दौरान उन्हें रोकने पर पुलिस से तीखी झड़प हुई। करीब दो घंटे तक चली धक्कामुक्की और नोकझोंक के बाद पुलिस ने संवाद अधिकारियों को सडक़ पर घसीट कर बसों में लादकर ईको गार्डेन भेज दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी का पलटवार

पीएम जाति पर वोट मांगते हैं, लेकिन ओबीसी के साथ न्याय नहीं करते

बोले- मुसलमानों के प्रतिनिधित्व की बात करने पर मुझे एंटी नेशनल बता दिया जाता है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हैदराबाद। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जाति के आधार पर वोट की अपील कर रहे हैं, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के साथ न्याय नहीं करना चाहते हैं।
एक दिन पहले पीएम मोदी के हैदराबाद में एक रैली के दौरान दिए गए भाषण पर पलटवार करते हुए ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण हटाने का वादा किया है, 27 प्रतिशत ओबीसी कोटा का विरोध किया है और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा नहीं हटाई है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जातिगत पहचान पर वोट की अपील कर रहे हैं, लेकिन ओबीसी के साथ न्याय नहीं करना चाहते हैं। जब मैं कहता हूं कि भारतीय राजनीति में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व कम है, तो मुझे राष्ट्र विरोधी और सांप्रदायिक कहा जाता है। पीएम मोदी हताश हैं और यह दिख रहा है।

मोदी ने कहा था तेलंगाना से होगा भाजपा का पिछड़ा सीएम

बता दें कि पीएम मोदी ने हैदराबाद के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में कहा था कि जनता के आशीर्वाद से भाजपा का पहला मुख्यमंत्री पिछड़ी जाति का यहीं से बनेगा। बाद में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हैदराबाद आना हमेशा खास होता है और उससे भी ज्यादा खास है शहर के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में वापस आना। मैं 2013 में यहां अपनी रैली को कभी नहीं भूल सकता। उस समय, यह एक ओबीसी पीएम चुनने की यात्रा की शुरुआत थी। आज इसी स्थान से पिछड़े समुदाय से आने वाले तेलंगाना के भाजपा मुख्यमंत्री की उल्टी गिनती शुरू हो रही है।

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