भाजपा सरकार में अत्याचार और भ्रष्टïाचार का बोलबाला: अखिलेश

प्रदेश में कोई भी नहीं सुरक्षित, कानून व्यवस्था ध्वस्त
कोरोना संकट पर गंभीर नहीं सरकार, स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि लगता नहीं है कि उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई संस्था भी है। सर्वजन विरोधी भाजपा सरकार में न किसान, न दलित, न सवर्ण, न पिछड़े, न अल्पसंख्यक, न नौजवान और न पत्रकार सुरक्षित हैं। सुरक्षित हैं तो सिर्फ सत्ताधीशों का विशेष वर्ग जिसे न कानून की परवाह है और न लोकलाज की। प्रदेश में अत्याचार, भ्रष्टाचार और अनाचार पर कहीं कोई नियंत्रण नहीं।
उन्होंने कहा कि जौनपुर में पुलिस की मौजूदगी में दलितों पर दबंगों ने गोलियां बरसाईं। लाठी-डंडो से पीटा। कासगंज में दबंगों ने रेप किया और पुलिस ने पीडि़ता के परिवारीजनों का ही उत्पीडऩ किया। लखीमपुर खीरी के निघासन थाना क्षेत्र में दो सगी नाबालिग बहनों को पहले अगवा किया गया फिर उनके साथ गैंगरेप किया गया। पुलिस ने 18 घंटे बाद रिपोर्ट लिखी उसमें भी जबरन तहरीर बदलवा दी और दबाव बनाने के लिए पीडि़ता के परिवारवालों को ही कोतवाली में बैठाए रखकर परेशान किया गया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों की मदद के बजाय शराब तस्करी में भाजपाई व्यस्त हो गए हैं। कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर के बाद किशनी में अवैध शराब का धंधा करते भाजपा का सेक्टर संयोजक पकड़ा गया। सत्ता के संरक्षण में शराब तस्करी, अवैध खनन और दूसरे अपराध खूब पनप रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रति भी राज्य की भाजपा सरकार गंभीर नहीं है। संकट के इन दिनों में भी 20 दिन से ज्यादा हो गए चिकित्सा स्वास्थ्य का महानिदेशक पद खाली है। सरकार एक योग्य महानिदेशक का चयन तक नहीं कर सकी है। जब विभाग में मुखिया ही नही है तो कामकाज कैसे चुस्त-दुरूस्त होगा? स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का तो अब मुख्यमंत्री की टीम इलेवन के अफसरों को भी एहसास हो चला है। एम्बुलेंस सेवा हांफ रही है। अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। इन पदों पर भर्ती रूकी हुई है। संवेदना को झकझोर देने वाली एक तस्वीर देवरिया की है जहां एक मासूम बच्चे को स्ट्रेचर ढकेलना पड़ रहा है। इससे पूर्व भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं पर कहीं कोई सुधार के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। महाभ्रष्ट भाजपा सरकार के कार्यकाल में जनता पर चौतरफा मार पड़ रही है। मंहगाई, बीमारी और सरकारी उदासीनता ने जिन्दगी दूभर कर दी है। मुख्यमंत्री को नए-नए आदेश जारी करने के बजाय निष्पक्ष ढंग से हालात का जायजा लेना चाहिए। केवल बयानबाजी से प्रदेश का भला होने वाला नहीं।

भाई के हमले में जख्मी महिला अधिवक्ता की मौत

लोहे की रॉड से बहन के सिर पर किया था वार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। भाई के हमले में गंभीर रूप से जख्मी महिला अधिवक्ता नैंसी केशरवानी की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। मुटठीगंज पुलिस ने मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ा दिया है और अभियुक्त अभिनव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इंस्पेक्टर मुटठीगंज का कहना है कि पिता की तहरीर पर हमले का मुकदमा लिखा गया था, जिसे हत्या में तरमीम कर दिया गया है।
बलुआघाट मुहल्ला निवासी नंद किशोर की बेटी नैंसी वकालत करती थीं। उसका अपने भाई अभिनव से अक्सर किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा होता रहता था। रविवार दोपहर नैंसी मोबाइल पर किसी से बात कर रही थी। यह देख अभिनव ने नाराजगी जताई। मगर नैंसी बात करती रही। इस पर अभिनव का गुस्सा बढ़ गया और उसने लोहे की रॉड से बहन के सिर पर वार कर दिया। बीच बचाव करने पर पिता के हाथ में भी चोट लग गई थी। गंभीर हालत में नैंसी को रामबाग स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहां से उसे लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया था। लखनऊ में डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती नहीं किया तो स्वजन नैंसी को लेकर वापस आ गए और जार्जटाउन स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इससे परिवार में मातम छा गया।

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