महबूबा ने अपनी ओर से गठबंधन का दरवाजा बंद किया: उमर

बोले- लोस में एकसाथ नहीं तो विस में भी साथ नहीं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू कश्मीर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर पीडीपी के साथ लोकसभा चुनावों में गठबंधन नहीं होता है तो विधानसभा चुनावों में भी दोनों पार्टियां एक साथ नहीं लड़ेंगीं। उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी के कश्मीर में तीनों लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाने के सवाल के जवाब में यह बयान दिया।
उमर ने कहा, कश्मीर की सीटों पर पिछले फार्मूला के बुनियाद पर उम्मीदवार उतारे गए। पहले फैसला यह हुआ था कि जो यहां से जीता है वहीं से चुनाव लड़ेगा। अगर पीडीपी लोकसभा सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती है तो वह लड़ सकती है। लेकिन इससे साफ हो जाता है कि संसदीय चुनावों में गठबंधन नहीं हुआ तो विधानसभा चुनाव में भी एकजुट होने की कोई गुंजाइश नहीं है। उमर ने कहा कि महबूबा ने अपनी ओर से गठबंधन का दरवाजा बंद कर दिया है।

कश्मीर में तीनों सीटों पर लड़ेंगे : महबूबा

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जम्मू कश्मीर की सियासत में हर रोज नई लहरें उठ रही हैं। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी कश्मीर की तीनों सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इसके लिए मंथन चल रहा है। एक से दो दिन में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जाएगी। जम्मू संभाग की दो सीटों को लेकर महबूबा ने कहा कि इस पर उन्होंने कुछ नहीं सोचा है। पीडीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। ऐसे में अपने उम्मीदवार मैदान में उतारने के लिए वे मजबूर हैं।

स्वास्थ्य कारणों के चलते इस बार फारूक अब्दुल्ला नहीं लड़ेंगे चुनाव

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष और श्रीनगर से मौजूदा सांसद फारूक अब्दुल्ला स्वास्थ्य कारणों से इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर के बाहरी इलाके रावलपोरा में एक पार्टी कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

सीट बंटवारे पर चर्चा नहीं की गई

पीडीपी का कहना है कि नेकां ने सीट बंटवारे के लिए उनसे चर्चा नहीं की गई। पार्टी के एक नेता ने कहा कि महबूबा मुफ्ती से चर्चा की गई होती, तो वे इन सीटों को छोड़ सकती थीं। उधर, महबूबा मुफ्ती ने खुद भी कह चुकी हैं कि वह अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर लोकसभा चुनाव पर रणनीति को फाइनल करेंगीं।

नेकां-पीडीपी में नहीं दिख रहा तालमेल

ऐसे में दोनों पार्टियों की जनता के बीच आ रही अलग-अलग बयानबाजी से साफ पता चल रहा है कि अंदर खाते में सब ठीक नहीं है। कश्मीर घाटी में इंडिया गठबंधन अभी भी परिपक्व नहीं हो पाया है। उसमें दरारें साफ दिख रही हैं, जो समय रहते नहीं भरी गई, तो घाटी में गठबंधन बिखर भी सकता है। हालांकि, पीडीपी और नेकां अलग-अलग मंचों से यह कह चुके हैं कि वे इंडिया गठबंधन के साथ हैं और गठबंधन मजबूत है।

जम्मू कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लडऩे जा रहे चुनाव : गुलाम नबी

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के संस्थापक गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने और प्रदेश में भूमि और नौकरी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव लडऩे का फैसला किया है। गुलाम नबी अनंतनाग-राजोरी सीट से चुनाव लड़ेंगे। आजाद ने 2022 में कांग्रेस छोड़ कर पार्टी के साथ अपने पांच दशक लंबे जुड़ाव को समाप्त कर दिया था। इसके बाद उन्होंने डीपीएपी का गठन किया। उन्होंने कहा, ऐसी अटकलें हैं कि जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन दिल्ली और पुडुचेरी की तर्ज पर जहां एलजी को मुख्यमंत्री और उनकी सरकार द्वारा किए गए हर फैसले को मंजूरी देनी होगी। यह गुलाम नबी आज़ाद को स्वीकार्य नहीं है। शायद, यह जम्मू-कश्मीर के किसी भी हिंदू, मुस्लिम, सिख, गुज्जर या पहाड़ी को स्वीकार्य नहीं होगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला द्वारा चुनाव लडऩे के लिए आज़ाद के निर्वाचन क्षेत्र पर आश्चर्य व्यक्त करने पर प्रतिक्रिया देते हुए आजाद ने कहा, यह मेरा राज्य है। किसी के लिए भी यह कहना गलत होगा कि आप बाहरी हैं… हम सभी भारतीय हैं।

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