दिल्ली में जल संकट पर जारी है सियासत

आतिशी के अनशन का आज चौथा दिन

  • अनशन के बाद हरियाणा ने पानी और कम किया : भारद्वाज

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली में जल संकट पर सियासी पारा बढ़ा हुआ है। जल मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी हैं। अनशन का आज चौथा दिन है। वहीं उपराज्यपाल ने आप नेताओं को भरोसा दिया कि वे हरियाणा सरकार से दिल्ली को पानी दिलाने का प्रयास करेंगे। आतिशी के अनशन का आज चौथा दिन है। आतिशी ने वीडियो मैसेज जारी किया है। डॉक्टर बता रहे हैं मेरा कीटोन लेवल खतरनाक है। मुझे अनशन से उठ जाना चाहिए। दिल्ली में पानी लाने के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हूं। मैं अपना अनशन जारी रखूंगी।
संजय सिंह ने बताया कि नहरों की लीकेज को खत्म करने पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। दिल्ली में 12 हजार किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने का काम किया गया। इस दौरान एलजी ने भी कुछ सुझाव दिए, जिस पर मिलकर काम करने की सहमति बनी। वहीं इस बीच दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब से आतिशी ने अनशन शुरू किया है तब से हरियाणा सरकार ने दिल्ली का पानी और कम कर दिया है। दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, हरियाणा की भाजपा सरकार लगातार झूठ बोल रही है, वे पानी कम कर रहे हैं। आतिशी के धरने पर बैठने के बाद हरियाणा ने कम से कम 17 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) और पानी कम कर दिया है। अतिशी के अनशन से पहले हरियाणा 100 एमजीडी कम दे रहा था। अब हरियाणा 117 एमजीडी पानी कम दे रहा है।

आतिशी और भाजपा नेता पानी संकट का समाधान खोजने के बजाय राजनीति कर रहे: कांग्रेस

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अंतरिम प्रमुख देवेंद्र यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि राष्टï्रीय राजधानी में पानी की कमी के मुद्दे का समाधान खोजने के बजाय जल मंत्री आतिशी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद एवं नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं। यादव ने एक बयान में कहा कि आतिशी महज राजनीतिक तमाशा कर रही हैं। दिल्ली की मंत्री ने भाजपा शासित हरियाणा पर 100 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) कम पानी छोड़ कर दिल्ली के लगभग 28 लाख लोगों को वंचित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के हिस्से का पानी जारी करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठीं मंत्री को ‘‘जल सत्याग्रह नाटक’’ करने से पहले इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए थे।

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