कोविशील्ड मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जांच की हुई मांग

कोविशील्ड का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर आज बुधवार (1 May) को एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: कोविशील्ड का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर आज बुधवार (1 May) को एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। इस याचिका में एक्स डायरेक्टर की अध्यक्षता में कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभाव और जोखिम की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ पैनल का गठन करने की मांग की गई है। साथ ही ये भी कहा गया है कि ये सब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में किया जाना चाहिए।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। कोविड 19 के बाद दिल का दौरा पड़ने और अचानक बेहोश होने से होने वाली मौतों में काफी बढ़ोतरी हुई है। युवाओं में भी दिल का दौरा पड़ने के कई मामले सामने आए हैं। आपको बता दें कि अब कोविशील्ड के डेवलपर की ओर से यूके की अदालत में दायर किए गए दस्तावेज के बाद हम कोविशील्ड वैक्सीन के जोखिम और खतरनाक परिणामों पर सोचने के लिए मजबूर हैं। जो बड़ी संख्या में नागरिकों को दी गई है।

कोविशील्ड वैक्सीन के सुरक्षा पहलुओं पर विवाद

वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ AZD1222 वैक्सीन कम प्लेटलेट काउंट और दुर्लभ मामलों में रक्त के थक्कों के जमने का कारण बन सकती है। इस वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के रूप में लाइसेंस के तहत बनाया गया था। ऐसे में ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया था कि उसकी कोविड वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्‍ट हो सकते हैं। वैक्सीन निर्माता ने अदालती दस्तावेज़ों में कहा था कि कोविशील्ड, दुर्लभ मामलों में एक ऐसी स्थिति का कारण बन सकती है, जिससे खून के थक्के जम सकते हैं और प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है।

एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा कि हमारी सहानुभूति उन लोगों के साथ है, जिन्होंने अपनों को खोया है या स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी दी है। मरीज की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। टीके समेत सभी दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए रेगुलेटर अथॉरिटीज के पास स्पष्ट और कड़े स्टैंडर्ड हैं।

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