पीएम के दौरे के बाद चढ़ा जम्मू-कश्मीर का सियासी पारा

पीडीपी ने कसी कमर कांग्रेस की भी तैयारी दिल्ली दरबार पहुंच रहे भाजपाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे के बाद अब प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढऩे लगी है। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के बाद क्षेत्रीय दल भी एक्शन मोड में आए रहे हैं। चुनाव आयोग ने भी मतदाता सूचियों को 20 अगस्त तक अपडेट करने का निर्देश जारी कर दिया है। आयोग ने पहले ही संकेत दिया है कि वह प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है।
वहीं, कांग्रेस ने 27 जून को विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक बुलाई है। भाजपा में भी बैठकों का दौर जारी है। नेताओं और कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाने के लिए कहा गया है।
हालांकि, पीएम मोदी के दौरे से पहले ही प्रदेश में चुनाव प्रभारी की घोषणा कर दी गई थी। इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री जी कृष्ण रेड्डी को सौंपी गई है। हालांकि अभी उनका प्रदेश में दौरा हो नहीं पाया है। ऐसे में खबर मिल रही हैं कि भाजपा के प्रदेश नेता उनके दिल्ली दरबार में पहुंचना शुरू हो गए हैं। हाल ही में जम्मू के पूर्व मेयर राजिंद्र शर्मा ने दिल्ली में जी कृष्ण रेड्डी से मुलाकात की है।

लोकसभा चुनाव के बाद पीडीपी की जम्मू में पहली बैठक

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कश्मीर घाटी की तीन सीटों पर चुनाव लड़ा। जम्मू की सीटों पर बिना किसी शर्त के कांग्रेस को समर्थन दिया। लेकिन पीडीपी को कश्मीर में तीनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। शनिवार को जम्मू के गांधीनगर में पीडीपी चुनाव के बाद पहली सार्वजनिक बैठक की। इसमें विधानसभा चुनावों को लेकर अपनाई जाने वाली रणनीति पर मंथन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपाध्यक्ष अब्दुल हमीद चौधरी ने की। इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं को जम्मू संभाग में जमीनी स्तर पर पार्टी की गतिविधियों को बढ़ाने के साथ कैडर को और मजबूत करने के निर्देश जारी किए गए। लोगों के बीच जाकर संवाद बढ़ाने व पार्टी की विचारधारा से जोडऩे के लिए कहा गया। बैठक में जम्मू ग्रामीण, शहरी व सांबा जिले के कार्यकर्ता मुख्य रूप से मौजूद रहे।

चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर को दोबारा मिले राज्य का दर्जा : पीडीपी

मिशन स्टेटहुड की ओर से विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जानीपुर में प्रदर्शन किया गया। अध्यक्ष सुनील डिंपल ने कहा कि राज्य का दर्जा छिनने से लोगों के अधिकारों का हनन हुआ है। चुनाव आयोग से बिना देरी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने की मांग की गई। चेतावनी दी कि वे विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर राज्य की बहाली के लिए आंदोलन शुरू करेंगे।

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