लोकतंत्र का महापर्व पूरा.. हिंदू-मुसलमान या जनता के मुद्दे और संविधान, किसका पलड़ा भारी ?
लोकतंत्र का महापर्व पूरा.. हिंदू-मुसलमान या जनता के मुद्दे और संविधान, किसका पलड़ा भारी ?
दोनों ही पक्षों के अपने-अपने दावे हैं.. असलियत का पता तो 4 जून को चुनाव परिणाम के वक्त पता चलेगा.. जब ईवीएम में कैद किस्मत का पिटारा खुलना शुरू होगा.. हालांकि, इस बार के पूरे चुनाव में कहीं किसी भी पार्टी या नेता की कोई लहर देखने को नहीं मिली..



