मकर संक्रांति से बदलता है वातावरण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है। जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। नए साल का सबसे पहला पर्व मकर संक्रांति होता है। मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना जाता है। मकर संक्रांति के बाद नदियों में वाष्पन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिससे कई सारी शरीर के अंदर की बीमारियां दूर हो जाती हैं। इस मौसम में तिल और गुड़ खाना काफी फायदेमंद होता है। यह शरीर को गर्म रखता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तारायण में सूर्य का ताप शीत को कम करता है। 15 जनवरी मकर संक्रांति के साथ ही ठंड के कम होने की शुरुआत मानी जाती है।
करें सूर्य चालीसा का पाठ
मकर संक्रांति के दिन सूर्य चालीसा का पाठ करना भी अति उत्तम माना जाता है, इसके अलावा आदित्य हृदय स्रोत का जाप आप कर सकते हैं और सूर्य देव से अपने उज्जवल भविष्य की कामना करें। कहते हैं मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव के सामने अन्न, जल, वस्त्र आदि रखें और फिर इन चीजों का दान जरूरतमंद को करें तो सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। ऐसे में मकर संक्रांति पर सूर्य देव को अघ्र्य देने के साथ ही यह खास उपाय कर सकते हैं।
पतंग महोत्सव पर्व
यह पर्व पतंग महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग छतों पर खड़े होकर पतंग उड़ाते हैं। हालांकि पतंग उड़ाने के पीछे कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना मुख्य वजह बताई जाती है। सर्दी के इस मौसम में सूर्य का प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवर्द्धक और त्वचा और हड्डियों के लिए बेहद लाभदायक होता है।
इस तरह सूर्य को दें अर्घ्य
अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए तो मकर संक्रांति के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान करें और स्नान के पानी में गंगाजल जरूर मिलाएं। गंगाजल ना हो तो तुलसी की मंजरी भी डाली जा सकती है। स्नान के बाद साफ-सुथरे या नए कपड़े पहनें और सूर्य देव का ध्यान करें। 21 बार सूर्य नमोस्तु श्लोक का जाप करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरें और नंगे पैर घर की बालकनी या छत पर जाएं. सूर्य देव के 12 नामों का जाप करें और इसके बाद सूर्य देव को अघ्र्य दें। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तीन बार उसी स्थान पर घूमें, यह सूर्य की परिक्रमा करने के बराबर माना जाता है।
मकर संक्रांति पर करें दान
मकर संक्रांति के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन खिचड़ी का दान देना विशेष फलदायी माना गया है। इस दिन से सभी शुभ कार्यों पर लगा प्रतिबंध भी समाप्त हो जाता है। इस पर्व पर खिचड़ी सेवन और खिचड़ी दान का अत्यधिक महत्व बताया जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन प्रसाद के रूप में खाई जाने वाली खिचड़ी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इससे पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलने लगती है।
तिथि
वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है लेकिन साल 2024 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी 2024 की अर्धरात्रि 02:42 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। उदया तिथि 15 जनवरी को प्राप्त हो रही है. ऐसे में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति के साथ ही एक माह का खरमास भी समाप्त हो जाएगा।