महंत धर्मदास ने भी जमीन की बंदरबांट का लगाया आरोप तो मचा हड़कंप

  • संजय सिंह ने पूछा, क्या महंत भी हैं रामद्रोही
  • गवाहों की संपत्ति की कराई जाए सीबीआई जांच, ट्रस्ट को किया जाए भंग
  • दोषियों के खिलाफ की जाए कड़ी कार्रवाई, पीएम और सीएम को भेजेंगे पत्र
  • सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी कर चुकी है मामले की जांच की मांग
  • राम जन्मभूमि जमीन खरीद घोटाले ने पकड़ा तूल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क. लखनऊ। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में लगे घोटाले का आरोप तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्ष के बाद अब संत भी ट्रस्ट पर सवाल उठाने लगे हैं। राम मंदिर के पूर्व पक्षकार व निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भंग करने की मांग की है। उन्होंने ट्रस्ट पर भगवान की संपत्ति का बंदरबांट करने का आरोप लगाया है। साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। महंत धर्मदास की मांग का विपक्ष ने भी समर्थन किया है। महंत धर्मदास ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच कराए और जमीन की खरीदारी में जो लोग गवाह बने हुए हैं उनके संपत्ति की भी जांच कराई जाए और तत्काल गिरफ्तार किया जाए। अयोध्या में 50 से अधिक मकान व जमीन खरीद चुके हैं लेकिन इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। श्री रामलला अयोध्या के लोगों के हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय सहित अन्य लोग इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के लोग धोखेबाज हैं। सिर्फ लूटने के लिए आए हुए हैं और अब इस मामले में जांच कर कार्रवाई हो, इसके लिए पीएम मोदी, गृहमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेजा जाएगा। गौरतलब है कि इसके पहले हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास और स्वामी स्वरूपानंद सौदे पर सवाल उठा चुके हैं। रामल्या ट्रस्ट के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी जांच की मांग की है।

साढ़े अठारह नहीं, बल्कि 26.5 करोड़ में खरीदी गयी थी जमीन

ट्रस्ट ने 18 मार्च 2021 को दो करोड़ के राजीनामे की जमीन 18.5 करोड़ में नहीं बल्कि 26.5 करोड़ में खरीदी थी। मंदिर परिसर के लिए 12,080 वर्गमीटर जमीन 18.50 करोड़ में खरीदी गई जबकि बगल में 10,370 व.मी. 8 करोड़ में खरीदी गई। सितंबर 2019 में हुए जिस राजीनामे का ट्रस्ट ने हवाला दिया है, उसमें कुल 2.3340 हेक्टेयर जमीन का जिक्र है। इनका गाटा (खसरा) नंबर 242/1, 242/2, 243, 244, 246 है। ट्रस्ट ने नंबर- 243, 244, 246 की जमीन को 18.5 करोड़ में लिया। इसके लिए 17 करोड़ आरटीजीएस से दिए जबकि नंबर- 242/1, 242/2 की जमीन का आठ करोड़ में बैनामा लिया है। इसके तहत हरीश पाठक और कुसुम पाठक ने 18 मार्च 2021 को दो रजिस्ट्री की। पहला बैनामा रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी के नाम 1.208 हेक्टेयर का किया गया। वहीं दूसरा बैनामा गाटा संख्या 242 में ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के पक्ष में 1.037 हेक्टेयर भूमि का बैनामा किया गया। लगभग 100 बिसवा से ज्यादा जमीन ट्रस्ट के पक्ष में सुल्तान अंसारी और रवि मोहन ने 18 करोड़ 50 लाख में अनुबंध किया तो लगभग 80 बिस्वा जमीन उसी जगह के समीप 8 करोड़ रुपए में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने हरीश पाठक और कुसुम पाठक से रजिस्ट्री की है। इस मामले का खुलासा आप सांसद संजय सिंह और सपा नेता पवन पांडेय ने किया था। इसके बाद से ट्रस्ट सवालों के घेरे में है।

बढ़ा जांच का दबाव

राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ऐसे में ट्रस्ट पर जांच कराने को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस जमीन की कीमत 2 करोड़ थी, उसे 5 मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में खरीदकर बड़ा घोटाला किया गया है। पता चला है कि जमीन के लेन-देन के दौरान ट्रस्ट के तीन सरकारी प्रतिनिधियों से मदद या राय नहीं मांगी गई थी। इस ट्रस्ट में केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ यूपी सरकार के एक सीनियर ऑफिसर और अयोध्या के जिलाधिकारी हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि जमीन का सौदा मुख्य रूप से ट्रस्ट के सचिव और विहिप नेता चंपत राय और सदस्य अनिल मिश्रा के द्वारा किया गया। इतना ही नहीं इस ज़मीन का कोई स्वतंत्र या विशेषज्ञ मूल्यांकन भी नहीं किया गया था। ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के प्रतिनिधि महंत कमल नयन दास ने ट्रस्ट के सदस्यों पर किसी भी फैसले की सूचना अध्यक्ष को नहीं देने का आरोप लगाया है। इस पूरे घटनाक्रम पर केंद्र सरकार की नजर है। ऐसे में जांच का दबाब बढ़ गया है।

श्रीराम मंदिर मामले में हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास ने भी कहा है कि ट्रस्ट गरीबों के पैसे से जमीन खरीद में फर्जीवाड़ा कर रहा है। इसकी निष्पक्ष जांच हो और आरोपियों को ट्रस्ट से हटाया जाय। क्या महंत जी भी श्रीराम मंदिर विरोधी हैं?

संजय सिंह, सांसद, आप

सवाल ऐसे ही नहीं उठ रहे हैं फर्जीवाड़ा तो किया गया है। रजिस्ट्री इसका गवाह है। 120 करोड़ लोगों की आस्था का सवाल है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पीएम मोदी और ट्रस्ट को जनता को जवाब देना चाहिए। चंदे का ऑडिट हो।

डॉ. आशुतोष वर्मा, प्रवक्ता, सपा

राम मंदिर की जमीन में फर्जीवाड़ा हुआ है। दस्तावेज झूठे नहीं है। जनता का पैसा बर्बाद किया गया है। साधु-संत भी खुलकर बोल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ट्रस्ट बना है तो अदालत को दखल देना चाहिए। तभी सच्चाई सामने आएगी।

अंशु अवस्थी, प्रवक्ता, कांग्रेस

फर्जीवाड़ा निकल रहा है ट्रस्ट की तरफ से और जवाब बीजेपी दे रही है। ट्रस्ट की तरफ से कोई बड़ा बयान नहीं आ रहा। पीएम मोदी और सीएम योगी को चाहिए कि वे इसकी सीबीआई से जांच कराएं। चंदे का ऑडिट क्यों नहीं हो रहा है।

सुरेंद्र नाथ त्रिवेदी, प्रदेश प्रवक्ता, आरएलडी

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