अब अयोध्या में लगेंगे पर्यटन को पंख कायाकल्प में जुटी योगी सरकार
अगले पांच सालों में अयोध्या को वैभवशाली बनाने का लक्ष्य
राम मंदिर भूमि पूजन के साथ प्रशासनिक मशीनरी हुई सक्रिय
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राम की नगरी अयोध्या में अब पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा। राम मंदिर भूमि पूजन के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अगले पांच सालों में अयोध्या को पयर्टन के तौर पर विकसित करेगी। सरकार की प्रशासनिक मशीनरी इस कवायद में जुट गई है। राम मंदिर भूमि पूजन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि अवधपुरी को दुनिया की सबसे वैभवशाली और समृद्धशाली नगरी के रूप में स्थापित करेंगे। इसके बाद प्रदेश सरकार के तमाम विभाग अयोध्या का कायाकल्प करने में जुट गए हैं। एक तरफ पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से अयोध्या को जोड़ा जा रहा है। वहीं वाराणसी से भी सीधे अयोध्या तक हाईवे बन रहा है। अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के गठन को भी बस कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। अयोध्या में भगवान राम की सबसे बड़ी मूर्ति, क्वीन हो मेमोरियल, डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रिटेशन सेंटर, रामलीला सेंटर, रामकथा गैलरी, ऑडिटोरियम समेत कई योजनाएं हैं, जिन्हें संस्कृति व पर्यटन विभाग चला रहा है। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में सरकार की पर्यटन योजनाओं का 70 से 80 फीसदी बजट अगले पांच सालों के लिए अयोध्या को संवारने के लिए किया जा सकता है।
बेहतर कनेक्टिविटी पर काम
विकास की चौतरफा योजनाओं की बात करें तो अयोध्या विकास प्राधिकरण की सीमाओं का विस्तार किया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि अयोध्या देश का एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनकर उभरे। अयोध्या में एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। यही नहीं लखनऊ और वाराणसी के अंतरराष्टï्रीय एयरपोर्ट से अयोध्या की सीधे कनेक्टिविटी के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस का निर्माण भी हो रहा है। वाराणसी से अयोध्या तक 192 किलोमीटर लंबे काशी-अयोध्या राजमार्ग भी दो साल के अंदर पूरा हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
सुविधाओं को किया जाएगा विकसित
अयोध्या तीर्थ विकास परिषद यहां घाटों, मंदिरों और अन्य आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने की तैयारी में है। अयोध्या व आसपास के इलाके को प्राधिकरण अपनी सीमा में लेकर विकसित करेगा। फाइव स्टार होटलों से लेकर पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर इसे डेवलप किया जाएगा।
अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट का कार्यालय जल्द ही लखनऊ में होगा तैयार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या में पांच एकड़ में मस्जिद निर्माण के संबंध में गठित ट्रस्ट के कामकाज के लिए राजधानी लखनऊ में एक कार्यालय बनाने की प्रक्रिया में जुटा है। ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ट्रस्ट का कार्यालय 10 से 12 दिन में काम करने लगेगा। आईआईसीएफ के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि ट्रस्ट का गठन हो गया है। नियमों के अनुसार हमने पैन कार्ड के लिए आवेदन कर दिया है और उसके आने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद हम ऑनलाइन बैठक कर बैंक खाता खोलने के लिये प्रस्ताव पास करेंगे। हम लोगों ने कार्यालय के लिए जगह तलाश ली है और उसकी साफ-सफाई और रंग रोगन का काम चल रहा है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन अयोध्या के धन्नीपुर गांव में आवंटित की है। आईआईसीएफ, मस्जिद निर्माण, इंडो इस्लामिक सेंटर, पुस्तकालय और अस्पताल बनाने में इस जमीन का इस्तेमाल करेगा।