करोड़ों की जमीन पर 20 साल से कब्जा पार्कों को मुक्त नहीं करा पा रहा एलडीए

पार्क की जमीन पर बनाई गाजीपुर थाने की एचएएल चौकी
जज की सिक्योरिटी बैरक कब्जे की जमीन पर बनी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एलडीए के जोन पांच में अवैध कब्जों की भरमार है। यहां की अधिकतर जमीन पर अवैध कब्जे हैं। बावजूद एलडीए अपनी ही जमीन नहीं मुक्त करा पा रहा है। अयोध्या रोड पर एलडीए की तकरीबन सौ करोड़ से अधिक की जमीन पर बने चार पार्कों की जमीन पर बीस साल से कब्जा है लेकिन एलडीए इसको मुक्त नहीं करा पा रहा है। वैसे यह कब्जा एकाएक नहीं बल्कि धीमे-धीमे और चोरी-छिपे किया गया।
जोन पांच एलडीए की जमीन है। बावजूद यहां लोगों द्वारा अवैध कब्जा जारी और इसकी भनक तक एलडीए को नहीं लगी। यह बात यहां के निवासियों से पच नहीं रही है। उनका कहना है कि जब जमीन एलडीए की है तो जिम्मेदार चुप क्यों है। ये सब मिलीभगत का मामला है, तभी आज तक पार्क कब्जा मुक्त नहीं हो पाए हैं। एलडीए के द्वारा 1988 में बनाए गए कैलाश कुंज व्यापारिक भवन के ठीक सामने पार्क है। और इस पार्क में गाजीपुर थाने की एचएएल चौकी सहित जज की सिक्योरिटी की बैरक बनी हुई है, जिस पर अवैध कब्जा है। कॉम्प्लेक्स में पेंशन का निदेशालय भी मौजूद है। हैरानी की बात यह है कि यहां दिनभर अधिकारियों की आवाजाही लगी रहती है लेकिन किसी का इस ओर कभी ध्यान ही नहीं गया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मामला जानकारी आने के बाद भी इस जमीन को एलडीए कितनी जल्दी कब्जा मुक्त करवा पाता है।

शिकायत पर अंजान बन जाता है एलडीए

पहले नंबर के पार्क के सामने जावेद अहमद की हार्डवेयर की चालीस साल पुरानी दुकान है। वह बताते हैं कि उन्होंने बीस से अधिक बार इसकी शिकायत की लेकिन कोई उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं हुआ। 1988 में इस क्षेत्र का विकास हुआ था तब पार्क का निर्माण हुआ था। पार्क में चारों तरफ दस फिट चौड़ा रास्ता था। देखते ही देखते सब खत्म हो गया। अवैध कब्जे को लेकर जब उन्होंने आवाज उठाई तो उनसे मारपीट की गई। थाना पुलिस के चक्कर में उन्होंने किसी को टोकना भी बंद कर दिया। उन्होंने बताया कि पार्क में पहले झरने लगे थे। लाइटें लगी हुई थी। लोग यहां घूमने आते थे। बच्चे खेला करते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है।

जज की बैरक और पुलिस चौकी बड़ी चुनौती

चौथे नंबर पार्क पर ब्रास बैंड की दुकानें और छोटी-2 झुग्गियां बन गई है। वहीं पास में ही रह रहे जज की सिक्योरिटी ने अपनी गारद बना ली है। जज की सुरक्षा में तैनात गारद को हटाना एलडीए के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा। बिजली विभाग ने तीन साल पहले यहां पर रातों-रात ट्रांसफार्मर रख दिया। वहीं गाजीपुर की चौकी भी बन गई है।

मामले की जानकारी हुई है। क्षेत्रीय अभियंता को जांच के आदेश दिए गए हैं। जमीन का निरीक्षण होगा। रिपोर्ट आते ही जगह को कब्जामुक्त करवाया जाएगा।
के.के. बंसल, अधिशासी अभियंता, जोन एक व पांच

कब्जे की जमीन पर दुकान, रोजाना तीन हजार किराया वसूली

वर्ष 2004 में 8 वर्ग फिट की एक दुकान बनाकर पराग दूध का बूथ बनाया गया था। कुछ साल बाद धीरे-धीरे अतिक्रमण शुरू हो गया। पार्क की ग्रील गायब होती गईं। दीवारें पूरी तरह तोड़ दी गईं और देखते ही देखते चारों पार्क कॅमर्शियल जगह बन गया। वहीं पराग बूथ जिसे एलॉट किया गया, उसने बगल में पक्का निर्माण करा दिया। उसने इस दुकान को किराए पर उठा दिया है। वह इसके एवज में तीन हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से वसूली भी करता है।

बन गया कार बाजार और कूड़ा घर

चार पार्कों में से दूसरे नंबर के पार्क में आज से तीन साल पहले नगर निगम ने खाली पड़ी जगह पर अपना कूड़ा घर बना दिया था। व्यापारियों ने अवैध रूप कार बाजार बना ली। तीसरे नंबर पार्क पर छोटी मोटी बस्ती भी बन गई, जिससे क्षेत्र में गंदगी फैली रहती है। पक्की दुकानें बन गई और पास में ही गाजीपुर थाने की एचएएल चौकी भी बना दी गई है।

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