अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को जेल से रिहा किया जाए : संजय सिंह
- बिकरू कांड को लेकर संजय सिंह ने लिखा गवर्नर को पत्र
लखनऊ। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एवं यूपी प्रभारी संजय सिंह ने बिकरू कांड को लेकर योगी सरकार पर जोरदार हमला किया। आप नेता संजय सिंह ने कहा यूपी में योगी सरकार ने जुल्म नफरत की इंतहा पार कर दी है। बिकरू कांड के बाद कई इनकाउंटर किए गए। अमर दुबे का भी इनकाउंटर किया गया और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया। और जब मामले ने तूल पकड़ा तो तत्कालीन एसपी ने कहा था कि खुशी दुबे निर्दोष है। खुशी दुबे दस महीने से जेल में यातनाय झेल रही और दो बार बीमार हुई। खुशी दुबे की मां जेल में खुशी दुबे की हत्या की आशंका जता रही है। आज तक खुशी दुबे को रिहा नहीं किया। पुलिस ने शुरुआत में जो एफआईआर लिखी थी, उसमे चारों महिलाओं का नाम नहीं है। पत्र में संजय सिंह ने कहा बिकरू कांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे, अमर दुबे की मां क्षमा दुबे, आरोपी हीरू दुबे की मां शांति दुबे, मुख्य आरोपी विकास दुबे की नौकरानी रेखा अग्निहोत्री व उसके ढाई साल के मासूम बेटे को विधि विरुद्ध तरीके से शुरुआती प्राथमिकी में नामजद न होने के बावजूद 10 महीनों से जेल में रखा गया है। इस पूरे मामले में योगी सरकार कोई जवाब देने को तैयार नहीं है। खुशी दुबे पर हत्या सहित 17 मामले दर्ज किए गए जबकि कोई दोष नहीं है। चारों महिलाओं का क्या दोष है जो दस महीने से जेल में रखा है। यूपी में कानून का राज नहीं बचा है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई की आधी रात को पुलिस टीम कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई थी तभी विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला कर एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
भाजपा एमएलसी ने भी उठाया था मुद्ïदा
पिछले साल कानपुर में हुए बिकरू कांड में मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की नवविवाहित पत्नी खुशी दुबे को मामले में शामिल कर उसे जेल में डालने का मामला अब धीरे धीरे गरमाता जा रहा है। पहले भाजपा के एक एमएलसी ने यह मामला उठाया था। आम आदमी पार्टी के प्रदेश के प्रभारी और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने इस बारे में एक पत्र भी राज्यपाल को लिखा है जिसमें कहा गया है कि बिकरू कांड में कुछ निर्दोष महिलाओं को दस माह से जेल में रखने का क्या औचित्य है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पिछले दस माह से खुशी दुबे जेल में है और कई बार उसे बाराबंकी व लखनऊ के अस्पताल में भर्ती कराया गया।